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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, सितंबर में 11 की मौत, ड्रोन हमलों के खिलाफ हजारों सड़कों उतरे, कर्फ्यू लगा इंटरनेट बंद

Manipur Violence Shots
Manipur Violence Shots

इंफाल/ मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई हैं अलग अलग घटनाओं में अभी तक यहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग घायल हुए है बताया जाता है आधुनिक हथियार और ड्रोन हमलों के बाद मैतई समुदाय हजारों की संख्या में इंफाल की सड़कों पर उतरा और उसने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान जब यह राजभवन की ओर सीएम हाऊस की तरफ बड़े तो सुरक्षा बल और पुलिस ने टियर गैस के गोले दागने के साथ बेरीगेटिंग कर उन्हें रोका। फिलहाल मणिपुर में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है साथ ही कर्फ्यू लगा दिया गया है।

फिर डरावनी हिंसा की तस्वीरें, ड्रोन हमलों के खिलाफ मैतई का जोरदार प्रदर्शन…

पिछले 1 सितंबर से मणिपुर से फिर डरावनी तस्वीरे सामने आने लगी और मणिपुर एक बार फिर से जलने लगा है। पिछले दिनों हुए ड्रोन हमलों के खिलाफ रविवार को राजधानी इंफाल में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया उनकी प्रमुख मांग है कि ड्रोन हमलों को रोका जाएं, सेंट्रल फोर्सिस की बापसी हो, और डीजीपी को बदला जाएं। जब यह प्रदर्शनकारी सीएम हाउस का घेराव करने राजभवन की ओर बड़े तो पहले से वहां मोजूद फ़ोर्स ने उन्हें बेरीगेटिंग कर रोका लेकिन जब वह नहीं माने तो पुलिस ने अश्रु गैस के गोले दागे और उन्हे पीछे धकेल दिया। तब प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी और प्रदर्शन के साथ धरना शुरू कर दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री एम वीरेंद्र सिंह ने नए राज्यपाल को रात 11 बजे एक ज्ञापन सौंपा।

एक सप्ताह में 8 की मौत कई घायल …

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 सितंबर को कुकी समुदाय के फोर्स ने जिरोबाम में अटैक किया था जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत सोने के दौरान और चार की इस गोलीबारी के हमले से बचाव के दौरान मौत हुई आरोप है कि यह ड्रोन हमला था। इसके बाद कोपचिंग डिस्टिक बंदूकों और बम गिराकर हमला हुआ। जबकि 6 सितंबर को विष्णुपुर डिस्टिक में अटैक हुआ पहला अटैक सुबह 4.30 बजे रॉकेट से अटैक किया गया,दूसरा हमला अन ग्राईंडेड मिसाइलों से किया गया जिससे दो बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा उसके साथ ही फॉर्मर चीफ मिनिस्टर के यहां मिसाइल छोड़ी गई। इस हमले में एक बुजुर्ग और एक बच्ची की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। आरोप हैं कि यह सब हमले ड्रोन की मदद से किए गए।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 7 सितंबर को कुकी समुदाय के फोर्स ने जिरोबाम में अटैक किया था जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत सोने के दौरान और चार की इस गोलीबारी के हमले से बचाव के दौरान मौत हुई आरोप है कि यह ड्रोन हमला था। इसके बाद कोपचिंग डिस्टिक बंदूकों और बम गिराकर हमला हुआ। जबकि 6 सितंबर को विष्णुपुर डिस्टिक में अटैक हुआ पहला अटैक सुबह 4.30 बजे रॉकेट से अटैक किया गया,दूसरा हमला अन ग्राईंडेड मिसाइलों से किया गया जिससे दो बिल्डिंग्स को नुकसान पहुंचा उसके साथ ही फॉर्मर चीफ मिनिस्टर के यहां मिसाइल छोड़ी गई। इस हमले में एक बुजुर्ग और एक बच्ची की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए। आरोप हैं कि यह सब हमले ड्रोन की मदद से किए गए। इस तरह इस हिंसा में पिछले 7 दिन में 8 लोगों की मौत हो गई।

एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया …

इसके बाद एंटी ड्रोन सिस्टम को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है आईजीपी इंटेलिजेंस ने 24/7 ड्रोन हमलों पर रोक की तैयारी की है आरोप है कि यह ड्रोन हमले कुकी समुदाय की तरफ से किए जा रहे है। प्रभावित क्षेत्रों में दंगा उन्मूलन बल और आरएएफ को भी तैनात किया गया है।

क्या है विवाद का कारण …

मणिपुर के कुकी और मैतई समुदाय में आरक्षण को लेकर विवाद की शुरूआत हुई। मणिपुर की वीरेंदर सिंह की सरकार के मैतई समुदाय को एसटी (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा दिए जाने से कुकी (जो पहले से एसटी दर्जा प्राप्त है) नाराज हो गए,आरक्षण मिलने से मैतई समाज के लोग मणिपुर के पहाड़ी और बाहरी इलाकों में जमीन और संपत्ति खरीद सकते थे और रह भी सकते है। जबकि कुकी समुदाय खुद के लिए अलग स्टेट की मांग पहले से करता आया है। आरक्षण मामले को लेकर दोनों समुदाय के बीच टकराव की नौबत आ गई और मई 2023 से यह हिंसा की शुरूआत हुई इन 16 महिनों में एक दूसरे के इलाकों में घुसकर जिसको मौका मिला उसने हमले किए और अभी तक हुई हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए जबकि 5 हजार लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं। जबकि कोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है लेकिन दोनों के बीच बड़ते वैमनस्य और टकराव के चलते मणिपुर एक बार फिर से सुलग गया है। अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह मणिपुर को लेकर कोई ठोस कदम उठाए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदि पहल करते है तो मणिपुर में शांति बहाली जल्द हो सकती है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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