- तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय सरकार को 6 माह में कानून बनाने का निर्देश दिया,
- तीन जजो ने असंवेधानिक बताया
नई दिल्ली.. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक मामले में फ़ैसला देते हुएं कहा है कि, केन्द्रीय सरकार इस प्रकरण में सभी पार्टियो को विश्वास में लेकर कानून बनाये, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को छह महिने का वक्त दिया है। वही 5 जजो की इस बैंच में शामिल 3 जजो ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खैहर ने आज तीन तलाक मामले मै अपना फ़ैसला देते हुएं कहा है कि केन्द्र सरकार तीन तलाक पर संसद मै कानून बनाये जिसमे वह सभी विपक्षी राजनैतिक पार्टियो को भी अपने साथ विश्वास में ले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने के लिये सरकार को 6 महिने का समय दिया है, मुख्य न्यायाधीश श्री खैहर ने कहा है कि चूंकि यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा है इसलिए कोर्ट ने संविधान की धारा 142 के तहत विशेष शक्तियो का उपयोग कर ही कानून बनाने के लिये सरकार को निर्देशित किया है।
वही सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष को आगाह किया है कि वह अपने सभी पूर्वाग्रह छोड़कर आपस में मिलकर जनहित में फ़ैसला लें और संसद में कानून बनाये, वही इस फ़ैसले में 6 माह का वक्त दिये जाने से फ़िलहाल तीन तलाक पर 6 महिने तक रोक लग गई है एक तरह से तीन बार कहकर पुरूष किसी महिला को अब तलाक नही दे सकते, वही फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने का निर्देश देकर गोटी केन्द्र सरकार के पाले में डाल दी है।
खास बात है मुख्य न्यायाधीश के साथ 5 जजो की बैच इस मामले के लिये बनाई गई थी श्री खैहर के बाद तीन अन्य जजो ने अपने फ़ैसले में तीन तलाक को असंवेधानिक बताया है इस तरह उनकी तरफ़ से तीन तलाक को खत्म करने पर सहमति थी और उनके इस फ़ैसले से यह पारम्परिक रीति खत्म मानी जायेगी, क्योकि 5 में से 3 जजो ने इसे असंवैधानिक बताया है।