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दतियामध्य प्रदेश

नदी बचाओ यात्रा का सिंध के सनकुआं तीर्थ पर हुआ समापन.

  • नदी बचाओ यात्रा का सिंध के सनकुआं तीर्थ पर हुआ समापन…

दतिया – भिंड और दतिया में बहने वाली चंबल और सिंध नदियों के संरक्षण के लिये एक सप्ताह पहले प्रारंभ नदी बचाओ पद यात्रा का आज सेवढ़ा के प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ संनकुआ पर आज महाआरती के साथ समापन हो गया। इस मौके पर एकता परिषद के अध्यक्ष पीवी राजगोपाल सांसद दिग्विजय सिंह इस यात्रा के प्रेरणाश्रोत पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह और विधायक घनश्याम सिंह प्रमुख रूप से इस यात्रा और समापन कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस नदी बचाओ पदयात्रा के समापन कार्यक्रम में सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा मरते दम तक सत्ता में बने रहने की मंशा पाले नरेंद्र मोदी को कोरोना के संकट से देश का उबारने के लिए एयरपोर्ट पर लाकडाउन करना था उस वक्त मोदी जी नमस्ते ट्रम्प में व्यस्त थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा आज गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा देश पर राज कर रही है वक्त आ गया है जब सभी गांधी वादी विचारक एक मंच पर आऐं और सरकार को उखड़ फेंकने के लिए जनजागरण करें।

उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तरह शिवराज की शरण में चले गए है। कहते हैं अन्याय और गरीब के लिए तलबार उठाऐंगे पर ग्वालियर चम्बल सम्भाग में जारी अवैध उत्खनन के खिलाफ मिलीभगत के कारण आप तलवार नहीं निकालेंगे।

उन्होंने कहा देश की सरकार मंडी को लेकर जो कानून बना रही है उससे किसान का शोषण होगा। कोई उसकी सुनवाई नहीं करेगा। मोदी कहते हैं आपदा में अवसर खोजो और इसी प्रकार उन्होंने देश पर आई इस विपदा में अवसर खोज लिया है। जिसने गरीब का सबकुछ छीन लिया।

श्री सिंह ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फर्जी कंस मामा ओर सिंधिया शर्म करें आज माफ किये बिजली के बिलों की बसूली हो रही है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने माफिया के खिलाफ आवाज उठाई तो मिलावट खोरों को जेल जाना पड़ा अब समय आ गया है और उपचुनाव में गद्दारो के खिलाफ वोट देना है। उन्होंने सभा के दौरान ब्रह्मा के मानस पुत्रों की शपथ लेकर संकल्प लिया कि प्रकृति का संरक्षण करेंगे।

इससे पूर्व एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीवी राजगोपाल ने कहा कि हमारे पूर्वज नदी के पास गाँव बसाने के लिए जाते थे। आज नदी और पानी हमसे रुठ रहा है। चारों ओर रेगिस्तान होता जा रहा है। इसका कारण है कि वर्तमान में हम विरोधाभास में जी रहे है।

जिसे मैया कहते हैं उसी पर गंदगी डालते हैं। उसकी उपेक्षा करते हैं फिर चाहे वह धरती माता हों, गौ माता हों, गंगा माता हों, सरस्वती माता हों। दिल्ली से 22 किलोमीटर में गुजरी नर्मदा नदी को दूषित कर रही है। दुनिया बर्बाद करने के 9 लक्ष्मण रेखाओं में से हम 7 पार कर चुके है। 2 और पार करते ही दुनियां नष्ट हो जाऐगी। अगर हम समाज में लीगो के साथ प्रकृति के साथ होने वाली हिंसा को खत्म करना चाहते है तो गोविंद सिंह जैसे लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

उनके मन में किसान गरीब आदिवासी मझुआरों के लिए दर्द है। गांधी जी कहते है जब भी कोई काम करो समाज के अंतिम व्यक्ति को मन में रख कर काम करो।

पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह कहा कि यात्रा पूरी तरह गैरराजनैतिक थी। इसमें मैने एक रुपये खर्च नहीं किया पर लोगों ने वैसा स्वागत किया जैसा गाँव में बारात आने पर होता है। उन्होंने कहा कि सिंध नदी सहित सभी नदिया जीवन दायनी है। सिंध नदी विदिशा जिले से गुना शिवपुरी दतिया भिंड और कुछ ग्वालियर क्षेत्र के लिए वरदान है। पर नदी सूख रही है क्योंकि इस वक्त ट्रक नहीं उसके ग्रांड फादर बड़े बड़े ट्राले आगये है जो नदी को खोखला कर रहे हैं।

शिवराज सिंह मुझ पर आरोप लगाते है कहते हैं सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली मैने और मेरे परिवार ने अवैध रेत उत्खनन से एक पैसा भी कमाया हो तो मेरे ऊपर मुकदमा करें अन्यथा मुंह काला किया जाऐगा। मैने 15 वर्ष लड़ाई लड़ी, याचिकाएं लगाई जांच कमेटी बैठाई ताकि नदी बचे। आज शिवराज खुद जिला अधिकारियो से कहते हैं कि नदी में मशीनें लगने दो ठेकेदार ने मंहगा ठेका लिया है। अधिकारी सोचते हैं है कि सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का।

उन्होंने कहा यह जनजागरण यात्रा आपके जगाने के लिए है। चुंकि पांच नगरों की पेयजल व्यवस्था सिंध से ही चल रही है ऐसे में रेत उठने से पानी के सोखने की प्रक्रिया समाप्त हो जाऐगी और फिर भविष्य अंधकार में होगा। उन्होंने सेंवढ़ा क्षेत्र में जारी अवेध उत्खनन के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक घनश्याम सिंह के साथ आंदेालन करने का एलान किया। तथा ब्रम्हा के मानस पुत्रों सनक संनदन सनातन सनतकुमार की शपथ लेकर जीवन नदी के लिए समर्पित करने की घोषणा की। विधायक घनश्याम सिंह ने स्वागत भाषण दिया तथा मौजूद लोगों को सनकुआं के महत्व से परिचित करवाया।

इस अवसर पर सिंध नदी के सनकुआ धार्मिक स्थल पर भजन संगीत और भव्य महाआरती का भव्य आयोजन भी हुआ।

Tags : Yatra samapam

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