- मौत को चकमा देकर 80 फुट गहरे गड्डे से निकला मजदूर
- 350 फुट गहरे बोर में 80 फुट पर फंसा था कैलाश
ग्वालियर- चंबल अंचल के भिण्ड जिले के फूप कस्बे में खेत में खनन का काम कर रहा एक मजदूर करीब 80 फुट गहरे बोर में जा गिरा। पुलिस और प्रशासन की सतर्कता और मजदूर की जीवटता के चलते मौत को चकमा देकर ये मजदूर बच निकलने में कामयाब रहा। अभी तक बोरवेल के गड्डो में बच्चों के ही गिरने की घटनांए होती थी। लेकिन अब बडे भी इसकी चपेट में आने लगे है। इसका उदाहरण भिंड के फूप में देखने को मिला। मजदूर कैलाश बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले का रहने वाला है। वो यहां खनन कंपनी में काम करते हुए एक खेत में बोर करने अपने साथियों के साथ आया था। शनिवार दोपहर करीब सवा दो बजे कैलाश 350 फुट गहरे बोर के खनन में लगा हुआ था। इसी दौरान डेढ फुट चैडे खनन के गड्डे में पैर फिसलने से वो जा गिरा।
उसकी चीखने की आवाज सुनते ही वहां हाहाकार मच गया। एक जेसीबी मशीन मंगाकर बोरवैल के समांन्तर एक दूसरा गड्ढा करना शुरू कर दिया और ऑक्सीजन की सप्लाई भी दी। इसके बाद चार घंटे की मेहनत के बाद उसे रस्सियों से ही बाहर खींचकर निकाल लिया और सीधे हॉस्पिटल पहुंचा दिया। भिंड के फूप कस्बे में रामशंकर शर्मा का खेत है। इस खेत में एक बोरवैल खनन का काम चल रहा है। शनिवार की सुबह करीब 350 फीट तक बोरवैल का खनन हो चुका था। इसके बाद मशीन का ड्रिलर टूट गया तो मशीन खेत में दूसरे स्थान पर बोरवैल का खनन करने लगी। उसी दौरान बोरवैल खनन करने वाला एक कर्मचारी कैलाश का पांव फिसला और सीधे बोरवैल में जा गिरा। गिरते ही वह जोर से चिल्लाया। उसके चिल्लाते ही दूसरे लोग आए, लेकिन तब तक वह काफी नीचे पहुंच चुका था।
बताया जा रहा है कि कैलाश मोबाइल फोन पर बात करते हुए जा रहा था, उसी दौरान उसे खेत का बोरवैल दिखाई नहीं दिया और वह सीधे उसमें जा गिरा। बोरवैल में कैलाश के गिरते ही हड़कंप मच गया और कर्मचारी ही उसे रस्सियां आदि डालकर बचाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका। इस बीच फूप पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। भिंड के कलेक्टर इलैया राजा टी और एसपी प्रशांत खरे भी मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद बोरवैल के समांन्तर एक दूसरा गड्ढा खोदना शुरू कर दिया। इससे एक सुरंग बनाकर बोरवैल तक पहुंचने की तैयारी कर ली। कलेक्टर ने मौके पर एक डॉक्टर भी बुलाया और बोरवैल के भीतर सिलेंडर मंगाकर ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू कर दी है। कैलाश दोपहर को करीब 2 बजे बोरवैल में गिरा था। उसे निकालने के लिए सभी प्रयास जारी थे। इस बीच उसे बोरवैल में रस्सियां डालकर निकालने की कोशिश की जा रही थी। शाम ठीक 6 बजे रस्सी के सहारे कैलाश केा बाहर निकाल लिया गया। उसे प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।