ग्वालियर/ मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पुलिस का बर्बर चेहरा बेनकाब हुआ है यहां एक फल बेचने वाले युवक को चोरी के शक में पुलिस ने पकड़ा और तीन दिन तक पुलिस हवालात में उसकी बुरी तरह से पिटाई लगाई हाथ पैर बांधकर लात घूसों से मारने के साथ मुंह और सिर में जूते मारे बल्कि पुलिस ने अपने बेल्ट पट्टो से भी पीटा जिससे उसका पूरा शरीर सूज गया और उसकी हालत गंभीर हो गई। घरवालों को उससे मिलने नही दिया, उनके हंगामा करने और मामला एसपी के संज्ञान में आने पर पुलिस के हाथ पांव फूल गए शनिवार की शाम पुलिस ने उसे अपने वाहन से ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया है इसके अलावा एक अन्य युवक को भी पुलिस ने पकड़ा था और उसकी भी पिटाई लगाई जिसको बाद में छोड़ दिया । पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में तीन पुलिस कर्मी सस्पेंड कर दिये गये है और मामला जांच में ले लिया गया हैं।
ग्वालियर के गोल पहाड़िया में रहने वाले 35 साल के युवक अवधेश खटीक को जनकगंज थाना पुलिस ने चोरी के शक में तीन दिन पहले पकड़ा था और थाने लाकर पूछताछ के दौरान पुलिस ने अवधेश की बुरी तरह से पिटाई लगाई उसने उनके हाथ पैर जोड़े और कहा वह किसी चोरी के बारे में नहीं जानता न ही उसने चोरी की है लेकिन पुलिस कर्मियों ने कोई ध्यान नही दिया उसके पैर बांधकर पुलिस कर्मियों ने हाथों के साथ अपने बूटों से उसके सर और मुंह में बुरी तरह से चोट पहुंचाई तीन दिन तक पिटने से उसकी हालत खराब हो गई इस शनिवार की शाम उसे परिजन और अन्य फल विक्रेता जनकगंज थाने पहुंचे और थाने का घेराव किया इस बीच वह एसपी से भी मिले मामला बिगड़ने और अवधेश की हालत खराब होने पर पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए मामला उल्टा पड़ने पर पुलिस ने आनन फानन अपने वाहन से उसे जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। ले जाते समय वह अपने पैरो पर खड़ा भी नहीं हो पा रहा था।

जानकारी के मुताबिक अवधेश को पकड़ने के दूसरे दिन एक अन्य युवक कमल घटगे को भी पुलिस ने पकड़ा था पिटाई से उसके भी हाथों पैरों में चोटे आई है लेकिन हंगामा बड़ता देख पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इधर टी आई दीपेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि संदेही युवक के पुलिस को सीसीटीवी में फुटेज मिले है लेकिन सबाल उठाया है कि यदि सबूत मिले थे तो पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज क्यों नही की।
घायल युवक का आरोप है कि उसने कोई चोरी नहीं की थी उसके बावजूद भी थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह चौहान के सामने चार पुलिस कर्मियों ने उसकी बेरहमी से मारपीट की और तीन दिन तक लगातार हवालात में उसके साथ मारपीट करते रहे जब कि वह लगातार उनसे गुहार लगाता रहा कि वह बेकसूर है लेकिन टीआई उसे दारू के झूठे केस में फंसाने की धमकी भी देते रहे ।
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह के आदेश पर हवलदार शैलेंद्र दीक्षित, आरक्षक बनवारी शर्मा और मुरारी लाल को निलंबित कर दिया गया है सीएसपी आयुष गुप्ता ने बताया कि घायल युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत अब ठीक है उन्होंने बताया इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए है। उन्होंने अरोपी पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।