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दिल्ली

मणिपुर को लेकर संसद और राज्यसभा में हंगामा, 25 जुलाई तक कार्यवाही स्थगित, विपक्ष पीएम के बयान और 276 के तहत बहस पर अड़ा, आप सांसद संजय सिंह निलंबित

Parliament house
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नई दिल्ली/ देश की संसद और राज्यसभा में मानसून सत्र का तीसरा दिन भी आज हंगामे की भेंट चढ़ गया जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 25 जुलाई 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसा कि विपक्ष मणिपुर मामले पर अनुच्छेद 276 के तहत बहस की मांग के साथ इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहा था लेकिन सत्ता पक्ष का कहना था वह बहस किए तैयार है लेकिन विपक्ष चर्चा में शामिल होना ही नही चाहता।

राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आप सांसद संजय सिंह सभापति जगदीश धनकड़ की आसंदी के पास आ गए और वे मणिपुर पर बहस कराने की मांग करने लगे, धनकड़ ने उन्होंने अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया लेकिन बाद में धनकड़ के कहने पर उनके खिलाफ बीजेपी सदस्य पियूष गोयल निलंबन का प्रस्ताव लाए जिसे हंगामे के बीच सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अपना समर्थन दिया और उसके बाद सभापति ने उन्हे पूरे मानसून सत्र तक के लिए सस्पेंड करने की घोषणा सदन में की। तब सभापति धनकड़ ने आप सांसद संजय सिंह को सदन से बाहर जाने के लिए कहा।

इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार मणिपुर के इस बड़े मुद्दे पर चर्चा कराना ही नही चाहती, सरकार को उसकी जिम्मेदारी बताने के लिए विपक्ष हमेशा से सदन में अपना पक्ष रखता रहा है और अपने मुताबिक बहस के लेकिन अनुरोध करता रहा है लेकिन किसी सदस्य को ऐसा करने पर सस्पेंड नहीं किया जाता उन्होंने कहा हम चाहते है कि प्रधानमंत्री जो बाहर इस पर दुख व्यक्त करते है वे काफी क्रोधित भी है सदन में आकर वह देश को बताए उनकी सरकार ने अभी तक वहां क्या किया क्या करने जा रहे है लेकिन वह खुद सामने क्यों नहीं आना चाहते क्या पीएम होने के नाते उनकी कोई जिम्नेदार नही बनती। विपक्ष उनसे केवल मणिपुर मामले पर सदन में जनाब ही तो मांग रहा है लेकिन ना जाने क्यों वह नही आना चाहते।

जबकि संजय सिंह ने सदन से बाहर आने पर मीडिया से चर्चा में कहा देश के प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा पर जवाब क्यो नही दे रहे दो महिलाओं के साथ एक आर्मी के सैनिक की पत्नी के कपड़े उतारकर उनकी परेड कराई गई इस कृत्य से भारत की सेना और देश के 140 करोड़ लोगों के सिर शर्म से झुक गए और प्रधानमंत्री इसपर जवाब देने नही आ रहे आप सांसद ने कहा हमने इस मुद्दे को लेकर सदन में बहस कराने के लिए 267 का नोटिस दिया था हमने सदन में 15 मिनट तक सभापति से इसपर चर्चा का अनुरोध किया लेकिन जब उन्होंने बोलने का मौका नहीं दिया तो मैं सभापति की आसंदी के पास जाकर उनसे फिर अनुरोध किया लेकिन उन्होने फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया इससे साफ है कि सरकार मणिपुर मुद्दे पर कोई बात करना ही नही चाहती।

इधर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार मणिपुर मामले पर हर तरह की बहस के लिए तैयार है लेकिन लगता है विपक्ष ही गंभीर नहीं दिखता और खुद ही चर्चा कराना नहीं चाहता इसलिए हर बार सदन में केवल हंगामा कर समय बरवाद करता रहता है।

अनुच्छेद 267 के प्रावधान के तहत यदि सदन में बहस की अनुमति मिलती है तो पूरे दिन सिर्फ मणिपुर के मामले पर चर्चा होगी अन्य जो भी मुद्दे है उस दिन उन्हें सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा और विपक्ष चाहता है कि मणिपुर मुद्दे पर पूरा एक दिन सदन में बहस हो। लेकिन सरकार इस पर राजी नहीं है। और यही एकमात्र सत्ता और विपक्ष के बीच टकराव का मुख्य कारण है और इसी के चलते तीन दिन से दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है।

जैसा कि मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा जिसमें 17 बैठके होंगी जिसमें सरकार 21 नए बिल ला रही है जबकि 10 बिल संसद में पहले पेश हो चुके है जिन पर चर्चा होना बाकी है इनमें सबसे महत्व पूर्ण बिल दिल्ली का है जो वहां के अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा हैं।

Tags : Parliament HousePolitics
Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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