भोपाल/ केबिनेट मंत्री रामनिवास रावत को वन एवं पर्यावरण विभाग का प्रभार दिया गया है केबिनेट मंत्री की शपथ ग्रहण करने के 13 दिन बाद उन्हें विभाग सौंपा गया है। श्रीरावत लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए है। लेकिन श्री रावत को उनका विभाग देने से नागर सिंह चौहान नाराज हो गए है उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की है उसके बाद उन्हें दिल्ली तलब किया गया है।
8 जुलाई 2024 सोमवार को रामनिवास रावत ने राजभवन में केबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी, उसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था रावत श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधायक बने थे उनके इस्तीफा देने से अब यह सीट खाली हो गई है अब यहां उपचुनाव होंगे।
जैसा कि वन एवं पर्यावरण विभाग का बजट 4 हजार 725 करोड़ का है।अभी तक विभाग नागरसिंह के पास था यह विभाग रावत को मिलने से अब नागर सिंह के पास अनुसूचित जाति कल्याण विभाग रह गया है लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग रावत को दिए जाने से नागर सिंह चौहान नाराज हो गए है और उन्होंने इस्तीफा देने की बात अलीराजपुर प्रवास के दौरान मीडिया के सामने कही है, उनका कहना है कि वह आदिवासी समाज के विकास और उत्थान के लिए प्रयासरत है विभाग छिनने वह कार्य प्रभावित होगा। बताया जाता है बीजेपी नेतृत्व ने उन्हें दिल्ली तलब किया है उसके बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी नेतृत्व से बातचीत करने के बाद वह आगे अपना निर्णय लेंगे।
मध्यप्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार में 2 डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल सहित 19 केबिनेट और 10 राज्य मंत्री हो गए है और रामनिवास रावत सहित गोविंद सिंह राजपूत प्रद्युम्न सिंह तोमर तुलसी सिलावट मिलाकर 5 मंत्री है जो कांग्रेस से बीजेपी में आए है।
रामनिवास रावत चंबल क्षेत्र के बड़े कद्दावर ओबीसी नेता है जो विजयपुर सीट से 6 बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं, 2019 में वह मुरैना से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके है साथ ही वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे है इसके अलावा श्री रावत दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके है। वह 30 अप्रैल 2024 को बीजेपी में शामिल हुए थे।