भोपाल/ मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने चुनाव घोषित होने से पहले 39 प्रत्याशी घोषित तो कर दिए लेकिन इनमें कुछ सीट ऐसी है जहां बगावत की बू आ रही है कुछ सीटों पर हाल में बीजेपी में आए नए लोगों को टिकट दे दिया गया तो कुछ पर बाहरी को मौका दे दिया जिससे टिकट के दावेदार और उनके समर्थक नाराज हो गए है और सड़कों पर विरोध करने उतर आएं है कुल मिलाकर आधा दर्जन से अधिक सीटों पर यह स्थिति सामने आ रही हैं। जबकि पार्टी ने डेमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
प्रमुख रूप से सागर की बंडा,गुना की चाचौड़ा, छतरपुर की महाराजपुर एवं छतरपुर और डिंडोरी की शाहपुरा मुरैना की सबलगढ़ सोनकच्छ और लांजी वह सीटें ऐसी है जहां बीजेपी के लिए सब कुछ ठीक ठाक नही कहा जा सकता।
सागर जिले की बंडा विधानसभा से भाजपा ने वीरेंद्र सिंह लंबरदार को प्रत्याशी बनाया है जो पूर्व सांसद शिवराज सिंह लोधी के पुत्र है लेकिन यहां से रंजोर सिंह ने भी अपनी दावेदारी की थी और उन्हें पूरी आशा थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी लेकिन उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया उनके समर्थकों में इससे भारी रोष है उन्होंने इसके विरोध में शाहगढ़ में रैली निकाली और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के खिलाफ नारेबाजी भी की।
लांजी से राजकुमार कर्राये को टिकट मिला है लेकिन उनका घोर विरोध शुरू हो गया है जैसा कि यह पहले भाजपा छोड़कर आप में चले गए थे और जिस दिन सूची जारी हुई उसकी सुबह यह बीजेपी में शामिल हो गए और शाम को घोषित सूची में बंडा से इन्हें प्रत्याशी भी बना दिया गया। जिसको लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी गुस्सा देखा जा रहा है उनका कहना है जो पार्टी छोड़ गया और कल तक आप का प्रचार कर रहा था इस भगोड़े को टिकट देकर पार्टी ने जमीनी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं का अपमान किया है हम इसे जीतने नही देंगे। इस बारे में भाजपा नेता भटेरे ने कर्राये को गद्दार करार देते हुए दावा किया कि पार्टी को हरहाल में टिकट बदलना पड़ेगा।
छतरपुर में बीजेपी ने ललिता यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन शनिवार को उनके खिलाफ वहां के मुख्य बाजार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी रैली निकाली कार्यकर्ता बीजेपी नेता अर्चना गुड्डू सिंह को प्रत्याशी बनाने की पुरजोर मांग कर रहे थे जो प्रदर्शन रैली में उनके नाम की तख्तियां और पोस्टर लिए थे प्रदर्शन में महिलाएं भी भारी संख्या में मोजूद थी
पार्टी ने मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट से रणवीर सिंह रावत टिकट की लाइन में थे उन्हें और उनके समर्थकों को पूरी आशा थी कि पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाएगी लेकिन बीजेपी ने इस सीट से सरला विजेंद्र रावत को उम्मीदवार घोषित किया। जिसको लेकर रणवीर सिंह रावत के पुत्र आदित्य रावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया और कहा जिसने पूरी निष्ठा से काम करते हुए 20 साल पार्टी को दिए उसका यह सिला मिला जिससे हड़कंप मच गया बाद में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का रणवीर रावत को बुलावा भी आ गया।
गुना जिले की चाचौड़ा सीट से भाजपा ने प्रियंका मीणा की उम्मीदवारी घोषित की है लेकिन पूर्व विधायक ममता मीणा उनके आड़े आ गई है और उन्होंने मोर्चा खोल दिया है ममता मीणा ने साफ साफ कहा है कि स्थानीय कार्यकर्ता की कोई रायशुमारी नही हुई ना ही मंडल अध्यक्षों से ही पूछा गया उनसे कोई बात नही की गई, और पार्टी ने जिसे टिकट (प्रियंका मीणा) दिया है वे जिला पंचायत सदस्य तक का चुनाव हार गई इनके देवर भी हार गए उनके परिवार का ही क्षेत्र में कोई वर्चस्व नही है ऊपर से टिकट हो गया यह पैराशूट से उतरा प्रत्याशी मंजूर नहीं है उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा आगे कार्यकर्ता जो कहेंगे मैं वही करूंगी।
इधर सोनकच्छ सीट (अजा) से पार्टी ने राजेश सोनकर को टिकट देकर उन्हें साधने का प्रयास किया है लेकिन इसी सीट से पूर्व विधायक रहे राजेंद्र वर्मा ने सबाल उठाया है कि उनके साथ अन्याय हुआ है जब 23 हजार वोटों से हारे पूर्व मंत्री लाल सिंह सहित अन्य हारे लोगों को टिकट दिया जा सकता है तो मेरे साथ क्या दिक्कत थी। पिता फूलचंद वर्मा 5 बार के सांसद थे जिन्होंने पंडित दीनदयाल जी के साथ काम किया है।
जबकि डिंडोरी जिले की शाहपुरा सीट से पार्टी ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश ध्रुवे को प्रत्याशी बनाया है लेकिन वह डिंडोरी सीट से चुनाव लडना चाहते थे उन्होंने पूर्व में संगठन को इससे अवगत भी कराया था लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें शाहपुरा से प्रत्याशी घोषित कर दिया।
सूची आने के बाद विधानसभाओं से जो बगावती सुर सामने आ रहे है उससे बीजेपी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ सकती है इस अंतरकलह को शांत करने के लिए नेता डेमेज कंट्रोल के प्रयास में जुट गए है इसी सिलसिले में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पहल की और ग्वालियर में एक बैठक भी बुलाई जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अन्य लोग भी शामिल हुए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा हमारी पार्टी एक कार्यकर्ता बेस पार्टी है और नेतृत्व का निर्णय जो होता है उसे मानती है और यह परिवार की बात है जिसे मिल बैठकर निबटा लिया जाएगा।