ग्वालियर- अपनी फीस वापस लेने के लिए एक छात्र को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखना पडा। जैसे ही छात्र का पत्र पीएम मोदी के नाम लिखे जाने की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन को मिली वैसे ही शनिवार को अचानक छात्र के खाते में उसकी फीस वापस आ गई। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक छात्र ने एक महिने पहले ही फीस वापसी के बदले रिश्वत मांग रही महिला का आडियो वायरल कर उसे सस्पेंड कराया था। फिर भी जब छात्र को रिलीफ नहीं मिला तो उसने पीएम को पत्र लिखकर जहर खाने की अनुमति मांगी।
ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में छात्रों के परीक्षा परिणाम में लेट लतीफी और गडबडियों को लेकर आवाज उठाने वालों को किस कदर परेशान किया जाता है इसका उदाहरण यहां देखने को मिला..विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये से आजिज होकर एक छात्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी पीस वापस दिलाने की मांग की और एसा नहीं होने पर जहर खाकर आत्महत्या की अनुमति मांगी..मामले के सुर्खियां बटोरते ही शनिवार को छात्र के खाते में उसकी फीस लौट आई..
दरअसल सीहोर निवासी आजादसिंह ग्वालियर के साइंस कॉलेज में एमएससी सेकेंड सेम में अगस्त 2016 में शामिल हुआ था लेकिन जब परिणाम निकला तो आजाद का नाम न तो पास हुए छात्रों की सूची में था और न ही फैल छात्रों में..इस बीच थर्ड सेमिस्टर के लिए फार्म भरने की तारीख आ गई एक दिन पहले ही छात्र को उसकी परीक्षा में फैल घोषित कर दिया गया लेकिन तबतक छात्र 2520 रुपये विश्वविद्यालय में जमा करा चुका था..जब छात्र ने अपनी फीस वापसी का आवेदन लगाया तो उससे महिला क्लर्क द्वारा 300 रुपये की रिश्वत मांगी गई..
इसकी शिकायत की तो रजिस्ट्रार ने महिला को निलंबित कर दिया लेकिन छात्र को फीस फिर भी नहीं मिली..सीएम हैल्पलाइन और कलेक्टर के यहां आवेदन लगाने पर भी छात्र को कोई रिलीफ नहीं मिला और 23 फरवरी को आजाद सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा..पत्र प्रकाशित होते ही शनिवार को इस छात्र के खाते में फीस 40 रुपये की कमी के साथ वापस आ गई..लेकिन इस कवायद में उसकी एक साल खराब हो गई।