- तीन तलाक मामले में अध्यादेश को मंजूरी, होगी तीन साल की जेल,
- कांग्रेस का वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप
नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केबीनेट की बैठक में बुद्धवार को तीन तलाक को अपराध मानने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई हैं उसपर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी मुहर लगा दी हैं, इस अध्यादेश में तीन तलाक के मामलों में तीन साल के कारावास का प्रावधान रखा गया हैं। यह अध्यादेश छह माह तक लागू रहेगा और बाद में इसे संसद में पास कराना होगा।
तीन तलाक को अपराध बनाने संबंधी मुस्लिम महिला विधेयक 2017 को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश नही किया जा सका था उसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फ़ौरी तौर पर महसूस किये जाने पर यह अध्यादेश लाया गया हैं इसका किसी धर्म से कोई लेना देना नही हैं यह सिर्फ़ लेंगिक समानता के तहत सम्मान का मामला हैं प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसका रवैया ढुलमुल रहा और वोट बैंक की राजनीति की बजह से कांग्रेस लगातार टालती रही और इस मसले पर खुलकर सामने नहीं आ रही थी जिसके कारण संसद में अनुमति नही मिल रही थी।
इस अध्यादेश के तहत तीन तलाक संग्येय अपराध तभी माना जायेगा जब महिला या उसका खून का रिश्ता रखने वाला कोई परिजन शिकायत करे जिसमें पति को तीन साल की जेल और जुर्माना अदा करना होगा,वहीं पनि पत्नि की रजामंदी पर शिकायत बापस ली जा सकती हैं उसमें महिला का मजिस्ट्रेट से अनुरोध करना जरूरी होगा,महिला का पक्ष सुनने के बाद मजिस्ट्रेट उचित समझने पर पति को जमानत दे सकता हैं,बच्चें महिला के पास रहेंगे और इस दौरान महिला को अपने बच्चों के लिये गुजारा भत्ता पाने का हक होगा जिसकी राशि मजिस्ट्रेट तय करेंगे,इस अध्यादेश की खास बात हैं यह जम्मूकाश्मीर में लागू नही होगा।
इधर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उल्टा बीजेपी पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया हैं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में हैं और इस मामले में माननीय पक्ष को नजर अंदाज कर रही हैं कांग्रेस ने कहा कि सरकार इसे राजनीतिक फ़ुटवाल बनाना चाहती है।