नई दिल्ली / नए संसद भवन सेंट्रल विष्टा का 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उदघाटन करने वाले है लेकिन देश के विपक्ष ने इस पर अपना कड़ा ऐतराज जताया है उनका कहना है भारत में संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति का पद सर्वोच्च है और वह दोनों सदनों की सर्वोच्च है इसलिए उनसे नए संसद भवन का उदघाटन कराना चाहिए इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है इसको लेकर बुद्धवार को सयुक्त बयान जारी करते हुए 20 राजनेतिक दलो ने इस कार्यक्रम का वहिष्कार करने का फैसला लिया हैं।
20 विपक्षी राजनेतिक पार्टियों ने एक हस्ताक्षरयुक्त पत्र के माध्यम से नई संसद के उदघाटन कार्यक्रम में शिरकत नही करने की जानकारी दी है और अपने सयुक्त बयान में उन्होंने कहा है नई संसद का उदघाटन महत्वपूर्ण अवसर है कि हमारी राष्ट्रपति महोदय हमारे देश के लोकतंत्र के सर्वोच्च पद पर आसीन है उनके रहते उनको दरकिनार करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नई संसद का उदघाटन करना उनका अपमान ही नही बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला है जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को खींचकर अलग कर दिया गया हो तो हमें नई इमारत की कोई कीमत नजर नहीं आती इसलिए हम सभी राजनेतिक दलों ने इस कार्यक्रम के वहिष्कार का निर्णय लिया है।
इस मामले को लेकर कई नेताओं ने बयान जारी कर अपना विरोध जताया है उनमें शिवसेना के संजय राउत,सपा के रामगोपाल यादव जेएमएम की महुआ माजी आरजेडी के तेजस्वी यादव कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी एआईएमआईएम के असिदुद्धीन ओवैसी टीएमसी के नेता सोगत राय प्रमुखता से शामिल है सभी ने नई संसद के पीएम व्दारा उदघाटन करने को राष्ट्रपति और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान बताया है। जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा के देश की राष्ट्रपति से सांसद भवन का उदघाटन नही करवाना संवैधानिक पद का अपमान है संसद अहंकार की ईटो से नही बनती संसद संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
जिन दलों ने संसद के उदघाटन कार्यक्रम का वहिष्कार करने की घोषणा की है उसमें कांग्रेस, एमडीएमके आम आदमी पार्टी टीएमसी डीएमके आरजेडी जेडीयू शिवसेना (उद्धव गुट) एनसीपी,समाजवादी पार्टी सीपीआई आईयूएमएल जेएमएम केरल कांग्रेस (एम), वीसीके आरएलडी सीपीआईएम नेशनल कांफ्रेंस एआईएमआईएम आरएसपी प्रमुख रूप से शामिल है।
जबकि बीजेपी सहित एनपीपी एनडीपीपी शिवसेना (शिंदे गुट) एसकेएम आरपी (अठावले) जेजेपी आरएलजेपी अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस एआईएडीएमके और एमएनएफ कार्यक्रम में शिरकत करेंगी।
विपक्ष के वहिष्कार को लेकर एनडीए में शामिल पार्टियों ने उनपर पलटवार करते हुए कहा कि यह हमारे राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है विपक्ष ने पिछले 9 साल में संसदीय प्रक्रियाओं का कोई सम्मान नहीं किया अब यह उनके बौद्धिक दिवालियापन को उजागर करता है। जबकि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी विपक्ष को घेरते हुए कहा कि कुछ नेताओं को हर मामले में राजनेतिक रोटियां सेकने की आदत है वही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा उदघाटन को बिना बात के मुद्दा बनाना गलत है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा नए संसद भवन सेंट्रल विष्टा का उद्घाटन प्रधानमंत्री 28 मई को करेंगे और इसमें जिन 60 हजार श्रमयोगियों की मेहनत है प्रधानमंत्री उन सभी का सम्मान करेंगे उन्होंने बताया कि पीएम इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष की आसंदी के पास पवित्र सेंगोल (राजदंड) को भी स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम को किसी राजनीति से नही जोड़े यह ऐतिहासिक सरंचना है जो स्थापित हो रही है उन्होंने यह भी कहा हमने सभी को न्योता दिया है अब जिसको आना है आए जिसको नही आना उसकी मर्जी है।