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बिहार में ताज किसके सर, नीतीश बनेंगे सीएम?
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तेजस्वी के नीतीश बीजेपी और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
पटना – आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार और बीजेपी पर आज खुलकर हमला बोला है उन्होंने कहा जनादेश महागठबंधन को मिला लेकिन चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में हैं उन्होंने कहा कि लेकिन मैं कहना चाहता हूं हम लोगों के दिल में है और हम जीते है और बीजेपी चोर दरवाजे से सरकार बना रही हैं जबकि यह बदलाव का जनादेश है। आरजेडी नेता ने नीतीश और जेडीयू पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो चेहरे की बात करते थे आज वह पार्टी तीसरे नंबर पर है उनमें किसी तरह की भी नैतिकता है तो उन्हें जनता के फैसले का सम्मान करते हुए जोड़तोड़ से दूर कुर्सी छोड़ देना चाहिये।
इधर जेडीयू नेता नीतीश कुमार आज पटना में पार्टी दफ्तर पहुंचे और उन्होंने विधायकों से मुलाकात की, इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने साफ कहा हमने कभी अपना दांवा पेश नही किया एनडीए जो भी फैसला लेगी उन्हें वह मान्य होगा। उन्होंने कहा हम अभियान चला रहै है उन्होंने चिराग पासवान का नाम लिये बिना कहा लेकिन दूसरे जिनके पास कैंडीडेट नही है वह हमें नुकसान पहुंचाने के लिये खोज खोजकर प्रत्याशी खड़ा कर रहे है उन्होंने कहा हमने केवल सेवा की है कभी किसी की उपेक्षा नही की।
इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाते हुए साफ कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी संकल्प सिद्ध होंगे जबकि परिवारवाद वाले राजनीतिक दल देश के लिये खतरा हैं।
जैसा कि एनडीए को बिहार में 125 सीटें और महागठबंधन 110 सीटें मिली हैं एक तरफ आरजेडी चुनाव आयोग पर नीतीश सरकार के दबाब में उसे नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा रहा है तो जेडीयू का कहना है कि एलजेपी की बजह से उसे काफी सीटों को खोना पड़ा यदि एलजेपी हमारे खिलाफ चुन चुन कर प्रत्याशी खड़ा नहीं करती तो जेडीयू करीब 80 सीटें लेकर आती। इस तरह दोनों ही अपने अपने दांवे और नफ़ा नुकसान की बात कर रहे है।
जबकि एनडीए का गणित अजब है तो महागठबंधन का गजब क्योकि एक तरफ एनडीए के घटक दल बीजेपी 21 + के साथ सबसे अधिक 74 सीटें लेकर आई तो नीतीश की जेडीयू 43 सीटों पर सिमट गई उसे 2015 के मुकाबले 28 सीटों का नुकसान हुआ। जबकि महागठबंधन की प्रमुख पार्टी आरजेडी की 5 सीटें घटी लेकिन यह पार्टी बिहार में सबसे अधिक 75 सीटे लेकर आई। लेकिन कांग्रेस जिसने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन उंसका परफार्मेंस काफी पूअर रहा उसके केवल 19 ( – 8 ) प्रत्याशी जीते जिससे महागठबंधन को बहुमत हासिल करने में रुकावट आई। इस तरह बिहार में जो समीकरण बने काफी दिलचस्प है।