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मोरबी

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भारी लापरवाही और लालच में टूटा मोरबी का केबल सस्पेंशन पुल, 134 की मौत, 50 मृतकों की उम्र 18 साल से कम, 9 पर प्रकरण दर्ज, पीएम मोरबी जाएंगे

Morbi Bridge Collapsed

मोरबी/ गुजरात के मोरबी में हुए हादसे का बड़ा कारण लालच और घोर लापरवाही सामने आई है इस केबल सस्पेंशन पुल के टूटने की बड़ी घटना में अभी तक 134 लोगों की अकाल मौत हो गई, जिसमें बुजुर्ग और महिलाओं की मौत का आंकड़ा ज्यादा है और करीब 50 लोग 18 साल या उससे कम उम्र के हैं। इस घटना के जिम्मेदारों में इस पुल का 2 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार करने वाले ठेकेदार और रखरखाव की जिम्मेदार कंपनी को दोषी माना जा रहा है लेकिन प्रशासन की भूमिका भी काफी लापरवाही पूर्ण कही जा सकती हैं।फिलहाल पुलिस ने इस पुल का रेनोवेशन करने वाले ठेकेदार के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराने के साथ उस कंपनी के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने भारी संख्या में टिकट बेच दिए जिससे पुल पर अधिक दबाव पड़ने से वह ढह गया वही फॉरेंसिक रिपोर्ट भी यही कहती हैं। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों पर फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।

मोजमस्ती के दौरान दिल दहलाने वाली घटना …

गुजरात के मोरबी में जो हुआ वह दिल दहलाने के साथ काफी भावुकता से भरी घटना कही जा सकती है दीपावली के बाद अनेक परिवार अपने छोटे छोटे बच्चों महिलाओं और बुजुर्गो को लेकर काफी खुशहाल माहौल में इस सस्पेंशन पुल पर मोजमस्ती करने पहुंचे होंगे उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह अब घर लौट कर नहीं आयेंगे, और मच्छू नदी का पानी उन्हे लील जाएंगा। लेकिन रविवार 30 अक्टूबर की शाम उनका काल बन कर आई और सब कुछ एक पल में हो गया और आकाश में चीखें गूंजी और देखते ही देखते लोग पुल टूटने के साथ नदी के गहरे पानी में समा गए और 134 लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी।

NDRF और SDRF और दमकल का रेस्क्यू ऑपरेशन …

काफी दुखद और दिल झकझोरने वाला दृश्य था स्थानीय लोगों ने नदी में घुसकर काफी लोगो की जान बचाई NFRF SDRF की टीमों और करीब 300 दमकल कर्मियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा और 200 से अधिक लोगों को मौत मुंह से खीचकर उनकी जान बचाई जिसमें बुजुर्ग और बच्चें भी काफी संख्या में थे इनमें वह लोग भी शामिल थे जो पुल टूटने के साथ उसकी केबल या तारों में उलझ कर लटके थे। बचाव दलों ने उन्हें बमुश्किल नदी से बाहर निकाला।

865 लंबाई वाले ब्रिज की चौड़ाई केवल साढ़े चार फीट …

करीब 140 साल पुराने इस केबल सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण उच्च तकनीकी से ब्रिटिश राज्य के दौरान किया गया था 865 फुट लंबे इस पुल की चौड़ाई मात्र 4.6 फुट थी जिसपर से दो व्यक्ति चुपक कर साथ साथ जा सकते थे। इसको 6 माह पहले कमजोर और खतरनाक जान कर बंद कर दिया गया था और पिछले दिनों 2 करोड़ की राशि से इसका एनोवेशन का काम हुआ था, और काम पुनर्निर्माण का कार्य कंपलीट होने के बाद 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के जाने के लिए खोला गया था और 30 अक्टूबर यानि केवल 5 दिन बाद यह टूट गया जिससे यह बड़ी दुर्घटना हुई।

