- सुप्रीम कोर्ट ने पदमावत फ़िल्म पर चार राज्यों में लगी रोक हटाई,
- करणी सैना विरोध पर अड़ी
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पदमावत को दिखाने पर चार राज्यों में लगे बेन को हटा दिया हैं। कोर्ट ने कहा हैं कि इन राज्यों की सरकारों को इस फ़िल्म की रिलीज पर रोक लगाने का कोई संवैधानिक हक नही हैं।उसने कहा हैं कि जब सैन्सर बोर्ड ने इस फ़िल्म को पास करने से पहले इतिहासकार और प्रबुद्ध लोगों को दिखाया और उन्होंने फ़िल्म देखने के बाद किसी तरह का ऐतराज व्यक्त नही किया तो फ़िर इस फ़िल्म पर बेन लगाने का कोई ओचित्य नजर नही आता ,सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जब बैंडिट क्वीन फ़िल्म दिखाई जा सकती हैं तो पदमावत फ़िल्म पर रोक क्यों,कोर्ट ने इस फ़िल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाले सभी चार राज्यों में पदमावत फ़िल्म को दिखाने के आदेश दिये हैं।
जैसा कि देश के चार राज्यों राजस्थान,गुजरात,मध्यप्रदेश और हरियाणा में वहा की सरकारों ने पदमावत फ़िल्म को दिखाने पर बेन लगाने की घोषणा की थी।जबकि फ़िल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली ने फ़िल्म के नाम पदमावती को बदल कर पदमावत कर दिया और करणी सैना के विरोध और चार राज्यों में फ़िल्म के दिखाने पर लगी रोक के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसमें आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला दिया हैं।
इधर करणी सैना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा हैं कि हमारा विरोध जारी रहेगा और उन्होंन कहा कि इस फ़िल्म के रिलीज होने वाले दिन 25 जनवरी को भारत बंद का ऐलान करते हुएं जनता कर्फ़्यू लगाने का आव्हान भी किया हैं। कालवी ने अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देते हुएं कहा कि थियेटर मालिकों ने जब हमारी माँग के पक्ष में फ़िल्म नही दिखाने की बात कही हैं फ़िर फ़िल्म दिखाई जा सकेगी इसमें शंका हैं। कालवी ने इस मामले में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से भी अपील की हैं। इधर इस फ़िल्म पर रोक लगाने की घोषणा करने वाली सरकार के नुमाइंदो ने इस फ़िल्म के दिखाने या नही दिखाने पर अपना रुख स्पष्ट नही किया हैं।इन राज्यों के ग्रहमंत्रियों ने कहा हैं कि हम इस बारे में चर्चा करेंगे।