close
भोपालमध्य प्रदेश

डॉ. सरस्वती सुसाइड केस, एचओडी डॉ अरुणा के इस्तीफे और कार्यवाही की मांग, आंदोलन प्रदेशव्यापी हुआ, प्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

Dr. Saraswati
Dr. Saraswati

भोपाल/ गांधी मेडीकल कॉलेज भोपाल की जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती के सुसाइड मामले में गायनिक डिपार्टमेंट की एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार के खिलाफ कार्यवाही और इस्तीफे की मांग अब प्रदेश व्यापी हो गई है शनिवार से भोपाल सहित प्रदेश के सभी मेडीकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे इमरजेंसी सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

पिछले 5 दिन से भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है उनकी मांग है कि गायानिक विभाग की एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार इस आत्महत्या की दोषी है इसलिए वह इस्तीफा दे। हड़ताल में मृतक डॉक्टर सरस्वती के मां पिता और बहन भी शामिल हुए, जूनियर डॉक्टर एसोसियेशन भोपाल के अध्यक्ष डॉ संकेत सीते के मुताबिक अब शनिवार से भोपाल के साथ ही अब यह हड़ताल प्रदेश व्यापी हो गई है और इंदौर ग्वालियर जबलपुर सागर और रीवा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि एशोसीयेशन के प्रवक्ता डॉ कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमारे आंदोलन और हड़ताल को अब अन्य प्रदेशों हरियाणा राजस्थान आंध्र प्रदेश तामिलनाडू तेलंगाना और बिहार के जुनियर डॉक्टरो का भी समर्थन मिल रहा है साथ ही अमृतसर में डॉक्टर सरस्वती को न्याय दिलाने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला गया हैं।

27 साल की डॉ बाला सरस्वती जीएमसी में गायनेकोलॉजी की थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी रविवार रात उन्होंने एनेस्थीसिया इंजेक्शन का ओवर डोज लेकर आत्महत्या कर ली थी सोमवार सुबह वह घर के पूजा वाले कमरे में बेहोशी की हालत में मिली थी, पति जयवर्धन चौधरी ने सुबह 6.55 पर देखा तो उनके होठ नीले पड़ गए थे उन्होंने अपने साले को फोन पर बताया अनहोनी की आशंका के चलते वे उन्हें अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

पति जयवर्धन चौधरी ने गायनिक विभाग की एचओडी सहित 3 डॉक्टरों पर उनकी पत्नी डॉ सरस्वती को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है उनका कहना है कि डॉक्टर सरस्वती से 36 घंटे काम कराया जाता था उनकी थिसिस स्वीकार नही की जा रही थी उसे 6 महीने का एक्सटेंशन दिया गया था पहले उसने मेडीकल लीव ली थी उसे एप्रूब नही किया गया उसे जूनियर के सामने कामचोर कहा जाता था जिसके कारण वह डिप्रेशन में आ गई थी।

उन्होंने कहा वह एमपी नगर में लंच के लिए गए थे वहां मेसेज आया कि 4 बजे ड्यूटी देना है हम बीच में ही लौट आए वह ड्यूटी पर चली गई लौटने पर खाने के बाद टीवी देखा और हम सो गए नामालूम वह रात में कब उठ गई सुबह दूसरे कमरे में मिली।

डॉ सरस्वती का एक सुसाइड नोट मिला जो बेहद मार्मिक और दिल को छू लेने वाला है जिसमें उन्होंने लिखा कि… भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना मेरी सबसे बड़ी भूल थी ,मुझे इस कॉलेज को चुनने के बाद सबसे ज्यादा अफसोस है मैने बहुत कुछ पढ़ा सीखा समझा और किया, इन लोगों में बेहद जहर भरा हुआ है में इस जहर को बर्दाश्त नहीं कर सकती, मैं माफी चाहती हूं।

अपने पति को संबोधित करते हुए लिखा .. जय तुम मेरी जिंदगी के सबसे खास इंसान हो ..मेरी दुआओं में तुम हमेशा शामिल रहे हो ,अपने हर सपने को पूरा करना ..अपना ध्यान रखना,में हमेशा तुम्हारी हौसला अफजाई के कारण यहां तक पहुंची हूं मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूं, तुम दूसरी शादी कर लेना और अपना जीवन आगे बढ़ाना। अंग्रेजी में लिखे इस नोट को उसने अपनी एक सहेली को भी पोस्ट किया।

इधर डॉक्टर सरस्वती की मां और पिता पीएम हाउस पर फूट फूट कर रोए उनकी छोटी बेटी उन्हे ढांढस बंधाती रही। पिता बैंकटेश्वर राव ने कहा मेरी बेटी ने आपके प्रदेश के सैकड़ों बच्चों को जन्म दिलाया आपने उसे मुझे कफन में लौटाया। वही डॉक्टर सरस्वती की अचानक मौत से उनके विभाग की जूनियर डॉक्टर और स्टॉफ काफी दुखी है क्योंकि डॉ सरस्वती सभी की काफी फेवरेट थी जो जूनियर की काफी मदद करती थी जूनियर को अफसोस है कि मेम ने उनसे कभी भी अपनी तकलीफ शेयर नही की खुद बर्दाश्त करती रही और इस तरह से हमें छोड़कर चली गई।

खास बात है डॉ बाला सरस्वती 14 सप्ताह की गर्भवती थी और सुसाइट की घटना से तीन दिन पहले वह एक सीजेरियन डिलीवरी करते समय अचानक बेहोश होकर नीचे गिर गई थी तब एनेस्थीसिया के डॉक्टर ने उन्हें उठाया और पानी पिलाया और खाना भी खिलाया था।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

Leave a Response

error: Content is protected !!