नई दिल्ली/ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की पार्थिव देह आज उनके निवास पर दर्शनार्थ रखी गई, राष्ट्रपति,उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित देश के अनेक नेताओं ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। कल शनिवार को कांग्रेस दफ्तर पर पूर्व प्रधानमंत्री की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा उसके उपरांत 9.30 बजे कांग्रेस दफ्तर से उनकी अंतिम यात्रा प्रारम्भ होगी और 11 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा। उनके निधन पर देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है इस दौरान राष्ट्रपति भवन सहित अन्य शासकीय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। जबकि गृह विभाग ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट का स्थान निश्चित किया है लेकिन कांग्रेस ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
लंबे समय से पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह की तबियत खराब थी और गुरूवार को वह अपने घर पर बेहोश हो गए थे उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी गंभीर स्थिति में उन्हें AIIMS लाया गया और इमरजेंसी वार्ड में रखा गया लेकिन इलाज के दौरान रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इस तरह देश का एक नेक, ईमानदार, कर्मयोगी और विनम्रता की प्रतिपूर्ति वाला व्यक्तित्व 92 साल की उम्र में देश से रुखसत हो गया।
आज शुक्रवार को उनकी पार्थिव देह को उनके निवास 3 मोतीलाल नेहरू मार्ग पर दर्शनार्थ रखा गया इस मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह,जेपी नड्डा, कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रियंका गांधी वाड्रा केसी वेणुगोपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग आज कांग्रेस मुख्यालय पर हुई जिसमें एक प्रस्ताव पास किया गया जिसमें कहा गया उन्होंने देश को एक नई दिशा दी सच में वह देश के एक असली स्टेटमेन थे कांग्रेस ने उनके अंतिम संस्कार और उनके स्मारक के साथ ही स्मारक के लिए उचित स्थान पर भी चर्चा की।इस अवसर पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन मेरा व्यक्तिगत नुकसान है वह मेरे दोस्त और मार्गदर्शक थे। प्रस्ताव के बाद मौजूद कांग्रेसजनों ने दिवंगत नेता को श्रद्धासुमन अर्पित का उन्हें याद किया।
कल शनिवार को सुबह 8 बजे डॉ मनमोहन सिंह की पार्थिव देह दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय लाई जाएंगी और सुबह 8.30 बजे तक अंतिम दर्शन हेतु रखी जाएंगी उसके उपरांत 9.30 बजे उनकी अंतिम यात्रा कांग्रेस ऑफिस से शुरू होगी और शुक्रवार को सुबह 11 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा ।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने पीएम से उनके कद के हिसाब से उनके अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थान और उनके स्मारक की मांग की है श्री खड़गे ने कहा है कि उनका अंतिम संस्कार हो वही उनका स्मारक बनना चाहिए। इधर गृह मंत्रालय ने उनके अंतिम संस्कार के लिए निगम बोध घाट का चयन किया है लेकिन कांग्रेस इससे सहमत नहीं हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि केंद्र सरकार का यह फैसला ठीक नहीं है सिख समाज के पहले प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि पूरे सम्मान के साथ उचित स्थान पर होना चाहिए।
डॉ मनमोहन सिंह का जन्म पंजाब (अब पाकिस्तान) के चकवाल जिले के गह गांव में 26 सितंबर 1932 को हुआ था। आजादी के बाद उनका परिवार भारत के अमृतसर आ गया था। उनके परिवार में उनकी पत्नी गुरुशरण कौर और तीन बेटियां है।
जहां तक उनकी एज्यूकेशन की बात है उन्होंने शुरूआती पढ़ाई ऊर्दू में की, 1948 में उन्होंने मैट्रिक किया। 1952 में पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री और 1954 में अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की 1957 में उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र ऑनर्स और 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नूफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी फिल किया। आपने अपने केरियर की शुरूआत पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में एक टीचर के रूप में की। उसके बाद वर्ष 1971 में सरकार ने उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बनाया,और 1972 में वे वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बने, 1982 से 1985 तक वह रिजर्व बैंक के गवर्नर बने इसके बाद 1985 से 1987 तक योजना आयोग के प्रमुख रहे। उसके बाद 1991 में पीएम पीवी नरसिंहराव ने अपनी सरकार में उन्हें देश का वित्त मंत्री बनाया। इस दौरान डॉ मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों से देश को आर्थिक मंदी से बाहर निकाला जबकि समूचा विश्व उस समय आर्थिक मंदी से ग्रस्त था। मनमोहन सिंह 2004 और 2019 में लगातार दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे। वह 2019 में राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे और उनका कार्यकाल 3 अप्रैल 2024 को समाप्त हुआ है। इससे पहले 1991 में असम से वह राज्यसभा पहुंचे थे और लगातार 33 साल तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। वह छह बार राज्यसभा से सांसद रहे।
प्रधानमत्री बनने के साथ मनमोहन सिंह ने देश के आम लोगों के साथ हर वर्ग के हित में तेजी से कार्य करना शुरू कर दिया था जिसमें जून 1991 में उन्होंने वैश्वीकरण एवं उदारीकरण का बड़ा काम किया उसके बाद जून 2005 में उन्होंने देश को सूचना का अधिकार दिया और सितंबर 2005 में ही उन्होंने आम गरीब मजदूर को रोजगार गारंटी का अधिकार दिया उसके बाद उन्होंने मार्च 2006 में अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील करने एक बड़ा काम किया। जबकि जून 2009 में देश के हर नागरिक की पहचान के लिए आधार कार्ड की सौगात दी इसके बाद अप्रैल 2010 में उन्होंने देश को शिक्षा का अधिकार दिया।
प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन हमारे और देश के लिए एक बड़ा नुकसान है साथ ही राष्ट्रीय क्षति है विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर आना और उस समय का सामना करना और अभावों और संघर्षों के बीच ऊपर उठकर ऊंचाइयों को कैसे हासिल किया जाता है यह उनके जीवन से सीखा जा सकता है उन्होंने कहा एक अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाया तो चुनौतियों के दौर में देश के गवर्नर रहे साथ ही पीवी नरसिंहराव के पीएम रहते उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में जो योगदान दिया वह भुलाया नहीं जा सकता।