नई दिल्ली, संभल/ उत्तर प्रदेश के संभल स्थित शाही जामा मस्जिद मामले को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया है सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के किसी भी एक्शन पर रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट को सुनवाई के आदेश दिए है। साथ ही एससी ने कहा है कि सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाए और प्रशासन शांति और सौहार्द बहाली सुनिश्चित करें। साथ ही एससी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी का गठन भी किया है। आज संभल में जुमे की नमाज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सम्पन्न कराई गई।
संभल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश जारी करते हुए स्थानीय प्रशासन से शांति व्यवस्था और आपसी सौहार्द बनाने के आदेश जारी किए है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संभल की मस्जिद मामले की अब आगे निचली अदालत कोई सुनवाई नहीं करेगा न ही उसके किसी आदेश का आगे पालन किया जाए एससी ने आगे कहा हाईकोर्ट इलाहाबाद अब इस मामले को सुनेगा। कोर्ट ने कहा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाए और इसे बंद लिफाफे में कोर्ट में जमा किया जाए। कोर्ट कमिश्नर के सर्वे रिपोर्ट के लिए और समय मांगा है कोर्ट ने जनवरी के दूसरे हफ्ते में सुनवाई की बात कही है संभवतः 8 जनवरी 2025 को अगली सुनवाई हो सकती है।
संभल में फिलहाल पूरी तरह शांति की बहाली नहीं हो पाई है और अभी भी कई जगह कर्फ्यू जैसी स्थिति है चूंकि आज जुमे की नमाज का दिन था इसलिए पुलिस और प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से शाही मस्जिद की जगह अपने घर के पास स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की अपील की साथ ही दूरस्थ इलाकों से आने वाले नमाजियों पर यहां आने पर रोक लगा दी थी। इस मौके पर शाही जामा मस्जिद में चेकिंग के साथ आसपास भारी पुलिस और सुरक्षा बलो को तैनात किया गया था साथ ही आने जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही थी।
क्या है पूरा मामला …
— 19 नवंबर 2024 को सुबह जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताकर कोर्ट में याचिका लगाई गई।
— उसी दिन दोपहर 1 बजे मामले की सुनवाई हुई और शाम 4 बजे एडवोकेट कमिश्नर रमेश चंद्र राघव ने सर्वे का आदेश दे दिया।
— शाम 5.30 बजे याचिकाकर्ता और एडवोकेट कमिश्नर DM राजेंद्र पेंसिया के पास पहुंचे और उनसे मुलाकात की।
— करीब 7.30 बजे पहले दौर के सर्वे का कार्य पूर्ण हुआ।
— 24 नवंबर 2024 को हिंदू – मुस्लिम पक्ष के साथ अफसर दूसरे दौर के सर्वे के लिए मस्जिद पहुंचे
— इस दौरान मस्जिद के बाहर भीड़ जुट आई और मस्जिद में तोड़फोड़ की अफवाह के बाद पथराव शुरू हो गया,और बताया जाता हैं गोलियां भी चली यह गोलियां किसने चलाई पुलिस ने या लोगों ने यह स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन इस हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हो गए।
— पुलिस ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क सहित 2700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
— एफआईआर में पुलिस ने दावा किया कि सांसद बिना परमिशन के 22 नवंबर को मस्जिद गए और बॉट्स एप ग्रुप पर लोगों को भड़काया।
— पुलिस ने इस मामले में अभी तक 2 महिलाओं सहित 27 लोगों को हिरासत में लिया है।
इधर जामा मस्जिद में सर्वे के बाद एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें हिंदू पक्ष के वकील और याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन दिखाई दे रहे है यह वीडियो 24 नवंबर सुबह 10.30 बजे का मस्जिद से आधा किलोमीटर दूर सरथल चौक का बताया जाता है उनके साथ चार अन्य लोग भी दिखाई दे रहे है जिसमें मस्जिद से कुछ दूरी पर स्थित शिवमन्दिर के पुजारी सुंदर लाल तिवारी, भाजयुमो के जिला मंत्री हिमांशु कश्यप, जिला कार्यकारिणी सदस्य सजन श्रीमाली और भाजपा सभासद गगन वाष्नेय है। इस दौरान जय श्री राम के नारे लगाए जा रहे हैं। साथ ही वीडियो में सरथल चौक पुलिस चौकी के इंचार्ज दीपक राठी साथ ही एडवोकेट कमिश्नर रमेश कुमार राघव, हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा भी थे जो धार्मिक नारे लगा रहे थे। बताया जाता है मस्जिद के बाहर बबाल के दौरान डीएम के निर्देश पर पुलिस इन्हें एक सुरक्षित रास्ते से कोतवाली ले जा रही थी। धार्मिक नारे पर पुलिस का कहना है ऐसी कोई बात नहीं दिखी तो उन्हें रोकने की जरूरत नहीं समझी।
चौकी इंचार्ज दीपक राठी की रिपोर्ट पर ही सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल के अलावा 6 नामजद और 700 से 800 अज्ञात को आरोपी बनाया गया।