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पन्नामध्य प्रदेश

मप्र के पन्ना में बड़े भाई ने बेटे के साथ दो छोटे भाइयों की गोली मारकर हत्या की, मां को भी लगी गोली, एक आरोपी गिरफ्तार

Panna case

पन्ना/ मप्र के पन्ना जिले के गोल्ही मुड़िया गांव में शनिवार की रात उस वक्त सनसनी फेल गई जब एक परिवार में जन्मदिन की पार्टी के दौरान बड़े भाई व उसके बेटे ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर अपने दो सगे भाइयों सहित मां को गोली मार दी । इस वारदात में दोनों भाइयों की इलाज के दौरान देर रात मौत हो गई जबकि मां गंभीर रूप से घायल हो गई है। पुलिस ने बड़े भाई और उसके बेटे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है और दूसरे की तलाश शुरू कर दी हैं।

यह खूनी वारदात पन्ना जिले के देवेंद्रनगर थाना क्षेत्र के गोल्ही मुड़िया गांव में हुई यहां रहने वाले चरण सिंह,महेंद्र सिंह और नरेंद्र सिंह,तीनो सगे भाईयों के बीच जमीन के बटवारे को लेकर पुराना विवाद चला आ रहा था।जिसके चलते आए दिन तीनो भाईयों में कहासुनी और बाद विवाद होता रहता था। 27 मई शनिवार के दिन सबसे छोटे भाई नरेंद्र सिंह के बेटे का जन्मदिन था। जिसको मनाने के लिए वह परिवार के साथ गांव आया था शनिवार की रात जब नरेंद्र सिंह और उसका मझला भाई महेंद्र सिंह का पूरा परिवार जन्म दिन के आयोजन में व्यस्त था देर रात खाना खाने के बाद गाना बजाना हो रहा था।इसी दौरान सबसे बड़े भाई चरन सिंह व उसका बेटा शुभम सिंह आ धमके और दोनों छोटे भाईयों से बाद विवाद करने लगे इस बीच तीनो भाइयों के बीच कहासुनी तेज हो गई। बात बड़ने से गुस्साए सबसे बड़े भाई चरण सिंह और उसके बेटे शुभम सिंह ने अवैध कट्टे से उनपर दनादन फायरिंग शुरू कर दी। जिसकी जद में महेंद्र सिंह और नरेंद्र और उनकी मां आ गई। गोली लगने से तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पहुँची देवेंद्रनगर थाना पुलिस ने तीनों को सतना जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया ।जहां बीती देर रात्रि दोनो भाइयों ने दम तोड़ दिया और माँ का इलाज चल रहा है।

सुबह होते ही पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया और पन्ना मृतक दोनो भाइयों के शवों का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए हैं। वहीं पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है और दूसरे की तलाश जारी है।

वहीं पन्ना एडिशनल एसपी आरती सिंह ने बताया कि जन्मदिन की पार्टी के दौरान तीन भाइयों के बीच कहासुनी हुई और विवाद हुआ जिसमें सबसे बड़े भाई व उसके बेटे के द्वारा गोली चलाई गई है।जिसमे दो भाइयो की मौत हो गई है। मामले से जुड़े एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है दूसरे फरार आरोपी की तलाश पुलिस कर रही और पूरे मामले की जांच की जा रही है।

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पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने वाली बाघिन टी 1 की संदिग्ध मौत, 10 दिन बाद मिला कंकाल, प्रशासन बेखबर

पन्ना/ मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में फिर एक मादा बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है 10 दिन पूर्व हुई टाइगर T-1 की मौत ने मामले को संदिग्ध बना दिया है क्योंकि नेशनल हाईवे 39 से लगे जंगल क्षेत्र के 30 मीटर अंदर मनोर गांव के पास फीमेल टाइगर का कंकाल मिला है इस घटना से पन्ना टाइगर रिजर्व रिजर्व प्रबंधन की अनदेखी और बड़ी लापरवाही उजागर होती है क्योंकि नेशनल हाईवे के नजदीक टाइगर की मौत हो गई और मैदानी अमले को पता ही नहीं चला। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा ने की मौत की पुष्टि हैं । खास बात है टी 1 बाघिन ने ही 13 शावकों को जन्म देकर उजड़े पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद किया था इसीलिए उसे मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कहा जाता था।

