ग्वालियर/ एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए भारी संख्या में पेड़ पौधे लगाने का आव्हान कर रही है दूसरी तरफ ग्वालियर के थाटीपुर क्षेत्र में हज़ारों की तादात में बड़े छोटे पेड़ काटे जा रहे है यदि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो हराभरा यह क्षेत्र कंकरीट का जंगल बन जायेगा। स्वच्छ पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध होगा। मप्र दलित आदिवासी पंचायत महासंघ ने प्रदेश सरकार और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से इन पेड़ों की कटाई रोकने और पर्यावरण संरक्षित करने की मांग जनहित में की है।
ग्वालियर में पिछले कुछ सालों से गर्मी के मौसम में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा हैं यदि इस साल की बात करें तो यहां 47 डिग्री के आसपास ताममान पहुंच गया था इसको कम करने में पेड़ पौधे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करते है ऐसा वैज्ञानिकों का भी कहना है लेकिन ग्वालियर के थाटीपुर क्षेत्र में इन दिनों सौ सौ साल पुराने और नए पेड़ों को काटने का अभियान जोरो पर चलाया जा रहा है पर्यावरणविदों, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय जागरूक लोगों के विरोध के बावजूद संबधित प्रशासन की कुल्हाड़ी पर रोक नहीं लग पा रही है जिसमें शहर का यह हरा भरा ठाठीपुर का इलाका भी पेड़ विहीन हो जाएगा।
मध्यप्रदेश दलित आदिवासी महा पंचायत ( दाम) के प्रदेश अध्यक्ष महेश मदुरिया ने बताया है कि ठाठीपुर सहित यहां के सरकारी क्वार्टर और बंगलो में कई हजार वृक्ष फल फूल रहे हैं उनको बेदर्दी से काटने की योजना जिला प्रशासन एवं हाउसिंग बोर्ड चला रहा है जो पर्यावरण संरक्षण के विरुद्ध है। जबकि हाल में भोपाल में भी मंत्रियों के बंगले और सरकारी आवास में जो पुराने हो चुके थे उनके परिसरों में 29000 वृक्ष लगे हुए थे पर्यावरण विद और सामाजिक संस्थाओं के अनुरोध पर प्रदेश के नगरी प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए वृक्ष काटने का आदेश रद्द कर दिया और कहीं दूसरी जगह मंत्री आवास बनाने के लिए प्रस्तावित कर दिया है जिससे वहां लगे हजारों वृक्षों का संरक्षण हो सका और वह कटने से बच गए मदुरिया ने कहा मंत्री श्री विजयवर्गीय एवं मध्यप्रदेश शासन के प्रकृति संरक्षण के दृष्टिगत वृक्षों की कटाई रोकने का आदेश स्वागत योग्य है।
हमारा अनुरोध है कि मध्यप्रदेश सरकार हस्तक्षेप कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के मद्देनजर आवास के लिए अन्य स्थान पर जगह देने के साथ ग्वालियर जिला प्रशासन एवं मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड को थाटीपुर में भी तत्काल वृक्षों की कटाई रोकने के आदेश प्रदान करें तो यह जनहित और पर्यावरण के हित में बड़ा कदम होगा।