प्रशासन की बड़ी लापरवाही और अनदेखी आई सामने …

स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में बडी लापरवाही और अनदेखी का परिचय दिया इसको जिसका बड़ा खामियाजा अपनी जान देकर आम लोगों को भोगना पड़ा। मोरबी के नगर पालिका के मुख्य अधिकारी। संदीप सिंह झाला के मुताबिक ओरेवा कंपनी ने प्रशासन के अधिकारियों को बिना सूचना दिए पुल को लोगों के लिए खोल दिया इसके अलावा कंपनी ने नगर पालिका से ना तो वेरीफिकेशन कराया ना ही और फिटनेस सार्टिफिकेट लेने की ज़रूरत समझी बल्कि ओरेवा कंपनी के MD जयसुख पटेल ने प्रेस कान्फ्रेस में बड़े जोर शोर से पुल को आम लोगों के लिए खोले जाने की घोषणा कर दी। जिससे सबाल यह भी उठते है कि नगर पालिका ने एनओसी लेने का दवाब बनाकर उन्हें रोका क्यों नहीं ? उल्लेखनीय पहलू यह भी है स्थानीय प्रशासन ने इस ब्रिज की जिम्मेदारी इस ओरेवा कंपनी को सौंपी जो इस मामले में अनाड़ी है जिसे घड़ी बल्व बनाने का तजुर्बा है और इस ओरेवा कंपनी ने सबसे पहले देश में एलईडी वल्ब बनाया था।

बीच से टूटा पुल वीडियो से सामने आया …

इस ब्रिज के टूटने और नदी के पानी में लोगो के गिरने के दौरान जो वीडियो और फोटो सामने आए है उसमें साफ दिखता है कि यह पुल बीच में से टूटा लेकिन पुल के टूटने की शुरूआत कहा से हुई यह अभी जांच का विषय है और इसकी जानकारी सामने आना अभी बाकी हैं वही गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने सोमवार के मीडिया के सबालो का जबाव देते हुए कहा कि पुल के टूटने के कारणों का खुलासा फॉरेसिक की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही हो सकेगा।

दबाव नहीं सह सका पुल फोरेंसिक जांच में खुलासा …

प्रारंभिक फोरेंसिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस ब्रिज का पुराना केबल एकसाथ सिर्फ 100 लोगो के भार को सहने की क्षमता रखता था लेकिन उसपर एक समय में करीब 500 लोग आ गए यह दबाब पुल सह नहीं सका और यही बड़ा कारण पुल के टूटने का रहा। जबकि ओरेवा कंपनी के कर्मचारियों ने इस पुल पर आने के लिए सैकड़ों टिकट पैसे के लालच में बेचना जारी रखा बच्चों से 12 रुपए और बड़ों से 16 रुपए एक टिकट के लिए। यहीं लालच के कारण इस पुल पर निर्धारित मात्रा से 5 गुना लोगो के जुटने का कारण बना

बेहद दुखद सांसद के परिवार के 12 लोगों ने जान गंवाई …

यह घटना बेहद दुखद और हृदय विदारक रही राजकोट के बीजेपी सांसद मोहन भाई कुंडारिया के लिए उनके परिवार के 12 सदस्यों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई, इस घटना में एक परिवार के इतनी अधिक संख्या में एक साथ मौत होना सांसद और उनके परिवार पर बज्रपात के सामान है यह घटना उनके लिए काफी घातक है जिसकी भरपाई होना पूर्णत: असंभव हैं।

ठेकेदार सहित ओरेवा कंपनी के 9 लोगो के खिलाफ मामला दर्ज …

पुलिस ने पुल का एनोबेशन या रिपेयरिंग करने वाले ठेकेदार के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है साथ ही ओरबा कंपनी के मैनेजर , टिकट क्लर्क सहित 9 लोगों के खिलाफ धारा 304, 306 और धारा 114 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया हैं। साथ ही इस पूरे मामले की 50 सदस्यीय पुलिस की स्पेशल टीम जांच कर रही हैं। प्रेस कान्फ्रेस में पत्रकारों ने दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही पर सवाल किया तो आईजी अशोक कुमार ने कहा कि जैसे जैसे जांच आगे बड़ेगी और जो भी नाम सामने आयेंगे उन अधिकारियों के खिलाफ भी पुलिस कड़ी कार्यवाही करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को जाएंगे मोरबी, गुजरात में आधे दिन का शोक…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी की घटना को लेकर सोमवार को गांधी नगर में उच्च स्तरीय बैठक ली और कहा कि पीड़ित परिवार और घायलों की हरसंभव मदद की जाएगी बताया जाता है 1 नवंबर मंगलवार को पीएम मोदी मोरबी जाएंगे। इधर इस घटना को लेकर गुजरात में 2 नवंबर को राजकीय शोक मनाया जाएगा और इस दिन आधे दिन तक राष्ट्रीय झंडे झुके रहेंगे।

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