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दिल्लीदेश

खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ की नई कार्यकारिणी निलंबित की, साक्षी बापस आएंगी और बजरंग पद्मश्री बापस लेंगे?

Vrij Bhushan and Sanjay Singh
Vrij Bhushan and Sanjay Singh

नई दिल्ली/ केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया को भंग करते हुए उसके नये अध्यक्ष संजय सिंह सहित उनकी पूरी कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है साथ ही नई फेडरेशन के लिए सभी फैसलों पर रोक लगा दी है। WFI की IOU एडॉप्ट कमेटी गठित करेगा मंत्रालय ने इसके लिए चिट्ठी लिखी है। जैसा कि 11 महिने बाद सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया हैं।

जैसा कि गत तीन दिन पहले 21 दिसंबर को भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव हुए थे और उसमें पूर्व अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के नजदीकी संजय सिंह अध्यक्ष बने थे संजय सिंह इससे पहले WFI के सचिव थे।

खेल मंत्रालय ने नए अध्यक्ष संजय सिंह ने जो फैसले लिए हैं उनपर पूरी तरह से रोक लगा दी है और कहा है कि यह सभी फैसले कुश्ती संघ के नियमों और कानून के खिलाफ है जैसा कि संजय सिंह ने अंडर 15 और अंडर 20 जूनियर कुश्ती टूर्नामेंट कराने की घोषणा की थी। जो गोंडा में 28 दिसंबर को शुरू होना थे गोंडा पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का संसदीय क्षेत्र है जैसा कि महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर अध्यक्ष रहते यौन शोषण का आरोप लगाया था और उन्हें हटाने के लिए लम्बा आंदोलन भी किया था लेकिन संजय सिंह के अध्यक्ष बनने और दबदबा कायम रहने के पोस्टर जारी होने के बाद रेसलर साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास लेने की घोषणा की थी जबकि अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री सम्मान वापस कर दिया था साथ ही गूंगा पहलवान ने भी अपना सम्मान लोटाने की घोषणा की थी। खेल मंत्रालय का संजय सिंह और उनकी कार्यकारिणी को सस्पेंड करना कही ना कही पहलवानों के यौन शोषण के आरोप और उनके खिलाफ आंदोलन को माना जा रहा है।

अध्यक्ष पद से संजय सिंह के सस्पेंड होने के बाद बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि WIF के सर्वसम्मति से चुनाव हुए थे अब सभी पदाधिकारी स्वतंत्र है वह इस फैसले पर क्या निर्णय लेते हैं मेरा इस कार्यकरिणी या अध्यक्ष से कोई लेना देना नहीं है संजय सिंह मेरा कोई रिश्तेदार नही है उन्होंने कहा मैं अब कुश्ती से अपने सन्यास की घोषणा करता हूं उन्होंने कहा जैसा कि जल्द लोकसभा चुनाव होने वाले है मुझे उसमें लगना है।

इधर रेसलर साक्षी मालिक ने कहा है कि चलो कुछ तो हुआ सरकार ने पहला कदम तो उठाया उन्होंने कहा हमारी लड़ाई सरकार से नही रही हम लड़ाई होनहार बच्चियों और महिलाओं को।लेकर है। अन्याय के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे हमारी लड़ाई फेडरेशन के एक व्यक्ति के खिलाफ है वही साक्षी की मां ने कहा इस निर्णय के बाद साक्षी अपने सन्यास का फैसला बदल सकती है जबकि बजरंग पुनिया ने फिलहाल अपना पद्मश्री अवार्ड वापस लेने से इंकार करतें हुए कहा है कि महिला पहलवानो के न्याय के लिए वह लड़ते रहेंगे कोई भी सम्मान बहनों के सम्मान से बड़ा नही है।

लेकिन केंद्र सरकार के खेल मंत्रालय का यह निर्णय कई सवाल भी पैदा करता है कि कही उसने यह फैसला राजनेतिक दबाब में तो नहीं लिया ? खेल मंत्रालय ने 11 महिने पहले कोई कार्यवाही क्यों नहीं की।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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