- येददुयुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली,
- कांग्रेस राज्यपाल के फ़ैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई,
- एससी ने बीजेपी से विधायकों की सूची मांगी,
बैंगलोर / कर्नाटक में बीजेपी के सरकार बनाने के दांवे के बाद राज्यपाल बजूभाई बाला ने येददीयुरप्पा को सरकार बनाने का न्योंता कल दिया था आज येददीयुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली राज्यपाल ने येदुरप्पा को सदन में बहुमत सिद्ध करने के लिये 15 दिन का वक्त दिया है परन्तु सबाल यह है कि 104 विधायक रखने वाली बीजेपी सदन में कैसे अपना बहुमत सिद्ध कर सकेंगी?
इधर कांग्रेस भी राज्यपाल के इस फ़ैसले के खिलाफ खुलकर सामने आ गई हैं उसका कहना है जेडीएस (38) और कांग्रेस ( 78) और 1 निर्दलीय के साथ उसके संख्या बल 117 हैं उसके कहने के बावजूद राज्यपाल ने उनक गठबंधन को ना बुलाकर बीजेपी को बुलाया जो संवैधानिक मूल्यों का हनन है और बीती रात कांग्रेस ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया देश के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने इसके लिये तीन जजों की बैंच गठित की और देर रात पौने दो बजे इस मामले की सुनवाई शुरू हुई कांग्रेस की तरफ़ से मनोज मनु सिंधवी ने अपनी दलील देते हुए कहा कि आरजेडी के साथ हमारे पास 117 विधायकों का संख्या बल है हमें राज्यपाल ने नही बुलाया और जो बहुमत में नही है उसे बुलाया राज्यपाल को ऐसी क्या जल्दी थी, इसके जबाव में बीजेपी का पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि बीजेपी सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई इसलिये उसे राज्यपाल ने बुलाया वही राज्यपाल के फ़ैसले पर रोक नही लगाई जा सकती जबाव में सिंधवी ने कहा कि राज्यपाल का फ़ैसली जुडीशियल रिव्यु के तहत आता है इसलिये सुप्रीम कोर्ट को अधिकार है वह उसे बदल सकती हैं।
जजों की बैंच ने सरकारिया फ़ैसले का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी को अपना पक्ष रखना होगा कोर्ट जिसे परखेगा सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी से उन विधायकों की सूची भी माँगी है जिसके आधार पर सदन में वह अपना बहुमत सिद्ध करेगी सुप्रीम कोर्ट ने कल होने वाली सुनवाई में यह सूची देने के आदेश दिये है।
अब देखना होगा कि बीजेपी 104 के अलावा किन विधायको के नाम सुप्रीम कोर्ट को देती हैं इधर जेडीएस ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद फ़रोक्त का आरोप लगाया है साथ ही अपने विधायकों को वह केरल या कोच्चि ले जाने की तैयारी में है।