नर्मदापुरम / मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) स्थित सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के कोर एरिया में एक युवा बाघ का शिकार किए जाने से सनसनी फेल गई, खास बात है शिकारी बाघ का शिकार करने के बाद उसका सिर घड़ से काटकर ले गए जिससे आशंका है कि बाघ का शिकार तंत्रमंत्र के लिए किया गया है । खास बात है एसटीआर प्रबंधन ने बाघ के शिकार की इस घटना को 5 दिन तक छुपाएं रखा जिससे उनकी कार्यविधि पर भी सबाल उठते है।
प्रधानमंत्री के हाथों सफल प्रबंधन का पुरुस्कार पाने वाले पार्क पर अब शिकारियों का खतरा मंडराने लगा है, प्रदेश के सबसे बेहतरीन सफल टाइगर रिजर्व की सुरक्षा अब भगवान भरोसे है, 26 जून को टाईगर रिजर्व के कोर एरिया की चूरना रेंज की डबरादेव बीट में फॉरेस्ट के गश्ती दल को एक बाघ का क्षत विक्षत शव पानी भरी डबरी के पास मिला था लेकिन प्रबंधन को इसकी जानकारी देने में पांच दिन लग गए की टाइगर का शिकार हुआ था। जबकि गंभीर बात है कि बाघ का शिकार करने के बाद शिकारी उसका सर काटकर ले गए। खास बात है शव मिलने के बाद आनन फानन में एसटीआर प्रबंधन ने प्रोटोकाल के तहत बाघ का पोस्टमार्टम कर उसे जला भी दिया था। वहीं पांच दिन बीत जाने के बाद प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मामले को लेकर कन्नी काटते नजर आते रहे। लगता है प्रबंधन को आशंका है की जादू टोने और तंत्रमंत्र के चलते बाघ के सर को शिकारी काट कर ले गए है।
इस पूरे मामले को लेकर फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका नंबर नहीं लग सका। वही डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलोज़ ने बाघ के शिकार की पुष्टि की।
पार्क क्षेत्र बहुत बड़ा है,और बीट गार्ड पूरे क्षेत्र में लगातार गश्त करते है बाघ का शव 5 से 7 दिन पुराना था लेकिन उनकी नजर नहीं पड़ी या लापरवाही रही यह बात भी उठती है । प्रोटोकॉल के तहत प्रबंधन ने बाघ के शव को पोस्टमार्टम कर जला दिया था। मौके पर टाइगर का सर नहीं मिला था लेकिन बाघ के चारों पैर एवं पूंछ सुरक्षित है। आशंका है कि जादू टोना करने वालों ने ही इस बाघ का शिकार किया होगा। शिकार किया टाइगर नर था और उसकी उम्र लगभग 5 साल रही होगी इसकी बॉडी पूरी तरह पानी में रहने से काफी हद तक गल चुकी थी।