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जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग जारी शोपियां में आतंकियों ने दो कश्मीरी पंडितों को गोली मारी एक की मौत, इस साल आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी गुस्साएं लोग सड़कों पर उतरे

Terrorist Killed in Encounter

शोपियां / जम्मूकश्मीर में टारगेट किलिंग पर फिलहाल किसी तरह का अंकुश नहीं लग पा रहा है कश्मीर के दक्षिण इलाके में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडितो को अपना निशाना बनाया है यहां के शोपियां में आतंकियों ने दो भाईयों पर गोलीबारी की जिसमें एक भाई की घटना स्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरा भाई गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया है जिसे स्थानीय पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है सुरक्षा बल आसपास के इलाके में गहन सर्चिंग कर हमलावर आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं। जबकि इस आतंकी हमले को तिरंगा यात्रा से जोड़कर देखा जा रहा हैं। जबकि सबाल यह भी है कि क्या सरकार के विश्वास और सुरक्षा के विश्वास का खामियाजा कश्मीरी पंडितों को उठाना पड़ रहा है क्योंकि पिछले तीन महिने में कश्मीर घाटी में करीब एक दर्जन कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतार दिया गया है।और पिछले 24 घंटे में यह दूसरा हमला हैं। वहीं पिछले साल की अपेक्षा इस साल अगस्त में ही आतंकी वारदातों में इजाफा देखा जा रहा हैं। लेकिन इन हत्याओं को लेकर घाटी में भारी गुस्सा है और लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बागान पहुंचने पर भाइयों पर हमला 24 घंटे में दूसरी आतंकी वारदात –

मंगलवार की सुबह शोपियां के चोटीगाम में रहने वाले दो भाईयों पिंटू उर्फ पीतांबर और सुनील कुमार पर अचानक यह आतंकी हमला हुआ जब यह भाई अपने बागान पर प्रवेश कर रहे थे तभी आतंकवादियों ने इनसे नाम पूछे और उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग की और फरार हो गए इस वारदात में गोली लगने से सुनील कुमार (45 साल) ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरे भाई पिंटू को भी गोलियां लगी है जिसकी हालत गंभीर बताई जाती हैं खबर मिलने पर सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल युवक को तुरत फुरत अस्पताल में भर्ती कराया और घटना स्थल की जांच की साथ ही पूरे इलाके में छानबीन के साथ सर्चिंग ऑपरेशन चलाकर आतंकियों की तलाश शुरू कर दी हैं। पिछले 24 घंटे में कश्मीरी पंडितों पर यह दूसरी आतंकी घटना है सोमवार को आतंकियों ने बड़गाम में एक घर पर ग्रेनेड से हमला किया था जिसमे करण कुमार नामक युवक घायल हो गया था। खास बात है मंगलवार की घटना के लिए 15 अगस्त के मौके पर निकाली गई तिरंगा यात्रा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा हैं।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला हाथ खड़े किए –

जैसा कि इसी साल चोटीगाम में एक कश्मीरी पंडित के हमले के बाद दो परिवार घाटी छोड़कर चले गए अब यहां केवल 5 परिवार ही बचे है जबकि इस खूनी वारदात के बाद पंडित समुदाय में सरकार को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है और उन्होंने बड़गाम में प्रदर्शन शुरू कर दिया है और जगह जगह टायर जलाकर प्रदर्शन के साथ नारेबाजी शुरू कर दी है।और कश्मीरी पंडित और अन्य हिंदू कर्मचारियों ने कश्मीर में काम करने से इंकार कर दिया हैं। चोटीगाम में ही 4 अप्रैल को सुनील के पड़ोसी सोनू पर गोली चलाई गई थी जिससे वह घायल हो गया था जिसको लेकर सोनू के भाई अनिल ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था अनिल का कहना है हमले के बाद हम लोग संभागीय आयुक्त से मिले उनके मना करने पर डीसी शोपियां से मिले लेकिन उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए और सुरक्षा देने से मना करते हुए उल्टा जिले से नहीं जाने को कहा। उन्होंने बताया पुलिस पिकेट लगाई गई है लेकिन हमें काम के लिए तो बाहर जाना ही पड़ता है अब घायल भी विकलांग हो गए है जिससे संकट पैदा हो गया हैं। बताया जाता है मृतक सुनील की 4 बेटियां है और उसके भाई पिंटू की एक बेटा एक बेटी है।

प्रशासन नही भेजता तो लोग खुद सुरक्षित क्षेत्रों में चले जाएं कहा संघर्ष समिति ने –

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के प्रमुख संजय टिक्कू ने कहा है कि घाटी में रहने वाले पंडितों को आतंकी मार डालना चाहते है पीड़ित परिवारों ने पुलिस और प्रशासन से गुहार लगाई थी कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया जाए लेकिन उनकी मांग ठुकरा दी गई उन्होंने आव्हान किया है कि घाटी में रहने वाले सभी कश्मीरी पंडित जम्मू या दिल्ली चले जाएं।

प्रशासन को करना पड़ा गुस्से का सामना –

इस हमले के बाद उपराज्यपाल मनोज सिंहा घायल पीतांबर से मिलने आर्मी अस्पताल पहुंचे और हालचाल जाने। जबकि इस घटना से प्रशासन में हड़कंप है संभागीय आयुक्त पांडुरंग पोल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी जब मृतक सुनील के घर सांत्वना देने पंहुचे तो उन्हे लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा लोगों ने कहा हम अपने माता पिता बीवी बच्चों को खोना नहीं चाहते इसलिए हमें यहां से निकालकर सुरक्षित इलाके में भेज दीजिए।

इस साल घटनाओं में इजाफा अगस्त 2022 तक 24 की हत्या –

जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है पिछले साल 2021 में 15 घटनाऐं हुई थी जबकि इस साल अगस्त 2022 तक 24 लोग मारे जा चुके है कश्मीर में पिछले तीन महीने में ख़ासकर कश्मीरी पंडितो को टारगेट बनाकर हत्या की जा रही है इसके साथ ही अन्य लोगों पर भी आतंकवादियों ने हत्या के साथ जानलेवा हमले किए है। जिसमे 4 अप्रैल को शोपियां में बालकृष्ण भट्ट की हत्या के साथ इसी दिन दवा कारोबारी पर हमला, 13 अप्रैल को कुलगाम में सतीश सिंह की हत्या 22 अप्रेल को देवराज की हत्या 7 मई को पुलिस कांस्टेबल की हत्या 9 मई को एक नागरिक की हत्या 12 मई को बड़गाम में राहुल भट्ट की हत्या 24 मई को पुलिस कर्मी की हत्या 25 मई को बड़गाम में टीवी एक्ट्रेस अमरीन भट्ट की हत्या 31 मई को कुलगाम में शिक्षिका रजबीबाला की हत्या, जबकि 2 मई को पहली वारदात में बैंक मेनेजर की गोली मारकर हत्या और उसी दिन 2 प्रवासी मजदूरों पर हमला जिसमें एक मजदूर की मौत ,3 जून को ग्रेनेड से हमला जिसमें 3 प्रवासी मजदूर घायल हुए थे। इस तरह कश्मीरी पंडितो पर आतंकवादियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे शासन प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद आतंकवादी की गतिविधियों में किसी तरह का गतिरोध फिलहाल नहीं लग पा रहा हैं। जिससे यहां रहने वालो का सरकार पर से विश्वास उठता जा रहा हैं।

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