- सरदार सरोबर डूब प्रभावितो को सुप्रीम कोर्ट से राहत नही…
- कही जल सत्याग्रह तो कही हाईवे जाम
- चिखल्दा में अनशन पर बैठी मेघा पाटकर की हालत बिगड़ी
भोपाल, बड़बानी – गुजरात में सरदार सरोवर बांध की ऊचाई बढ़ाने से मध्यप्रदेश के 192 गाँव डूब क्षेत्र में आने से प्रभावित है, नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेघा पाटकर जहा चिखल्दा में चार दिन से आमरण अनशन पर बैठी है, वही उनके संगठन की सुप्रीम कोर्ट मै दायर याचिका पर फ़िलहाल कोई राहत नही मिली है अगली सुनवाई की 8 अगस्त को होगी, जबकि प्रशासन की डेड लाइन 31 जुलाई थी जो खत्म हो गई है, इधर अभी भी कई गांव ऐसे ही है जो खाली नही हुए है प्रशासन ग्रामीणो को आपात शिविरो में पहुंचाने के साथ मुआवजा बांटने के काम में लगा है उसके सामने चुनोतिया भी कम नही है, वही आरोप है कि पुनर्वास और मुआवजा बांटने मै भ्रष्टाचार हुआ है।
मध्य्प्रदेश के बड़बानी, धार, खरगोन और अलीराजपुर जिले के 192 गाँव सरदार सरोवर बांध की ऊचाई बड़ने से उसके डूब क्षेत्र में आ रहे है, स्थानीय लोगो को वहा से विस्थापित कर उनके पुर्न निवास के आदेश सरकार को दिये थे, इसके लिये 31 जुलाई की अंतिम तारीख दी थी, परन्तु लम्बे समय से नर्मदा बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में प्रभावित सम्पूर्ण विस्थापन एवं पुनर्वास की मांग को लेकर आन्दोलन करते रहे।
हाल में शनिवार को जल सत्याग्रह किया तो कल स्टेट हाईवे 26 कसरावद के बोधवाडा फ़ाटे पर जाम लगाया, दूसरी तरफ़ नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेघा पाटकर पिछले चार दिनो से चिखल्दा में आमरण अनशन कर रही है जिनकी हालत नाजुक है,
इधर सरदार सरोवर बांध की ऊचाई बड़ने से धार बड़बानी खरगोन और अलीराजपुर मै नर्मदा का जलस्तर बड़ रहा है और नदी खतरे के निशान से करीब 3 मीटर नीचे बह रही है, 20 अगस्त से बाँध का जल स्तर 130 मीटर आते ही पूरा क्षेत्र डूब आता जायेगा, लेकिन चारो जिलो के 9 हजार परिवारो के करीब 40 हजार लोग पिछ गाँवो में ही है।
पिछले दिनो तक अपने गाँवो मै ही डटे है जानकारी मिली है कि पानी का जल स्तर बड़ने से धार के मलवाडी, मोहिदपुरसहित अन्य गावो के ग्रामीण परिवार के साथ गाँव छोड़कर पुनर्वास केन्द्र पहुंचे है, ऐसी और खबरे भी आ रही है।
इधर सुप्रीम कोर्ट में दायर नर्मदा बचाओ आन्दोलन की याचिका पर कोई राहत नही मिली है इसकी अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिये थे की 31 जुलाई की डेड लाईन अब समाप्त हो गई है, इस मामले बड़बानी कलेक्टर तेजस्वी नायक का कहना है सुप्रीम कोर्ट मै याचिका खारिज होने के बाद अब पुराना आदेश ही माना जायेगा और प्रशासन मंगलवार से डूब प्रभावितो को पुनर्वास स्थल पर पहुंचाएगा, इधर सरकार का दावा है कि डूबप्रभावित क्षेत्र में सिर्फ़ सात हजार परिवार शेष रह गये है जिनमे से दो हजार परिवारो ने अपने मकान पुनर्वास क्षेत्र में बना लिये है जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित हर परिवार को राहत राशि 5.62 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दी है मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार सरोवर बांध की ऊचाई बढ़ाने का फ़ैसला कांग्रेस के कार्यकाल का है।
जबकि ग्रामीण और नर्मदा बचाओ आंदोलन का आरोप है कि पुनर्वास शासन और प्रशासन पूर्ण पुनर्वास कराने मै नाकाम सिद्ध हुआ है उसने समय रहते यानि 31 जुलाई तक अपनी जिम्मेदारी पूरी नही की जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी 31 जुलाई तकसभी प्रभावित परिवारो का पुनर्वास और मुआवजा देने के आदेश सरकार को दिये थे, जबकि कई पुनर्वास स्थलो का काम अधूरा है शेड नही बन पाये है तो बिजली पानी का इंतजाम भी ठीक नही है।
जब कि एन वी डी ए के उपाध्यक्ष रजनीश बेस का कहना है कि,जो व्यक्ति डूब क्षेत्र को नहीं छोडेगा उसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी माना जायेगा,जो परिवार पहली किश्त प्राप्त कर लेगा उसे समय सीमा मै क्षेत्र खाली करने का शपथ पत्र देना होगा, फ़िलहाल तो स्थिति ठीक नही कही जा सकती आगे टकराव की नौबत आने की सम्भावना से भी इंकार नही किया जा सकता।