ग्वालियर – ग्वालियर से 45 कि.मी दूर डबरा के एक निजी स्कूल में पढने वाले छात्र देवप्रकाश मांझी ने दसवी बोर्ड में टॅाप आकर पूरे अंचल का नाम रोशन किया है। लेकिन शिक्षा विभाग और स्कूल की लापरवाही के चलते ये टॅापर सीएम के हाथों सम्मान पाने भोपाल नहीं जा सका। देवप्रकाश का कहना है कि उसे सूचना ही नहीं मिली। इसका उसे जिंदगी भर अफसोस रहेगा। वहीं पुलिस कॅास्टेबल उसके पिता कदम सिंह का कहना है कि छोटी जाति होने के कारण वे खुद भी अपने विभाग में उपेक्षा का शिकार रहे है।
उनके साथ के लोग सब इंस्पेक्टर तक बन चुके है लेकिन वो अभी तक कॅास्टेबल ही है। लेकिन वो अपने बेटे की काम्याबी पर बेहद खुश है और उन्होंने स्कूल के टीचिंग स्टाफ का शुक्रिया अदा किया है। दरअसल ग्वालियर के डबरा तहसील के टाॅपर छात्र देवप्रकाश मांझी के भोपाल न बुलानें के मामले नें तूल पकड़ लिया है। दसवीं बोर्ड की परीक्षा में अव्वल रहे देव प्रकाश नें 600 में से 587 अंक लेकर पूरे प्रदेश में टॅाप किया है । उसे मुख्यमंत्री द्वारा शुक्रवार को सीएम हाउस में सम्मानित भी किया जाना था । लेकिन सूचना न मिलने के अभाव में मेघावी छात्र भोपाल नही जा पाया ।
शिक्षा विभाग का कहना है कि मैरिट के आधार पर छात्रों को एक दिन पहले सूचना समन्वय प्राचार्य के जरिये संबधित स्कूल को दे दी गई थी। ।ग्वालियर से 10 छात्र पहुंच गये थें। लेंकिन टाॅपर ही गायब रहा। डीईओं ने इस मामलें की जांच की बात कही है। वहीं छात्र के पुलिस कांस्टेबल पिता का आरोप है कि उनके पिछडे होने के कारण विभाग में भी पक्षपात होता रहा है। उसी का शिकार उनका बेटा देवप्रकाश बना है।