पन्ना में बांधवगढ़ अभ्यारण से लाई गई पहली बाघिन का निधन हो गया। उसकी उम्र 15 साल के आसपास रही होगी। जितनी भी बाघिनें देखीं उनमें टी वन बहुत ही शांत स्वभाव की थी। जब टीम पन्ना मायूस थी तब वह अपार खुशियां लेकर आई थी। यह 5 बार मां बनी और इसी की एक के बाद एक 13 संतानों ने ही पन्ना अभ्यारण को फिर से आबाद किया यह मादा टाइगर पन्ना की फाउंडर मेंबर है इसको बांधवगढ़ नेशनल पार्क से लाकर पन्ना रिजर्व में छोड़ा गया था।

लेकिन इस अति महत्वपूर्ण टाइगर के गले में रेडियो कॉलर होने के बाद भी पार्क प्रबंधन को मौत का पता नहीं चलना उस की बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है क्योंकि वन विभाग का जमीनी अमला होने के बावजूद इस बाघिन की मौत की जानकारी लकड़ी बीनने गए मजदूरों ने दी जबकि मैदानी अमला बड़ी संख्या में इस क्षेत्र में तैनात है

खास बात है एक जमाने में बाघ विहीन हो चुकी पन्ना लैंडस्केप में 2 माह में पन्ना में तीन टाइगर की मौत गंभीर चिंता का विषय है इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों को हिला कर रख दिया है

हालांकि पन्ना टाइगर रिजर्व फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा इस घटना को नेचुरल मौत का अमलीजामा पहनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन करीब 10 दिन पूर्व टाइगर की मौत हो जाने और प्रबंधन को पता ना चलने पर कई सबाल उठना लाजमी है जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है

ज्ञात हो कि 2009 में बाघ विहीन होने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व में बाहर से बाघ लाकर पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने में टी वन बाघिन ने अहम भूमिका का निर्वाहन किया था जिसने पन्ना में सबसे पहले बाघ शावक को जन्म देकर खुशियां मनाने का अवसर दिया और इस अभ्यारण में 5 बार गर्भधारण किया और मां बनी इस दौरान इसने 2016 में एक साथ सबसे अधिक 3 शावकों के जन्म देने के साथ कुल 13 शावकों को जन्म दिया था। और आज इसकी बदौलत ही 80 टाइगर ही इस अभ्यारण में है और आज देश के वन्यजीव प्रेमियों के साथ पन्ना प्रशासन को खुशी का अवसर देने वाली बुजुर्ग बाघिन टी 1 अब नहीं रही। उल्लेखनीय है इस पर कई फिल्म भी बनी हम इस बाघिन के अभूतपूर्व योगदान को पूरे सम्मान के साथ याद करते हैं।

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मध्यप्रदेश के पन्ना में भालू ने हमला कर पति पत्नी को मार डाला, वन टीम के मौके पर नही पहुंचने पर लोगों में आक्रोश

पन्ना – मध्यप्रदेश के पन्ना में एक बेहद हृदय विदारक घटना घटी है यहां के खैरमाई मंदिर के दर्शन करने आये पति पत्नी को एक आदमकद खूंखार भालू ने हमला कर चीर फाड़ कर मार डाला बताया जाता है यह माता का मंदिर जंगल से लगा हुआ हैं लेकिन खबर देने के बाद भी वन विभाग की टीम मौके पर नही पहुंचने से लोगों में काफी गुस्सा हैं जबकि पन्ना टाईगर रिजर्व का कार्यालय भी 4 -5 किलोमीटर पर है। जबकि दंपत्ति को मारने के बाद यह आदमखोर भालू दोनो के शरीर पर चहल कदमी करते हुए नोच नोच कर खाता रहा।

करीब 4 घंटे बाद वन विभाग का अमला घटना स्थल पहुंचा और उसने ट्रेंक्यूलाइज कर भालू को बेहोश कर पकड़ा और क्षतविक्षत शवों को बरामद किया। वन विभाग ने मृतक परिवार को 4 -4 लाख की की मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया हैं।

