- लोकसभा उपचुनाव -गोरखपुर और फ़ूलपुर में सपा तो अररिया में आरजेडी ने जीत हासिल की,
- बीजेपी और जेडीयू को गहरा झटका
गोरखपुर – फ़ूलपुर- अररिया / देश के उत्तर प्रदेश की दो और बिहार की एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी का सूपडा साफ़ हो गया हैं गोरखपुर में बीजेपी को पूरे 25 साल बाद हार का मुंह देखना पड़ा तो फ़ूलपुर की सीट भी उसके हाथ से जाती रही, दौनो ही जगह समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की वही बिहार की अररिया सीट पर लालू के राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी उम्मीदवार को शिकश्त देकर जीत का परचम लहराया, इन चुनावों के नतीजों से साफ़ होता है कि अब मोदी और योगी का सिर चढ़कर बोल रहा जादू यहाँ तो प्रभावी नही रहा और जनता ने उसे बुरी तरह से नकार दिया है।इस तरह बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जोरदार झटका लगा हैं।
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठजोड ने एक नई सियासत को तो जन्म दिया ही बल्कि सबाल यह भी उठता है कि क्या बसपा प्रमुख मायावती के सियासी दांव ने बीजेपी को पटकनी दे दी।
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21881 मतों से पराजित कर दिया यहां सपा को 4.56.513 वोट मिले और भाजपा को 4.34.632 मत मिले , वही फ़ूलपुर में सपा के नागेन्द्र सिंह पटेल ने बीजेपी के कोशलेन्द्र सिंह को 59.613 मतों से हरा दिया इस सीट पर सपा को 3.42.796 और बीजेपी प्रत्याशी को 2.83.183 वोट मिले,जबकि बिहार की अररिया लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में आरजेडी के सरफ़राज आलम ने बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप कुमार सिंह को 61788 वोटों से शिकश्त दी यहाँ आरजेडी को 5.09.334 मत मिले और बीजेपी प्रत्याशी ने 4.47.546 मत हासिल किये।
खास बात रही उत्तर प्रदेश में जिस तरह सपा और बसपा के मिलने से जीत के नये समीकरण बने वहीं बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी दौनो को यहाँ के मतदाताओं ने एक तरह से कोई तवज्जो नही दी इतना ही नही लालूप्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी की जीत से जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन को भी बिहार में जोरदार धक्का लगा है। जबकि सोचनीय है कि जिस गोरखपुर सीट पर पिछले 25 सालो से बीजेपी का कब्जा था और 5 बार से यहां योगी आदित्यनाथ सांसद चुने जाते रहे उस लोकसभा सीट को भी मुख्यमंत्री रहते योगी और बीजेपी ने खो दिया यह काफ़ी महत्वपूर्ण कहा जा सकता है।