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यस बैंक की आर्थिक स्थिति बिगड़ी, निकासी सीमा सिर्फ 50 हजार

  • यस बैंक की आर्थिक स्थिति बिगड़ी

  • निकासी सीमा सिर्फ 50 हजार

  • एटीएम खाली खाताधारकों में हड़कंप

  • किसी का पैसा डूबेगा नही वित्त मंत्री ने जताया भरोसा

  • मोदी और उनकी नीतियों से अर्थ व्यवस्था बर्बाद: कांग्रेस

 

मुंबई-नई दिल्ली/ आर्थिक बदहाली के चलते निजी क्षेत्र के यस बैंक में अब निकासी सीमा लागू कर दी गई है जिसके कारण अब खातेदार एक महीने में सिर्फ 50 हजार तक की राशि ही निकाल सकते है इस निर्णय के बाद इस बैंक के एकाउंट्स होल्डर्स और डिपोजीटर्स में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बताया जाता है बैंक करोड़ो के घाटे में चल रही है यस बैंक को घाटे से उबारने और पटरी पर लाने के लिये सरकार एसबीआई और एलआईसी को जिम्मेदारी देने की सोच रही है।

वही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी को भरोसा दिलाया हैं कि घबराने की जरूरत नही है सभी के पैसे सुरक्षित है। खास बात है पीएमसी बैंक के बाद यह दूसरी बैंक है 6 माह के अंदर जिसपर निकासी की सीमा निर्धारित की गई हैं।

निजी क्षेत्र के इस यस बैंक की शुरूआत सन 2004 में दो भाइयों अशोक कपूर और राणा कपूर ने मुंबई में की थी अन्य बैंकों की बनस्पत डिपोजीटर को ज्यादा ब्याज देने की बजह से इसके एकाउंट होल्डर्स की सख्या कम समय मे ही काफी बढ़ गई थी।

देश में यस बैंक की 1120 शाखाएं 30 एसएमई ब्रांच और 1450 एटीएम है 2018 में बैक का मुनाफा बढ़कर 4225 करोड़ का हो गया लेकिन वह 2019 में घटकर 1720 करोड़ रह गया लेकिन बैंक प्रशासन ने 3022 करोड़ का लोन बांट दिया।

इस समय बैंक की लेनदारी या लोन राशि 17135 करोड़ की है लेकिन यह लोन भी ऐसी कंपनियों और कार्पोरेटर्स को दिया गया जो दिवालिया और डिफॉल्टर थे या जिनकी आर्थिक हालत खराब थी और घाटे में चल रहे थे और इनमें एस्सेल ग्रुप ,रेडियर्स डेवलपर्स,वरदराज सीमेंट ,DHFL, CCD, जेट एयरवेज, कॉक्स एंड किंग,सीजी पॉवर जैसी कंपनियां शामिल थी।

जो यस बैंक की आर्थिक हालत खराब होने का एक बड़ा कारण रहा। जबकि इसके शेयरों में भी गिरावट आई जो 1400 से 16.60 पर जा पहुंचा और आज स्थिति और भी बदतर हो गई इसका शेयर 5.50 यानि साढ़े पांच रुपये पर आ गया।

साथ ही बैंक का एनपीए लगातार बढ़ता गया देश का यस बैंक एक मात्र बैंक है जिसके निदेशक राणा कपूर को बेलेंस शीट की सही जानकारी नही देने पर आरबीआई ने हटाया ही नही बल्कि बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भी भंग कर दिया इतना ही नही इस अनदेखी के चलते एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया।

आज हालात यह है कि इसके ग्राहकों को अपने खाते में जमा राशि मे से एक महीने में केवल 50 हजार तक निकालने का अधिकार होगा वही सेलरी खाते से भी खातेदार 50 हजार की निकासी कर सकते है।

वही अधिकांश एटीएम में पैसा ही नही हैं।इससे यस बैंक के ग्राहकों की चिंता में इजाफा हो गया है अधिक ब्याज की बजह से कई खाताधारकों ने अपनी पूरी जमापूंजी यस बैंक में डिपॉजिट कर रखी थी उन्हें डर है कि कही उनका पैसा डूब नही जाये।

जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा दिलाया है कि खाताधारको को किसी बात की चिंता करने की जरूरत नही किसी का भी पैसा डूबेगा नही सभी का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है वित्त मंत्री ने बताया कि हम आरबीआई के बराबर संपर्क में है और जल्द यस बैंक के संकट से निजात मिलेगी और स्थिति में सुधार आयेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि इमरजेंसी है तो एप्लीकेशन देकर 5 लाख तक का एमाउंट प्राप्त कर सकते है।
जबकि आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि यस बैंक की माली हालत में जल्द सुधार हो जायेगा जो भी परेशानी है उसे सुलझा लिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इसके लिये करीब 30 दिनों का वक्त लगेगा।बताया जाता है यस बैंक को फिर खड़ा करने के लिये आरबीआई एसबीआई को जिम्मेदारी देने जा रही है जो एलआईसी के साथ मिलकर यस बैंक में पूंजी निवेश करेगी जिसमें उनके 49 फीसदी शेयर होंगे।
इधर यस बैंक के आर्थिक हालात और उसके खातेदारों की स्थिति के मद्देनजर केंद्र सरकार निशाने पर आ गई है कांग्रेस नेता राहुल गांघी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि नरेंद्र मोदी और उनके विचारों ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।
जानकारी यह भी मिलीं है कि बैंक के निदेशक रहे राणा कपूर के निवास पर ईडी ने दविश दी है और वह तलाशी अभियान चला रही है।

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