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हिट एंड रन क़ानून का व्यापक विरोध,
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ट्रक – बस ड्राइवर हड़ताल पर कई शहरों में प्रदर्शन चक्कजाम,
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आम व्यक्ति की परेशानी बड़ी
भोपाल, सागर/ केन्द्रीय सरकार के नए भारतीय न्याय संहिता 2023 हिट एंड रन कानून का व्यापक विरोध शुरू हो गया है ड्राइवर्स के हड़ताल पर जाने से बसों के पहिए जाम हो गए जबकि ट्रक ड्राईवर शहर के बाहर और हाईवे पर ट्रक खड़े करके चक्कजाम और प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे आम लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव देखा जा रहा है। पैट्रोल पम्प बंद है या उनपर लम्बी लम्बी लाइने देखी जा रही हैं तो बस स्टेण्ड पर यात्री परेशान हैं जबकि ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इस कानून पर पुनःविचार करने की अपील की हैं।
यदि आप सड़क मार्ग से शहर से कही बाहर जा रहे है तो सावधान हो जाएं आज आपको बस मिलना मुश्किल है भोपाल के आईएसबीटी और नादरा सहित इंदौर जबलपुर और प्रदेश के करीब सभी शहरों में बस ड्राईवर हड़ताल पर है साथ ही ट्रक ड्राइवरों ने ट्रको को हाईवे या शहर के बाहरी मार्गो पर खड़ा कर दिया है और बस और ट्रक के सभी ड्राइवर हड़ताल पर चले गए है और जगह जगह प्रदर्शन और चक्कजाम कर रहे है। इंदौर भोपाल में प्रदर्शनकारी ड्राइवर और पुलिस में झड़पो की भी खबर हैं यह ट्रक और बस ड्राइवर हाल में केंद्रीय सरकार के हिट एंड रन के कानून को लेकर विरोध पर उतर आए है इस कानून के अंतर्गत वाहन चालकों को 7 लाख का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान हैं। लेकिन फिलहाल ड्राइवर ही इस कानून के खिलाफ हड़ताल पर गए है जबकि ट्रांसपोर्टर्स फिलहाल खामोश हैं।
ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस दिल्ली के चेयरमैन सीएल मुकाती के मुताबिक जगह जगह से ख़बरें आ रही है कि ट्रक ड्राइवर अपनी गाडियां छोड़कर जा रहे है उन्होंने बताया कि उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह को इस संबंध में एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने उनसे इस कानून को वापस लेने अथवा इसपर पुनःविचार करने की मांग की है यदि सरकार हमारे सुझाव को नही मानती या यह कानून वापस नहीं लेती तो हम सब आंदोलन और चक्काजाम करने पर मजबूर हो जाएंगे।
इधर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा हैं कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का जो प्रावधान हैं वह हमारे परिवहन उद्योग को ख़तरे में डाल रहा हैं उन्होंने कहा हिट एंड रन केसो में सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर हैं इसके पीछे सरकार का इरादा भी ठीक हैं लेकिन जो कानून प्रस्तावित हैं उसमें कई खामिया हैं उसपर दोबारा सोचने की जरूरत हैं।
लेकिन इस हड़ताल से आम लोग काफी परेशानी में आ गये हैं बस स्टेड पर बाहर जाने वाले यात्री बस के इंतज़ार में भारी तादाद में बैठे देखे जा रहे हैं तो अधिकाश पैट्रोल पम्प बंद हैं और जो खुले हैं उनपर भारी भीड़ देखी जा रही हैं। उनपर ऑन लाइन पेमेंट की सुविधा भी बंद है इस तरह यदि ट्रक चालकों की यह हड़ताल जारी रही तो पैट्रोल डीजल के साथ सब्जी सहित अन्य आवश्यक चीजों की कमी होना संभावित लगता हैँ। इधर मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा हैं कि सभी समस्याओं का हल बातचीत से निकल सकता हैं वाहन चालक हड़ताल न करते हुए अपनी बात प्रदेश सरकार के सामने रखें हम उस पर जरूर विचार करेंगे।