नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या के रामजन्म भूमि – बाबरी मस्जिद विवाद के स्थाई हल के लिए तीन सदस्यीय समिति को इस मसले की मध्यस्थता सौपी हैं,जो आठ हफ़्ते में इस मुद्दे का स्थाई हल निकालेगी,और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौपेगी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगाई जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड,जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर की 5 सदस्यीय पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज एफ़ एम कफ़ीउल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थो का तीन सदस्यीय पैनल नियुक्त किया हैं जिसमें अध्यात्मिक गुरू रविशन्कर और और मद्रास हाईकोर्ट के सीनियर अधिवक्ता श्रीराम पन्चू इस पैनल में अन्य दो मध्यस्थ की भूमिका निभायेन्गे।
खास बात हैं पैनल के तीनो सदस्य तामिलनान्डू से है,संविधान पीठ ने पैनल को आदेश दिया हैं कि वह एक सप्ताह में प्रक्रिया शुरू कर देगा,और चार सप्ताह में अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा इसके उपरान्त 8 हफ़्ते में अपनी पूरी रिपोर्ट देगा, और मध्यस्थता की यह सारी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश के फ़ैजाबाद में संपन्न होगी।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने विशेष तौर पर मध्यस्थता समिति को आदेशित किया हैं कि उनकी सम्पूर्ण प्रक्रिया गोपनीय रहेगी,मध्यस्थता के दौरान सभी पक्षों के विचार गोपनीय रखे जायेंगे,जिनकी वीडीओ रिकार्डिंग होगी,जरूरत के मुताबिक मध्यस्थ पैनल में अन्य सदस्यों को भी जोड़ा जा सकता है,संविधान पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि पक्षकारो में सहमति नही होने के बावजूद हम मध्यस्थता का सहारा ले सकते हैं इसमें किसी प्रकार की कोई कानूनी बांधा नही हैं।