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ग्वालियरमध्य प्रदेश

ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिये नही मिल रहे डॉक्टर ,प्रशासन परेशान

ग्वालियर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिये नही मिल रहे डॉक्टर, प्रशासन परेशान

ग्वालियर- एक तरफ देश में बेरोजगारी का रोना रोया जाता है तो दूसरी तरफ दो सौ करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले ग्वालियर चंबल संभाग के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए डॉक्टर ही नही मिल रहे है।

ये हाल तब है, जब इस अस्पताल के डॉक्टरों को दिल्ली, आर्मी और सेंट्रल गवर्मेंट से ज्यादा पे स्केल पर लाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने हर स्तर पर भरपूर कोशिश भी कर ली है। लेकिन इस बीच प्रबंधन का समझ में आ रहा है, कि सरकार के द्वारा जो शर्तें रखी गयी है, उसके चलते डॉक्टर अस्पताल में ज्वाइंनिग से घबरा रहे है।

जिसमें सबसे बड़ा कारण ये है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का डॉक्टर प्राइवेट प्रेक्टिक्स नही कर सकता है… साथ ही वह जब अपनी नौकरी बांड से पहले छोड़ता है, तो उसे एक साल की सैलरी जमा करनी होगी। खास बात ये है कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के खाली पद के लिए बुलाए गए इंटरव्यू में सिर्फ 1 पीडियाट्रिक एनेस्थेटिक्स डॉ. नवनीत जिंदल की नियुक्ति ही हो पाई है।

डॉ. जिंदल को मिलाकर अब जब यहां 2 यूरोलॉजिस्ट, 6 पीडियाट्रिक सर्जन और नियोनेटोलॉजिस्ट व पीडियाट्रिक एनेस्थेटिक्स के 1-1 पद ही भर पाए हैं। जीआरएमसी प्रशासन अबतक तीन बार इंटरव्यू करा चुका है। लेकिन नेफ्रोलॉजिस्ट और नेफ्रो सर्जन की नियुक्ति नहीं कर पाया है। इसके अलावा यूरोलॉजिस्ट 4 और नियोनेटोलॉजिस्ट के 5 पद खाली पड़े हैं।

संभागायुक्त एमबी ओझा की देखरेख में हुए इंटरव्यू में एनेस्थीसिया के और यूरोलॉजी के खाली पद के लिए 3-3 और नेफ्रोलॉजिस्ट के 1 पद के लिए आवेदन आया था। नेफ्रोलॉजिस्ट इंटरव्यू देने नहीं आया। यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर के लिए यहीं पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उदित मिश्रा ने भी आवेदन किया था। दो आवेदक एमसीआई की मापदंडों को पूरा नहीं करते थे लिहाजा उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए।

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से अस्पताल के शुंभारभ को लेकर डेट भी मांगी जा रही है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने डॉक्टर की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे शुभांरभ के पहले स्टॉफ की नियुक्ति हो जाए। लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को डॉक्टर नही मिल रहे है।

आपको बता दें कि सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक में यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूनेट्रोलॉजी, गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, सर्जरी गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, एनेस्थीसिया एवं रेडियोलॉजी में डॉक्टरों के 88 पदों के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसमें महज 32 डॉक्टरों ने ही रूचि दिखाई है।

जिसमें से केवल 12 डॉक्टर ही मेडिकल कॉलेज की शर्तों पर खरे उतरे है। जबकि सुपर स्पेशिलिटी में डॉक्टर एवं कर्मचारियों सहित करीब 390 पदों पर भर्ती होना है। संभागीय आयुक्त एम बी औझा और प्रबंधन लगातार कोशिश में जुटा है क्योंकि इस अस्पताल के खुलने और चिकित्सा सेवाएं शुरू होने से ग्वालियर चंबल संभाग को बड़ी सौगात जो मिलेगी।

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