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मध्य प्रदेश

न्यायाधीश पिता-पुत्र की संदिग्ध मौत, विषाक्त भोजन ने ली जान

  • न्यायाधीश पिता-पुत्र की संदिग्ध मौत, विषाक्त भोजन ने ली जान…?

  • न्यायालयीन गलियारों में हड़कंप, कई तरह की शंकाएं…!!!

बैतूल – मध्यप्रदेश के बैतूल जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पिता और उनके बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, संभावना व्यक्त की जा रही है उनकी मौत फ़ूड पायजनिंग से हुई है लेकिन पिता पुत्र की अचानक इस तरह मौत होना किसी के गले नहीं उतर रहा है और इस खबर से न्यायालयीन क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई हैं।

जानकारी के मुताबिक बैतूल जिला न्यायालय में पदस्थ एडीजे महेन्द्र कुमार त्रिपाठी कालापाठा स्थित निवास में अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। सभवतः 21 जुलाई को रात को इन्होंने भोजन किया। घर में कुल 6 चपाती बनी थी। पिता और दोनों बेटों ने 2-2 खाई जबकि पत्नी ने सिर्फ चावल खाये ।

भोजन के बाद बाप-बेटों की हालत अचानक बिगड़ने लगी 22 को दिन भर उल्टी-दस्त चलते रहे। चूंकि उनकी पत्नी कुछ जानकार थी इसलिए उनका प्रारंभिक इलाज घर पर ही चलता रहा उंसके बाद 23 जुलाई की दोपहर को खबर मिलने पर जिला अस्पताल में पदस्थ डा ए के पांडे और डा आनंद मालवीय उन्हें देखने पहुंचे।

देखने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती करने की बात कही लेकिन न्यायाधीश श्री त्रिपाठी ने एंबुलेंस बुलाकर पाढर अस्पताल जाने को कहा।

पाढर अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार पिता और बड़ा बेटा 23 जुलाई को भर्ती हुए। जबकि छोटे बेटे की हालत ठीक हो गई थी।इलाज के उपरांत दोनों की हालत में कुछ सुधार भी आया। कल शनिवार 25 जुलाई की सुबह भी जो लोग उनसे मिले तो उनकी दोनों से अच्छे से बात हुई थी और जल्द ही अस्पताल से छुट्टी की बात भी की। लेकिन कल शनिवार की शाम दोनों की हालत बिगड़ने लगी और दोनों को तुरत फुरत पाढर से नागपुर एलेक्स अस्पताल के लिए भेजा गया।

लेकिन बताया जा रहा कि रास्ते में ही 25 वर्षीय बड़े बेटे अभिनय त्रिपाठी ने दम तोड़ दिया था जबकि देर रात न्यायाधीश पिता ने भी दम तोड़ दिया। सूचना यह भी है कि गंज पुलिस ने न्यायाधीश के बयान ले लिए थे जिसमें उन्होंने खाना खाने के बाद हालत बिगड़ने साथ ही आटे की जांच की बात कही थी। फिलहाल पुलिस ने भी आटा जब्त कर घर सील कर दिया है।

बताया यह भी गया कि आटा शायद इंदौर से आया था और एक सूत्र के अनुसार आटे में किसी के व्दारा कुछ मिलाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि न्यायाधीश श्री त्रिपाठी तो डायबिटीज और बीपी के मरीज थे लेकिन उनका बड़ा पुत्र किसी बाडी बिल्डर से कम नहीं था..ऐसे में सिर्फ फूड पायजनिंग से उसकी मौत किसी के गले नहीं उतर रही।

एक तथ्य यह भी है कि मौत से पहले दोनों करीब ढाई दिन पाढर अस्पताल में उपचाररत रहे। इतने लंबे समय में फुड प्वाजनिंग सरीखी बीमारी आमतौर पर कंट्रोल में आ जाती है। लेकिन इलाज के बाद भी स्थिति बिगड़ी और पाढर अस्पताल से जाने के कुछ घंटों के अंदर ही बाप-बेटे की मौत हो गई।

बताया जाता है दोनों के शवो का पोस्टमार्टम नागपुर में हो रहा है उसके बाद उनके पैतृक घर कटनी में अंतिम संस्कार होगा ऐसी जानकारी सामने आई है। जबकि न्यायाधीश के परिजन नागपुर पहुंच चुके हैं।

मामला एक वरिष्ठ जज का होने से पुलिस भी पूर्ण सावधानी बरत कर जांच कर रही है। पूरे मध्यप्रदेश के न्यायालयीन क्षेत्रों में इस घटना से सनसनी मच गई है।

 

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