भोपाल/ मध्यप्रदेश में शनिवार को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है राजभवन में आज सुबह राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने विधायक गौरी शंकर विसेन राजेंद्र शुक्ला और राहुल लोधी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद रहे। लेकिन चुनाव से ठीक तीन महिने पहले तीन विधायकों को मंत्री बनाकर क्या भाजपा नेतृत्व ने ठीक किया है या गलत यह आने वाला समय बताएगा।
शिवराज मंत्रिमंडल में गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ला को केबिनेट मंत्री और राहुल लोधी को राज्यमंत्री बनाया गया है। साफ है भाजपा नेतृत्व ने विंध्य से राजेंद्र शुक्ला महाकोशल से गोरी शंकर बिसेन और बुदेलखंड अंचल से राहुल लोधी को मंत्री बनाकर जातिगत और भौगोलिक समीकरण साधने का प्रयास किया है। जिससे स्पष्ट है यह रणनीति आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदे के मद्देनजर अपनाई गई है।
इस मंत्रिमंडल विस्तार से पहले शिवराज कैबिनेट में 31 सदस्य थे, जो अब बढ़कर 34 हो गए हैं। नियमानुसार अभी चार मंत्री बनाए जा सकते थे। चौथे स्थान को लेकर पार्टी नेताओं का सोच किसी आदिवासी या अनुसूचित जाति के विधायक को शपथ दिलाने का था, इसके लिए लालसिंह आर्य का नाम भी चर्चा में आया लेकिन किन्हीं कारणों से उनके नाम पर सहमति नहीं बन पाई वही काफी मशक्कत के बाद अन्य में से भी भाजपा नेतृत्व बचे हुए एक नाम को आगे बड़ाने में नाकामयाब रहा जिससे साफ होता है किसको नाराज करे किसे मौका दे यह फैसला बीजेपी नही ले पाई। बताया जाता है कुल 4 मंत्री पदों के लिए 13 विधायक दौड़ में शामिल थे। जिसमें से 3 को केबिनेट में शामिल कर लिया गया अभी भी 10 नाम ऐसे शेष है जो मंत्री बनने की आस मन में संजोए थे लेकिन उनकी आस अब सपना ही बन कर रह गई।
खरगापुर विधायक राहुल लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं पहली बार के विधायक होने से उनके नाम पर कुछ दिग्गज असहमत थे, लेकिन उमा भारती के दबाव में राहुल का नाम ही तय किया गया। लेकिन अब तीन बड़े क्षेत्रों के मंत्री बनने से आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को नफा होगा या नुकसान यह आने वाला समय बताएगा।