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मध्य प्रदेश

हाथियों का हत्यारा कोन? बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में दस हाथियों की संदिग्ध मौत, रिजर्व के आसपास की पड़ताल

Bandhavgarh Elephants Died
Bandhavgarh Elephants Died
  • हाथियों का हत्यारा कोन? बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में दस हाथियों की संदिग्ध मौत,

  • रिजर्व के आसपास की पड़ताल,

  • NTCA की टीम ने खेतों में छिड़के जहरीले केमिकल के सैंपल लिए


उमरिया/
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले दिनों जंगल में 13 हाथियों के झुंड में बेहोश मिले सभी 10 हाथियों की मौत हो गई संदिग्ध परिस्थितियों में मिले इनमें से 7 हाथियों की पहले ही मौत हो गई बाकी इलाजरत 3 हाथियों ने भी एक के बाद एक करके दम तोड़ दिया। प्रारंभिक तौर पर जहरखुरानी से इनकी मौत की आशंका जताई जा रही थी। जांच के लिए दिल्ली से आई नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी (NTCF) की टीम ने जंगल के अलावा उससे लगे इलाके का भी मुआयना किया जांच में खेतों में छिड़के गए केमिकल के भी सैंपल लिए गए साथ ही जिन खेतों को चरकर जानवरों ने नुकसान पहुंचाया टीम ने वहां भी जांच पड़ताल की।

बांधवगढ़ के टाईगर रिजर्व में 60 हाथी है जो अलग अलग झुंड में जंगल में विचरण करते है इन्हीं में शामिल एक 13 हाथियों के झुंड के 10 हाथी मंगलवार को खितौली रेंज के सलरवनिया के जंगल में बेहोश मिले थे कुछ की तबियत काफी खराब थी स्पॉट पर डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया और जांच के बाद 4 हाथियों के मृत होने की पुष्टि की थी लेकिन बुद्धवार की सुबह इलाजरत 6 में से 3 और हाथियों की मौत हो गई। उसके बाद गुरुवार और शुक्रवार को बाकी तीन हाथियों ने भी दम तोड़ दिया इस तरह सभी 10 हाथियों की मौत हो गई है इस घटना के बाद भी विभाग का अमला अन्य बचे हुए 3 हाथियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनकी निगरानी कर रहा है।

इस घटना के बाद भोपाल से SCF की टीम और साथ ही दिल्ली से NTCF का तीन सदस्यीय दल भी उमरिया के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व आ गया है जो इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। साथ ही दिल्ली में टाईगर रिजर्व अथॉरिटी ने SIT का गठन भी कर दिया है इसके अलावा प्रदेश के SCF ने भी इस प्रकरण की तफ्तीश के लिए SIT गठित की है। यह जांच दल रिजर्व के जंगल के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में भी पड़ताल कर रहा है इस दौरान वह गांव और खेत खलिहानों में भी जांच कर रहा है बताया जाता है टीम ने खेतों में तफ्तीश की तो पता चला कि फसल को माहू कीड़े से बचाने के लिए खेतों में कीटनाशक जहरीले केमिकल का छिड़काव भी किया था जिसके चिन्ह भी मिले है जांच दल ने उसके सैंपल भी लिए है साथ ही जांच टीम ने उन खेतों में भी दरियाफ्त की जिन्हें जानवरों ने अपना चारागाह बनाया और खेतों में बिखरी फसल को भी देखा। फिलहाल जांच टीम ने डॉक्टरों की मदद से 7 खेत की जांच के साथ 7 घरों में भी तलाशी ली है और 7 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया है।

पहले मरे हुए 7 हाथियों का 8 सदस्यीय डॉक्टरों के दल ने पोस्टमार्टम किया था उसके बाद 3 अन्य मृत हाथियों के शवों का भी पोस्टमार्टम किया गया है पीएम के बाद इन मृत हाथियों के शवों को जमीन में दफना दिया गया है इसके लिए 2 जेबीसी मशीनों से जंगल की जमीन में बड़े बड़े गड्ढे किए गए और उनमें इन हाथियों को दफनाया गया जिसके लिए 300 बोरी से अधिक नमक का इस्तेमाल भी किया गया हैं।

बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के डायरेक्टर प्रकाश वर्मा ने बताया कि रिजर्व में कुल 60 हाथी है जो अलग आग झुंड बनाकर जंगल में घूमते रहते है मंगलवार दोपहर गश्ती दल ने बताया था कि 10 हाथी जमीन पर पड़े है और उनमें कोई हलचल नहीं दिखाई दे रही रिपोर्ट के आधार पर बांधवगढ़ के अलावा कटनी से भी बेटनरी डॉक्टरों की टीम बुलाई गई।सभी 10 हाथी 100 से 200 मीटर के दायरे में बेहोश पड़े थे प्राथमिक तौर पर डॉक्टरों का कहना था कि इन हाथियों को किसी ने जहरीला या नशीले पदार्थ का सेवन कराया हैं या इन्होंने चारे के साथ उसका सेवन किया है। वर्मा ने यह भी कहा इस जंगल के क्षेत्र में कोको कुटकी भी होती है आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा में या आधा पका कोको कुटकी खा लिया हो जिसके डिहाइड्रेशन की बजह से इनकी यह हालत हो गई। उनके मुताबिक घटना स्थल डॉग़ स्क्वायड को भी बुलाया गया था भोपाल और दिल्ली से आई जांच टीमों के अलावा स्थानीय तौर पर भी हमारी फॉरेस्ट की टीमें रिजर्व के आसपास खेत तालाब और हाथियों का मल की भी जांच कर रही है । साथ ही हाथियों के पग मार्ग के आधार पर यह देखा जायेगा कि कही हाथियों ने कोई पॉयजन वाला पदार्थ तो नहीं खाया।

जानकारी मिली है कि हाथियों की मौत का बड़ा कारण हाथियों के मल्टीपल ऑर्गन का फेल होना है आज शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि मृत हाथियों के शरीर से बड़ी मात्रा में कोदो नामक जंगली पदार्थ मिला है बांधवगढ़ रिजर्व के डायरेक्टर पीके वर्मा के मुताबिक यह माइक्रोटोक्सिन होता है आशंका है उसके कारण हाथियों के मल्टीपल ऑर्गन फेल हो गए और उनकी मौत हो गई।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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