पन्ना के रानीगंज इलाके के टपरियन के आगे यह खैरमाई माता का मंदिर है आज सुबह 7 बजे रानीगंज में रहने वाले पति पत्नी मुकेश राय और उसकी पत्नी गुड़िया माता के दर्शन कर घर लौट रहे थे मंदिर के पास एक नाले के पास जब यह दंपत्ति पहुंचे तो वहां पहले से ही घात लगाये आदमकद भालू ने एकाएक हमला बोल दिया और घायल अवस्था में दोनों को खींचकर जंगली ले गया और उन दोनों के शरीर को चीथ डाला इस बीच नाले के पास दो महिलाएं और थी वे चीखती हुई वहां से भागी आसपास के लोगो को जानकारी मिली तो भारी भीड़ इकट्ठा हो गई लेकिन उस भालू को भगाने की किसी ने हिम्मत नही की इस बीच भालू ने दोनों को मार डाला। और उनके शरीर पर चहल कदमी करते हुए उन्हें नोच नोच कर खाता रहा।

इस दौरान स्थानीय लोगो ने वन विभाग और कोतवाली थाना पुलिस को खबर की पुलिस बल तुरंत मौके पर आ गया लेकिन करीब चार घंटे गुजरने के बाद वन महकमा मौके पर आ पाया जबकि कुछ किलोमीटर की दूरी पर पन्ना टाइगर रिजर्व का कार्यालय है वन महकमे की इस निष्क्रियता को लेकर लोगो में काफी आक्रोश हैं।

वन विभाग के कर्मचारियों ने पहले शवों के पास बैठे भालू को ट्रेंक्यूलाइज कर उसे बेहोश किया और दोनो के क्षत विक्षत शवों को उठाकर पीएम के लिये रवाना किया। साथ ही बेहोश भालू को जाल की गिरफ्त में लेकर पिंजरे में डाला और ले गये।

वन विभाग के देरी से आने पर भारी संख्या में मौजूद लोगो ने हंगामा कर दिया और मृतक के परिवार के व्यक्ति को नोकरी और मुआवजा देने की मांग की ।

जबकि डीएफओ गौरव शर्मा का कहना है कि पकड़े गये भालू को चिड़ियाघर भेजा जायेगा वही मृतक के आश्रितों को 4 -4 लाख की राशि का मुआवजा दिया जायेगा।

लेकिन पन्ना शहर से लगे इलाके में इतनी बड़ी पहली घटना है वही वन विभाग के रवैये को लेकर स्थानीय नागरिकों में काफी आक्रोश है उंन का आरोप है सूचना देने के बाद भी वन विभाग का अमला तुरंत नही आया औऱ 4 घंटे बाद आया उनका कहना है यदि समय रहते आ जाते तो दोनों की जान बचाई जा सकती थी।

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पन्ना में पागल लकड़बग्घे का हमला, तीन की मौत, दो दर्जन से अधिक जख्मी, ग्रामीणों में दहशत

पन्ना – मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों एक पागल लकड़बग्घे का आतंक छाया हुआ है जिसने तीन अलग अलग क्षेत्रों में ग्रामीणों पर जानलेवा हमला कर दिया जिसमें दो दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह जख्मी हो गये जिसमें से एक किशोर सहित तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि घायलों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है खास बात है वन प्रशासन लाख कोशिशों के बावजूद इस आताताई और खूंखार हो चुके जंगली जानवर को अभी तक पकड़ने में कामयाब नही हो सका है जिससे प्रभावित ग्रामीण इलाकों और आसपास दहशत व्याप्त हैं।

पन्ना जिले के करीब एक दर्जन गांव इस आदमखोर हो चुके लकड़बग्घे से काफी आतंकित है जो खासकर गुन्नौर के जंगल से जुड़े है लेकिन टिकलिया सटवा और पाली गांव में रात के वक्त इस लकड़बग्घे के लगातार हमले जारी है जिसमें इसने कई ग्रामीणों पर जानलेवा हमले किये जिसमें करीब दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गये जिसमें गंभीर रूप से घायल एक वृद्धा श्याम बाई ( उम्र 70 साल) सहित उपेंद्र चौधरी (उम्र 35 साल) और एक किशोर 17 वर्षीय करण गूजर की जान चली गई वही दो दर्जन से अधिक जख्मी और घायलों को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और वन विभाग सक्रिय हुआ है और वन अमले ने इस खूंखार लकड़बग्घे को पकड़ने के लिये जंगल में और प्रभावित क्षेत्रों में कोशिश की पिंजरे भी लगाये लेकिन फिलहाल यह पागल जंगली जानवर उसकी गिरफ्त में नही आ पाया है जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में डर और दहशत व्याप्त हैं और लोग रात जाग कर बिता रहे हैं।

