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राज्यसभा में गतिरोध जारी…
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उपसभापति चाय लेकर पहुंचे धरना स्थल पर…
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विपक्ष नया बिल लाने पर अड़ा
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सरकार के सामने रखी तीन मांगे…
नई दिल्ली– राज्यसभा में पास होने वाले कृषि बिल को लेकर गतिरोध बराबर जारी है कांग्रेस और विपक्ष इस बिल को बापस लेने पर अड़े है तो फिलहाल केंद्रीय सरकार ने अपना रुख साफ नही किया है।इधर आज सुबह राज्यसभा के उपसभापति हरवंश संसद के बाहर धरना दे रहे निलंबित सांसदों को चाय पिलाने पहुंचे लेकिन उन्होंने चाय पीने से इंकार कर दिया इधर आज इस बिल के खिलाफ किसानों ने देशव्यापी आंदोलन करने का ऐलान किया हैं।
बीते तीन दिन से संसद में पास होने वाले कृषि बिलों को लेकर राज्यसभा में गतिरोध जारी है पहले दिन विपक्ष ने इस बिल के खिलाफ सदन में प्रदर्शन किया और हंगामे के बीच बिना मत विभाजन के दो बिल पास हो गए वही उपसभापति हरवंश के साथ अभद्र एवं अमर्यादित व्यवहार करने पर सभापति वैंकेया नायडू ने दूसरे दिन हंगामा करने वाले 8 सांसदों को निलंबित कर दिया लेकिन यह सभी निलंबित सांसद विपक्ष के साथ सदन में बिल का बराबर विरोध करते रहे और सदन स्थगित होने के बाद केंद्रीय सरकार और कृषि बिल के विरोध में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गए उनका धरना आज भी जारी रहा।
आज सुबह उपसभापति हरवंश अचानक चाय पोहे लेकर धरना स्थल पहुंचे और निलंबित सांसदों से चाय पीने का आग्रह किया लेकिन सांसदों ने विनम्रता दिखाते हुए उनकी बात नही मानी। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरवंश जी की तारीफ करते हुए कहा वे काफी नम्र और जिन सांसदों ने उनका अपमान किया आज उन्हें वे चाय पिलाने पहुंचे यह बड़ी बात है।
बाद में एक ट्वीट के जरिये आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा प्रधानमंत्रीजी हम चाय के लिये नही लड़ रहे हम किसानों के निवाले के लिये लड़ रहे (धरने बैठे) है जो आप ने छीना है मेरी आपसे विनम्र विनती है हम आपकी चाय लोटा रहे है आप कृपया किसानों का निवाला लौटा दीजिये।
इधर कांग्रेस और विपक्ष ने ऐलान किया कि जब तक बिल बापस नही होगा उनका सदन से बाक आउट जारी रहेगा इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने केंद्र सरकार के सामने तीन मांगे रखी है जिसमें पहली यह बिल निरस्त कर दूसरा बिल लाया जाए जिसमें प्राइवेट कंपनियों के साथ करार हो कि वह एमएसपी से कम दामों पर फसल ना खरीदे साथ ही इसको लेकर कोर्ट में जाने की आजादी किसान को मिले दूसरा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में एमएसपी को लेकर जो सिफारिश थी उन्हें लागू किया जाये आजाद ने कहा कि एफसीआई सहित संरकार की एजेंसियां भी एमएसपी से कम दामों पर किसानों की फसल नही खरीदे ऐसा बिल में प्रावधान हो उन्होंने कहा हमारी तीसरी मांग निलंबित सांसदों का निलंबन बापस लेने की हैं ।
इसके उपरांत कांग्रेस नेता आजाद निलंबित सांसदों के धरना स्थल पर पहुंचे और उनकी समझाइश के बाद धरना समाप्त हो गया।
जबकि केंद्र सरकार और बीजेपी का कहना है इस नये कृषि बिलो के आने से किसानों को फायदा मिलने के साथ उनकी माली हालत में सुधार होगा साथ ही किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में कहा भी था कि इस बिल से एमएसपी में कोई बदलाव नही आयेगा वह पूर्ववत रहेगी।