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असमगुवाहाटी

असम में भारत न्याय यात्रा को रोकने पर बबाल, पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प, लाठीचार्ज, भ्रष्ट मुख्यमंत्री से डरते नहीं कहा राहुल ने

Rahul Gandhi Speech
Rahul Gandhi Speech

गुवाहाटी / राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा असम में दाखिल हो चुकी है लेकिन यात्रा के सामने लगातार व्यविधान आ रहे है मंगलवार को यात्रा के रूट को लेकर हंगामा हो गया जब शहर के अंदर से यात्रा में शामिल लोग दाखिल होने लगे तो उन्हें बेरीगेटिंग लगाकर पुलिस ने रोका जिससे कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई जब नेरीगेटिंग हटाकर कार्यकर्ता आगे बड़े तो उनपर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।बाद में राहुल गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्ता विश्वा सरमा और बीजेपी डरी हुई है और गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर वह यात्रा को रोकने की कोशिश कर रहे है लेकिन हम डरने या रुकने वाले नही है हम इस भ्रष्ट सीएम को हराएंगे। उन्होंने कहा हमने अवरोधक तोड़े है लेकिन कानून को नही तोड़ेंगे।

राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू हुई है जो नगालैंड होती हुई असम में दाखिल हो गई थी अरुणाचल प्रदेश मेघालय होती हुई यह यात्रा फिर असम में पहुंची लेकिन इस बीच यात्रा में कुछ न कुछ व्यवधान आते रहे पहले यात्रा के काफिले पर हमला हुआ बेनर पोस्टर फाड़े गए इसके बाद तथाकथित बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता हाथों में बैनर झंडे लेकिन यात्रा के करीब से नारेबाजी करते निकले तो राहुल गांधी उनके बीच कूद गए उनसे धक्का मुक्की की गई। 22 जनवरी को अनुमति मिलने के बाद राहुल गांधी जब गुवाहाटी में शंकरदेव मंदिर दर्शन करने निकले तो उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया।

लेकिन मंगलवार को जब उनकी यात्रा गोवहाटी से गुजर रही थी तो उसे बेरीगेट्स लगाकर आगे बड़ने से रोक दिया गया, जिससे टकराव की नोबत आ गई इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों के कार्यकर्ता भी बैनर झंडे लेकर यात्रा के समर्थन में साथ चल रहे थे, इस बीच काफी गहना गहमी के साथ यात्रा में शामिल भीड़ और पुलिस के बीच झूमा झटकी होती देखी गई। और कार्यकर्ता बेरीगेटिंग तोड़कर आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया जिससे कई कार्यकर्ता घायल भी हो गए। इस दौरान राहुल गांधी को एक निजी यूनिवर्सिटी के छात्रों से मुलाकात और उनसे बातचीत का न्यौता आया था लेकिन बाद में उनका यह कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया।

इस बीच असम के मुख्यमंत्री हेमंता विश्वा सरमा का एक ट्वीट सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि यात्रा में शामिल लोग भीड़ वाले रास्ते से गुजरना चाहते है जहां अस्पताल भी है उन्हें रोका तो उन्होंने बेरीगेटस तोड़ दिए असम एक शांतिप्रिय राज्य है यहां यह नक्सल जैसी घटना बर्दाश्त नहीं की जायेंगी मैने डीजीपी को राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए है क्योंकि उन्होंने कानून का उल्लघंन किया हैं।

एक अन्य इंटरव्यू में असम के मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस यात्रा का रूट जो दिया गया है यह यात्रा उसपर न जाते हुए जहां मिया लोग रहेगा वहां से गुजरना चाहते हैं यह न्याय यात्रा नही बल्कि मिया यात्रा हैं।

जबकि इस यात्रा में भरी भीड़ देखी जा रही है राहुल गांधी ने एक सभा में कहा कि यह नफरत फैलाते है और हमारा उद्देश्य मोहब्बत का बाजार लगाना है यह धर्म जाति भाषा के आधार पर एक दूसरे को लड़ाने है उन्होंने सीएम हेमंता विश्वा सरमा के एक ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि असम के मुख्यमंत्री कहते है कि दलित पिछड़े जनरल कास्ट की सेवा के लिए पैदा होते है यह इनकी मानसिकता है लेकिन आपको चुप नहीं रहना चाहिए जवाब देना चाहिए कि दलित आदिवासी ओबीसी और अल्पसंख्यक किसी से कम नहीं। कांग्रेस नेता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली से कहा गया कि गुवाहाटी की एक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स आपसे मिलना चाहते है आपकी बात सुनना चाहते है लेकिन अमित शाह का फोन मुख्यमंत्री के पास आया और उन्होंने यूनिवर्सिटी के संचालकों को धमकी दी यदि राहुल गांधी आते है तो तुम्हारी यूनिवर्सिटी का नुकसान होगा उन्होंने प्रोग्राम कैंसल कर दिया लेकिन जब मैं इधर से गुजरा तो यूनिवर्सिटी के बाहर खड़े सैकड़ों छात्रों ने मुझे रोक लिया और मेरी उनसे बात हुई।

राहुल गांधी ने कहा कि वह किसी से भी डरते नहीं है और आपको भी किसी से डरने की जरुरत नहीं है उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की इस हरकत से हमारा फायदा ही होगा और आने वाले समय में असम में कांग्रेस का तूफान आने वाला है तब देखेंगे कोन केस लगाता है कोन मेसेज और ट्वीट करता हैं। राहुल ने कहा कि इनकी नफरत ने मणिपुर को जला डाला आप किसी को डरा सकते हो हम पर केस लगा सकते हो लेकिन हम डरने वाले नही लेकिन हमारी यात्रा से यह खुद डरे हुए है असम में सबसे अधिक बेरोजगारी है और यहां का मुख्यमंत्री सबसे अधिक भ्रष्ट है बेरोजगारी और महंगाई से लोग परेशान है आज असम की जनता इनके खिलाफ खड़ी हो रही है।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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