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पन्ना में आकाशीय बिजली कहर बन कर टूटी, 6 की मौत, 15 घायल, कई जानवर भी मरे

पन्ना – मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में बीते डेढ माह से बारिश की एक बूंद नही गिरी लेकिन जब बारिश आई तो उसके साथ में आकाशीय बिजली लोगों पर कहर बन कर टूटी जिसने 6 लोगों की जान ले ली साथ करीब सबा दर्जन लोग झुलसने से बुरी तरह से घायल हो गये हैं।प्रशासन ने उन्हें इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया दिया हैं।

पन्ना जिले के कई क्षेत्रों में बारिश शुरू हुई है लेकिन इस वर्षा के दौरान बादलों के कड़कने के साथ कई जगह बिजली भी गिरी गत 24 घंटे में आकाशीय बिजली गिरने से जिले में है 6 लोगों की मौत हो गई है जिसमें पलेहा थाना इलाके के पटना तमोली के पास उरेहा गांव में एक खेत में धान लगा रहे मजदूरों पर अचानक आकाश से बिजली कहर बन कर गिरी जिसमें दो महिला मजदूरों लक्ष्मी कोल एवं काजल गुप्ता की मौके पर मौत हो गई साथ ही झुलसने से एक दर्जन मजदूर अचेत हो गए जबकि पवई थाना क्षेत्र के पिपरिया डांग, चऊमुखा और सिमरा खुर्द गांव में भी बिजली गिरने की घटना सामने आई जिसमें तीन लोगों की मौत की खबर सामने आई है जबकि सिमरा खुर्द गांव में ही किसान मुन्नीलाल पटेल और उसकी भैंस की मौत हुई और उसका बेटा भरत लाल घायल हो गया है इस तरह 24 घंटे में जिले में 6 लोगों की आकाशीय बिजली यानी गाज गिरने से मौत हुई है।

खबर मिलने पर पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा और मृतकों को पीएम के लिये भेजा जबकि एक दर्जन घायलों को सलेहा स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि गंभीर रूप से घायल 3 लोगो का पन्ना जिला अस्पताल में इलाज चल रहा हैं। पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा के मुताबिक घायलों की स्थिति स्थिर हैं।

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“बाघिन की मौत के बाद पिता बाघ कर रहा शावकों की परवरिश ” हैरतअंगेज लेकिन सुखद खबर

 पन्ना – आमतौर पर माना जाता है कि बाघ अपने बच्चों के लिए न केवल खतरा होता है बल्कि कई बारगी वह शावकों को मार भी डालता है। लेकिन मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में एक हैरान करने वाला वाकया सामने आया है। यहां मां बाघिन की मौत के बाद नर बाघ न केवल अपने शावकों की देखभाल कर रहा है बल्कि उनकी खुराक तक का इंतेजाम कर रहा है। इसकी पुष्टि के लिए टाइगर रिजर्व प्रशासन ने एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें पिता बाघ अपने बच्चों की सुरक्षा के साथ परवरिश करता दिखाई दे रहा है और चारों नन्हे शावक उंसके आसपास अठखेलियाँ करते नजर आ रहे हैं यह दृश्य प्राणिविदों के लिये जहाँ एक सुखद अनुभूति है वहीं उनकी खोज का भी विषय हैं कि क्या ऐसा भी हो सकता हैं।

दरअसल 15 मई को इन बच्चों को जन्म देने वाली बाघिन पी 213 (32) की किन्हीं कारणोंवश मौत हो गयी थी। जिसके बाद इन अनाथ हुए 4 शावकों की जिम्मेदारी नर बाघ पिता ने संभाल ली है। इस तरह की सुखद गतिविधियों का एक वीडियो 22 मई को पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने जारी किया है। जिसमें नर बाघ के आसपास चारों शावक चट्टानों पर अठखेलियां कर रहे हैं।

पन्ना टाइगर रिजर्व में 15 मई को बाघिन पी 213 (32) की मौत के बाद लगभग 7 माह की उम्र के इन 4 शावकों को लेकर पार्क प्रबंधन सहित दुनिया भर के वन्य प्राणी प्रेमी चिंतित हो रहे थे। प्रबन्धन परेशान था कि आखिर शावकों की देखरेख कैसे हो पाएगी ।लेकिन नर बाघ पी 243 द्वारा बच्चों की देखरेख और शिकार करके उनकी खुराक का इंतजाम करने से वन्य प्राणी प्रेमियों और पार्क प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।

