छिंदवाड़ा, पन्ना / छिंदवाड़ा के कन्हार वन क्षेत्र के पास बाघ ने एक किसान का उसके खेत में शिकार कर लिया। जबकि पन्ना टाईगर रिजर्व से लगे इटवाकला गांव के जंगल में बाघ ने एक 10 साल के बच्चे पर हमला कर दिया शुक्र है कि इसकी भाभी के शोरगुल से बाघ भाग गया लेकिन नाबालिग बालक गंभीर रूप से घायल हो गया हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई है कि अब पार्क से निकलकर बाघ सड़कों पर विचरण करने के साथ गांव में घुस रहे हैं कुछ ऐसा ही मामला कुछ दिनों से पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे ग्राम इटवा कला में देखा जा रहा है जहां बाघ की चहल कदमी से ग्रामवासी परेशान हैं आलम यह है कि अब ग्रामवासी सूरज ढलते ही अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
पन्ना के इटवा कला गांव के जंगल में बकरी चराने गए 10 साल के एक नाबालिग लोकेंद्र आदिवासी पर खूंखार वन्यजीव बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया किसी तरह पास में ही मौजूद उसकी भाभी ने हल्ला मचाया और बाघ को पत्थर मारकर किसी तरह नाबालिक की जान बचाई। घायल लोकेंद्र की मां दसिया बाई आदिवासी ने बताया कि उसका बेटा जंगल में बकरी चराने के लिए गया हुआ था इसी दौरान झाड़ियां के पीछे छिपे बाघ ने उस पर हमला कर दिया किसी तरह उसकी भाभी के द्वारा चीखने चिल्लाने एवं पत्थर मारने पर बाघ वहां से भाग खड़ा हुआ और आसपास से इकट्ठा हुए गांव के लोग खून से लथपथ अवस्था में बेटे को कंधे पर बैठा कर गांव लेकर आए।
ग्रामीणों ने वनकर्मियों को घटना की जानकारी दी जानकारी लगने के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने घायल नाबालिक को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय पन्ना में भर्ती करवाया जहां उसका उपचार जारी है घटना में नाबालिक की सीने और कमर में गंभीर चोटें आई हैं।

इधर छिंदवाड़ा जिले के पिलकापार गांव के रहने वाले किसान गुलाब बरकडे मंगलवार को कन्हार वन क्षेत्र में आने वाले अपने खेत पर काम कर रहे थे इसी बीच पास के जंगल से निकलकर एक बाघ ने अचानक हमला कर दिया और किसान को घसीटता हुआ जंगल में 100 मीटर अंदर ले गया।
जब किसान का बेटा कपिल खेत पर पहुंचा तो उसे पिता कही दिखाई नहीं दिए इधर उधर खोजने पर उसे एक जगह उनकी चप्पल और आसपास खून के निशान दिखे पिता को न पाकर और यह देखकर उसने शोर मचाया तो आसपास से अन्य ग्रामीण इकट्ठा हो गए। जब सबने आसपास खोजबीन की तो जंगल में एक जगह किसान का क्षत विक्षत शव मिला।
कन्हार वन क्षेत्र के रेंजर दीपक तिरपुड़े के मुताबिक यह इलाका महाराष्ट्र के पेंच टाईगर रिजर्व से सटा हुआ है वहां से विचरण करते हुए कई बार टाईगर इस तरफ आ जाते है पहले भी कई बार बाघों का मूमेंट इधर रहा है। लेकिन इस घटना के बाद पीलकवार गांव सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में दहशत व्याप्त हो गई है।