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ग्वालियरमध्य प्रदेश

विश्व में आशांति का वातावरण, ऐसे में एकात्म यात्रा प्रासंगिक- शिवराज सिंह चौहान

Ekatam Yatra
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विश्व में आशांति का वातावरण, ऐसे में एकात्म यात्रा प्रासंगिक- शिवराज सिंह चौहान

ग्वालियर- आज विश्व जिस दौर से गुजर रहा है और अशांति का वातावरण पूरे जनसमुदाय में फैल रहा है, तीसरे विश्वयुद्ध की सुगबुगाहट सुनाई देती है और व्यक्तिवाद दिखाई देता है, उससे निपटना है तो हमें आदि गुरु शंकराचार्य मार्ग पर चलना होगा। ये कहना मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का।

शिवराज सिंह चैहान एकात्म यात्रा के दौरान ग्वालियर आएं हुए थे। इस दौरान उन्होनें एकात्म यात्रा स्वागत किया। साथ ही मंच से लोगों को संबोधित किया। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य की सामाजिक समरसता के उद्देश्य को ध्यान में रखकर और अद्वैत सिद्धांत के मार्ग पर चलकर ही शांति और प्रगति का मार्ग पाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1200 साल पहले आदि गुरु शंकराचार्य सभी प्राणियों में एक ही चेतना का होने का जो संदेश दिया। वही आज प्रासंगिक है, क्योंकि उनका मानना था कि मनुष्य और हर प्राणी में एक ही चेतना का निवास है, सामाजिक सद्भाव से ही विश्व शांति की प्रगति के पद पर चल सकता है।

उन्होंने आग्राह किया कि जिस तरह से आज विश्व में तीसरे विश्वयुद्ध की सुगबुगाहट सुनाई देती है और व्यक्तिवाद दिखाई देता है, उससे निपटना है, तो हमें आदि गुरु शंकराचार्य मार्ग पर चलना होगा और एकात्म यात्रा उसी का ही एक रूप है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का ग्वालियर के इटालियन गार्डन में अनावरण भी किया। आपको बता दें कि एकात्म यात्रा लगभग दो बजे ग्वालियर पहुंची और सबसे पहले प्रदेश सरकार के मंत्री जयभान सिंह पवैया ने यात्रा की आगवानी की और स्वागत किया। साथ ही शहर के अलग-अलग वार्डों से और ग्रामीण क्षेत्र से आई कलश यात्रा को फूलबाग मैदान पर एकत्र करके सजाया गया। इन कलशों में आई मिट्टी अब ओमकारेश्वर जाएगी, जहां आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट की मूर्ति की स्थापना होगी।

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Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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