नई दिल्ली/ महिला आरक्षण बिल अर्थात नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल केंद्रीय सरकार ने सदन में पेश किया जिसमें सीधे चुन कर आने वाली महिलाओं को 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण दिया जाएगा इस तरह देश की कुल 543 सीटों में से 181 सीटों पर महिलाएं चुनकर आयेंगी। इस बिल पर चर्चा के लिए 7 घंटे का समय दिया गया है।
लेकिन इस बिल में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है कि देश में परसीमान के बाद ही महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा साफ है इस विधेयक के बाद होने वाली जनगणना और उसके परसीमन के बाद ही 33 फीसदी महिलाओं को लोकसभा चुनाव में आरक्षण मिल सकेगा । इस बिल पर चर्चा के लिए 20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे का समय निर्धारित किया गया है।
जनगणना और परसीमन का पैच फंसने से 2024 में इस विधेयक का लाभ महिलाओं को नहीं होने वाला क्योंकि अगले चुनाव में समय काफी कम रह गया है और इतने कम समय में देश की जनगणना होना असम्भव है।
खास बात यह भी है की इस बिल में केवल लोकसभा और विधानसभा जिसमें सीधे चुनाव होते है उसमें ही महिलाओं को आरक्षण का प्रावधान रखा गया है लेकिन राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषद के लिए यह लागू नहीं होगा। जैसा कि अभी कुल 543 लोकसभा सीटें है उसमें से 33 फीसदी अर्थात 181 सीटों पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि 3 दशक से पेंडिंग इस बिल को 2010 में मनमोहन सिंह सरकार ने राज्यसभा से बहुमत के साथ पास करा लिया था लेकिन गठबंधन में शामिल कुछ राजनेतिक दलों के विरोध और समर्थन वापस लेने की धमकी के बाद यह बिल लोकसभा में पेश नही किया जा सका था।