बाघ पी 243 इन शावकों का पिता है। रिजर्व प्रबन्धन ने फिलहाल नर बाघ के मूवमेंट और शावकों के लिए उसके प्रयासों का पता लगाने की गरज से उसको सेटेलाइट रेडियो कॉलर लगाकर जानकारी जुटाना शुरू किया है। 24 घंटे टाइगर की मूवमेंट और व्यवहार की जानकारी एकत्र की जा रही है पार्क प्रबंधन का एक मात्र उद्देश्य है कि यह चारों शावक सुरक्षित रहने के साथ लगातार जंगल के प्राकृतिक माहौल में अपने पिता बाघ के संरक्षण में सरवाइव करें यदि यह इसी तरह 5 – 6 माह काट लेते है और एक साल की उम्र पार कर लेते है तो तो खुद सेल्फ डिपेंड हो जायेंगे जिससे पार्क में खुशहाली तो आयेगी ही वही जंगल में स्वच्छंद रहते इस तरह उनका सरवाइव करना वाइल्ड लाइव की भी ऐतिहासिक घटना होगी।

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पन्ना टाइगर रिजर्व नये शावकों की किलकारी से गुलजार बाघिन पी-6 बनी छठवीं बार माँ, 4 शावकों को दिया जन्म

पन्ना – मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से पिछले कुछ समय से लगातार बाघ के शावकों के जन्म की खबरें आ रही हैं उल्लेखनीय यह भी है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम की ऐतिहासिक सफलता के चलते टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जिससे यहां काफी खुशी का माहौल हैं। हाल ही में पन्ना की खूबसूरत बाघिन टी-6 मात्र 10 साल की उम्र में छठवीं बार मां बनी है। इस बाघिन ने चार खूबसूरत शावकों को जन्म दिया है। यह शावक अपनी मां के साथ अठखेलियां करते घास के मैदान में विचरण करते हुए कैमरे में कैद हुए नवजात शावकों की आयु लगभग 2 से 3 माह बताई जा रही है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों को पुनः बसाने की योजना के अंतर्गत वर्ष 2014 में बाघिन टी-6 को प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से पन्ना लाया गया था तब इसकी आयु लगभग 3 वर्ष थी और खुशी की बात है कि आज 7 वर्ष की अवधि में छठवीं बार वह फिर से मां बनी है खास बात है बाघिन पी-6 ने पन्ना को अब तक कुल 17 बाघ शावक दिए हैं। जो किसी भी जंगलीय जीव वह भी बाघ जैसे संवेदनशील प्राणि के लिये काफी महत्व रखती है इस तरह इस टी 6 बाघिन का पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की बंश वृद्धि में बड़ा योगदान हैं।

इसके साथ ही यह भी साफ होता है कि पन्ना टाइगर रिजर्व का वन क्षेत्र बाघों के लिये कितना अनुकूल और मुफीद है इसके अलावा यहां के प्रशासनिक वन अधिकारी और कर्मचारियों की मेहनत और लगन के योगदान से भी इंकार नही किया जा सकता ।

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा के मुताबिक बाघिन टी-6 और उसके शावक पूरी तरह से स्वस्थ हैं और पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की कुल संख्या 70 से ऊपर जा चुकी है यह तस्वीर सामने आने के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में खुशी का माहौल है।

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फिर चमकी मजदूर की किस्मत मिला 70 लाख से अधिक कीमत का 14.09 कैरेट का बेशकीमती हीरा

फिर चमकी मजदूर की किस्मत
मिला 70 लाख से अधिक कीमत का 14.09 कैरेट का बेशकीमती हीरा

पन्ना – हीरो की नगरी पन्ना में फिर एक गरीब मजदूर की किस्मत चमक गई, जिसे कृष्ण कल्याणपुर पटी की उथली हीरा खदान से 14.09 कैरेट का बेशकीमती हीरा मिला । इस हीरे की अनुमानित कीमत 70 लाख से ज्यादा बताई जा रही है। बतादें कि इस मजदूर ने अपने सात साथियों के साथ खदान में दिनरात मेहनत की और आखिरकार रत्नगर्भा धरती ने बेशकीमती हीरा इनाम में दिया और इस रत्न प्राप्ति ने इन सभी को लखपति बना दिया।

