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चंडीगढ़ में मेयर चुनाव में धांधली पर सुप्रीम कोर्ट की सख़्त टिप्पणी, कहा – यह मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी

Election Officer Anil Masih
Election Officer Anil Masih

नई दिल्ली/ चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव में कथित धांधली को लेकर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने काफी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन अधिकारी के मतपत्रो से छेड़छाड़ करना लोकतंत्र का मजाक उड़ाने के साथ लोकतंत्र की हत्या करना है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बैंच ने वह वीडियो भी देखा जिसमें कथित तौर पर निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह अपने हस्ताक्षर करने के दौरान दूसरी तरफ भी कलम चलाते दिख रहे है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह साफतौर पर देखा जा रहा है कि निर्वाचन अधिकारी मतपत्रों को जानबूझकर खराब कर रहे है। कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हम यह देखकर हैरान है। एससी ने यह भी पूछा कि निर्वाचन अधिकारी कैमरे की तरफ क्यों देख रहे हैं और भगोड़े की तरह क्यों भाग रहे हैं? उन्हें बताएं कि अब सुप्रीम कोर्ट उनपर नजर रख रहा है।

सुप्रीम कोर्ट चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली को लेकर दूसरे पक्ष की दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर रहा था जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ आप पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें वादी ने इस धांधली को लेकर कोर्ट में याचिका लगाने के साथ साक्ष्य रखकर दुबारा चुनाव कराने का अनुरोध कोर्ट से किया था। अब अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी जिसमें कोर्ट ने इलेक्शन ऑफिसर अनिल मसीह को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का नोटिस दिया है।

कैमरे के वीडियो ने किया राजफाश, बीजेपी की जीत के लिए कैसे की धांधली …

कैमरा नंबर 7 ने खोले सभी राज, इस केमरे का विडियो सामने आया उसमें पहला जो सीन है, इसमें दिखा पहले प्रोसाइडिंग ऑफीसर अनिल मसीह की टेबल पर एक अन्य कर्मचारी बेलेड बॉक्स लेकर रखता है मसीह चाबी से उसका ताला खोलते है और दूसरे सीन में कर्मचारी बॉक्स को पलटकर मतपत्रों को बाहर रखता है और खाली बॉक्स सामने दूर बैठे एजेंट और सदस्यों को दिखलाता है। तीसरी तस्वीर में मसीह वोट को एकसा कर गड्डी बनाते दिखते है और उसके बाद वह उनकी गिनती करते है। चौथे सीन में मसीह सभी मतपत्रों को टेबल पर अपने सामने एक जगह रखते है और फिर एक एक कर उन्हें उठाते है और उनपर उल्टे हाथ की तरफ अपने हस्ताक्षर करते नजर आते है और तीन चार मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते करते वह दाई तरफ भी पैन से निशान बनाते जाते है इस बीच वह ऊपर लगे कैमरे और उसके डायरेक्शन पर नजर मारते भी दिख रहे हैं देखते देखते वह कुल 36 मतपत्रों में से कथित रूप से 8 मतपत्रों के दाई तरफ भी वह अपनी कलम से कुछ निशानदेही करते कैमरे से मिले वीडियो की तस्वीर में साफ साफ दिखाई देते है।

मसीह की टेबल पर तीन ट्रे रखी दिखाई देती है बाई तरफ नीली ट्रे बीच में काली ट्रे और दाई तरफ नीले रंग की तीसरी ट्रे, उसके बाद मसीह अगले सीन में सभी हस्ताक्षरयुक्त मत पत्रों को पार्टी वाइज छाटते नजर आते है बाई और की नीली ट्रे में वह बीजेपी प्रत्याशी को मिले वोट रखते है और दाई तरफ की नीली ट्रे में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को मिले वोट रखते है और बाकी के बचे वोट जिनपर निशान लगे थे उन्हें बीच की काली ट्रे में रख देते है और फिर मसीह उनकी एक एक कर अलग अलग गिनती करते है और पार्टियों को मिले वोट के नंबर एक पेड पर लिखते भी जाते है जिसमें बीजेपी प्रत्याशी को पूरे 16 वोट मिलते है जबकि कांग्रेस और आप को सयुक्त रूप से 12 वोट दर्ज होते है और काली ट्रे में रखे 8 वोट अनवेलेड अर्थात अमान्य पाएं जाते हैं इस तरह बीजेपी कैंडिडेट को 4 मतों से निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह विजयी घोषित कर देते हैं। इस तरह हुआ यह पूरा खेल जो कैमरा नंबर 7 में कैद हो गया। लेकिन इस कथित वीडियो की सच्चाई की पुष्टि जांच के बाद ही होगी यह भी सही है।

क्या था गणित…

चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव में कुल 36 सदस्यों के वोट थे जिसमें आप पार्टी के 13 कांग्रेस के 7 और बीजेपी के 16 वोट थे बीजेपी के मेयर पद के प्रत्याशी मनोज सोनकर थे जबकि आप पार्टी ने कुलदीप कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था जिन्हें कांग्रेस का समर्थन मिला था। इस तरह दोनों के कुल 20 वोटों से आप प्रत्याशी की जीत पक्की थी लेकिन जब अनिल मसीह ने रिजल्ट घोषित किया तो उन्होंने 16 मत के साथ बीजेपी प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया जब विवाद हुआ तो अनिल मसीह ने बताया कि आप और कांग्रेस के 8 वोट अनवेलिड पाए गए है। जब उनसे सवाल किया गया कि वे अवैध वोट कोन से है और कहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि आप और कांग्रेस सदस्यों की झूमाझटकी में वह मतपत्र फट गए लेकिन वह फटे मतपत्र भी नही दिखा पाएं। जबकि ऐसी कोई बात ही सामने नही आई थी। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आप और कांग्रेस के एक साथ 8 वोट अवैध पाएं गए लेकिन बीजेपी का एक वोट भी अवैध नही पाया गया, क्या कांग्रेस और आप के कोंसलर्स इतने नासमझ थे ?

कोन है अनिल मसीह?

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी बनाएं गए अनिल मसीह ने करीब 10 साल पहले बीजेपी ज्वाइन की थी आप बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के महामंत्री रहे और फिलहाल बीजेपी की तरफ से वरिष्ठ पार्षद है जिन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता। अब इस गहरी साजिश में क्या अनिल मसीह अकेले शामिल है या उनके ऊपर किसी बड़े नेता का बदरहस्त है जिसके चलते खुलेआम उन्होंने यह अलोकतांत्रिक कार्य किया यह कहना फिलहाल मुश्किल है।

खास बात है जब मतपत्रों की गिनती चल रही थी उस दौरान वहां बैठे बीजेपी के नेता और अन्य लोग उंगलियों से वी शेव का विक्टरी निशान दिखाते भी नजर आ रहे थे इससे लगता है उन्हें अपनी जीत का पहले से ही भरोसा था लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है यह भी बड़ा प्रश्न है। बाद में दिए बयानों में उन्होंने आप कांग्रेस के सयुक्त प्रत्याशी की हार को इंडिया गठबंधन की पहली हार भी बताया।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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