पन्ना जिला की खदानें इन दिनों बेशकीमती हीरे उगल रही है बीते 3 दिन में तीन हीरे मिल चुके हैं सोमवार को एक मजदूर को एक साथ दो हीरे मिले थे और आज बुद्धवार को एक दूसरे मजदूर को बेशकीमती 14.9 कैरेट का हीरा मिला है जिसकी कीमत 70 लाख से ज्यादा आँकी जा रही है हीरा मिलने की कहानी भी बड़ी रोचक है पन्ना की एनएमडीसी कॉलोनी में रहने वाले रामप्यारे विश्वकर्मा ने अपने सात साथियों के साथ मिलकर कृष्ण कल्याणपुर पट्टी की उथली हीरा खदान के हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाया ठाए और हीरा खदान से हीरा खोजने का काम बड़ी मेहनत लगन और धैर्य के साथ शुरू किया, मजदूर रामप्यारे ने बताया कि सभी ने खदान में लगातार मेहनत की, आखिरकार ऊपर वाले ने उनकी सुन ली और मेहनत का फल दिया यह जेम्स क्वालिटी का बेशकीमती हीरा मिला जिसे सभी साथियों ने हीरा कार्यालय पहुंचकर जमा करा दिया।

खुशखबरी मिलने पर पन्ना के कलेक्टर संजय कुमार मिश्र ने खुद अपने हाथों से मजदूर रामप्यारे को माला पहनाकर शुभकामना एवं बधाई दी एवं जिले के अन्य मजदूरों को हीरा खदान लगाने के लिए उत्साहित करते हुए कहा कि सरकारी स्तर पर हीरा खदान लगाने के लिये जो भी मदद होगी प्रशासन देगा।

जबकि हीरा अधिकारी रवि पटेल का कहना है कि अगले माह होने वाली नीलामी में यह हीरे रखे जायेंगे जिसमे राजस्व की भी आय प्राप्त होगी। उस आय का पूरा निर्धारित हिस्सा सभी हीरा मजदूरों को दिया जायेगा।

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पन्ना में एक लाख की रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार, लोकायुक्त की कार्यवाही

  • पन्ना में एक लाख की रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार, लोकायुक्त की कार्यवाही

पन्ना – मध्यप्रदेश में तमाम प्रयासों और कार्यवाहियों के बावजूद सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है गंभीर बात यह है कि पहले छोटे बाबू पद के लोग रिश्वत लेने के लिये बदनाम थे लेकिन अब बड़े अधिकारी भी रिश्वत लेते लगातार पकड़े जा रहे इसके बावजूद भी रिश्वत लेने का यह कुकृत्य कम नहीं हो रही है ।ऐसा ही एक मामला पन्ना के अजयगढ़ तहसील में सामने आया है जिसमें एक लाख की रिश्वत लेते हुए तहसीलदार उमेश तिवारी को सागर की लोकायुक्त टीम ने उनके कमरे से रंगे हाथों गिरफ्तार किया है जिससे राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया उल्लेखनीय है कि इससे पहले जिले के गुनौर तहसील के तहसीलदार भी इसी तरह पकड़े गए थे।

पूरी जानकारी के मुताबिक पन्ना जिले के अजयगढ़ में फरियादी अंकित मिश्रा के चाचा के प्लाट में भवन की स्वीकृति के एवज में यह एक लाख की रिश्वत मांगी गई थी जिस की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से फरियादी अंकित मिश्रा ने की थी जिसपर प्राथमिक कार्यवाही करते हुए आज आरोपी तहसीलदार को ट्रेप करने की योजना लोकायुक्त महकमे ने बनाई थी आज योजनाबद्ध तरीक़े से कार्यवाही करते हुए सागर की लोकायुक्त टीम ने तहसीलदार उमेश तिवारी को सरकारी रेस्ट हाउस में छापामार कार्यवाही करते हुए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। लोकायुक्त की टीम ने पहले ट्रैप किया फिर तहसीलदार को कार्यवाही के लिए अजयगढ़ थाना ले गई जहां कार्यवाही जारी है

ज्ञात हो कि जिले मैं इन दिनों सबसे मलाईदार तहसील क्षेत्र अजयगढ़ है कुछ दिन पूर्व ही नायब तहसीलदार उमेश तिवारी को प्रभारी तहसीलदार बनाकर भेजा गया था और उनकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में थी आज ट्रेप होने के बाद से राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया हैं लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है अब पुलिस उन्हें न्यायालय में पेश करेगी।

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पन्ना की खदान उगल रहीं है हीरे, मजदूर को मिला 30 लाख कीमत का 6.92 कैरेट का हीरा

  • पन्ना की खदान उगल रहीं है हीरे

  • मजदूर को मिला 30 लाख कीमत का 6.92 कैरेट का हीरा

पन्ना – मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती लगातार बेशकीमती हीरे उगल रही है। जिसे कोरोना काल और दीवाली के पहले मजदूरों के लिये एक बड़े तोहफे के रूप में देखा जा रहा है। आज फिर एक मजदूर को 6.92 कैरेट का बेशकीमती हीरा प्राप्त हुआ है। यह हीरा मजदूर को कृष्णकल्याणपुर पटी की उथली हीरा खदान से मिला है।

उस हीरे को मजदूर ने अपने पिता के साथ हीरा कार्यालय पहुँचकर जमा कर दिया है। इस हीरे की कीमत लगभग 30 लाख रुपये बताई जा रही। खास बात है बेशकीमती हीरों के लिए देश व दुनिया मे मशहूर पन्ना की धरती से एक हफ्ते में चार बड़े हीरे मिल चुके हैं, यह एक रिकार्ड है।

लक्ष्मी जी के आगमन से जुड़ा दीपावली का पर्व धन संपन्नता से जुड़ा महत्वपूर्ण त्यौहार है, इस दिन को माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।ऐसे में दीवाली से पहले यदि किसी को हीरे जैसा रत्न प्राप्त हो जाये तो उसे इससे बड़ा गिफ्ट कुछ हो ही नही सकता। क्योंकि हीरे जैसे एक छोटे से रत्न से रातोरात लखपति व करोड़पति बनने का सपना पूरा हो जाता है।  कुछ ऐसा ही इन दिनों पन्ना में देखने को मिल रहा है। जहां पर पिछले सात दिनों में चार बड़े हीरे खदान मजदूरों को प्राप्त हो चुके हैं। जिन्हें खदान संचालक करने वाले इन मजदूरों के द्वारा हीरा कार्यालय में जमा करा दिया गया है।

एक हफ्ते की अगर बात करें तो पन्ना जिले की रत्नगर्भा धरती से 29 अक्टूबर को 7.02 कैरेट का हीरा, 2 नवंबर को एक दो बड़े हीरे खेतहर मजदूरों को मिले थे, जिनमें 7.44 कैरेट और 14.98 कैरेट का बड़ा हीरा शामिल था। इसी प्रकार आज एक मजदूर युवक को 6.92 कैरेट का हीरा कृष्ण कल्याणपुर पटी की उथली हीरा खदान से प्राप्त हुआ है। जिसे मजदूर ने अपने पिता के साथ हीरा कार्यालय पहुँचकर जमा कर दिया है।

हीरा प्राप्त करने वाले युवक संदीप साहू ने बताया कि उनके परिवार की स्तिथ बेहद दयनीय थी। पिता चावल का छोटा सा व्यापार करते थे और युवक पिता के धंधे में सहयोग करते रहते थे। लेकिन लोकडॉउन के कारण युवक ने खदान लगाई जिसका हीरा कार्यालय से पट्टा जारी करवाया और महज 20 दिन की मेहनत से ही मजदूर युवक की किस्मत चमक गई। मजदूर युवक ने कभी सोचा भी नही होगा कि दीवाली से पहले उनके घर हीरे के रूप में लक्ष्मी जी दस्तक देंगी और उसके परिवार को एकाएक इतनी बड़ी खुशी मिलेगी।

हीरा कार्यालय पन्ना के बेलयूबर अनुपम सिंह के मुताबिक पन्ना जिले में अगर हीरे प्राप्त करने की प्रोसिस की बात करे तो सबसे पहले निजी भूमि या फिर शासकीय भूमि का हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाया जाता है, और खदान संचालन मजदूर हीरे की बड़ी मेहनत धैर्य और बारीकी से खोजबीन करते है हीरा मिलने पर उसे हीरा कार्यालय में विधिवत जमा कराते है लेकिन और नीलामी में जो रकम मिलती है उंसका साढ़े 12 प्रतिशत काट कर पूरी राशि खदान संचालन मजदूर को मिलती है लेकिन फिलहाल सिर्फ निजी भूमियों पर ही हीरा उत्खनन करने के पट्टे जारी किए जा रहे हैं।

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