ग्वालियर- प्रोपर्टी का विवाद कितना खतरनाक हो सकता है ये खुद कानून के रखवालों को भी पता नहीं होता। ऐसा होता तो उस सब इंस्पेक्टर की जान बच जाती जो अपने ही बेटे की गोलियों का शिकार बना। ग्वालियर के दीनदयाल नगर में रहने वाले हनुमान सिंह को नहीं पता था कि उनकी ये यात्रा आखिरी यात्रा होगी। बडे बेटे ने संपत्ति विवाद में अपने थानेदार पिता को ही गोली से उडा दिया। इतना ही नहीं छोटे भाई और मां ने किसी तरह अपनी जान बचाई। अब पुलिस इस कलयुगी पुत्र अजय सिंह तोमर की सरगर्मी से तलाश कर रही है। घटना मंगलवार की रात 10ः30 बजे की है।
मृतक थानेदार के छोटे बेटे भानू सिंह तोमर ने बताया कि आदित्यपुरम में रहने वाला बडा भाई अजय तोमर अपनी पत्नी के साथ पिता के घर आया और फिर विवाद के बीच उसने पिता हनुमान सिंह को तीन गोलियां मार दी कुछ छर्रे भानू को भी लगे है। गोली मारने के बाद अजय फरार हो गया। एम्बुलेंस में भानू पिता को लेकर बिरला अस्पताल पहुंचा जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। भानू सिंह तोमर ने बताया कि में और मम्मी-पापा घर पर ही थे कि रात करीब 10ः30 बजे आदित्यपुरम में रहने वाले बडे भाई अजय तोमर अपनी पत्नी के साथ आए और मेरे सिर में पिस्टल जैसे हथियार का बट मारा। जिससे में बदहवास सा हो गया। कुछ देर बाद गोली चलने की आवाज सुनी तो में अंदर भागा, देखा कि भाई ने पापा को 2-3 गोलियां मार दी थी। पापा खून से लथपथ बिस्तर पर पडे थे। भाई ने मुझ पर भी गोली चलाई लेकिन मैने झुककर भागा और मुश्किल से जान बचाई फिर भी मुझे गोली के छर्रे लग गए।
इसके बाद भाई ने किचिन में काम कर रही मां शकुंतला तोमर को भी मारने की कोशिश की लेकिन मां भी बचकर भाग निकली। भानू और उनकीं मां शकुंतला को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं पडोसियों ने हनुमान सिंह को जेएएच पहुंचाया वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हनुमान सिंह धार में पदस्थ थे और उनका प्रमोशन मंडला में टीआई के लिए हो चुका था। पता चला है कि तोमर परिवार की एक कंपनी सबकी प्रॅापर्टी प्राइवेट लिमिटेड भी चलती है। जिसके संचालन को लेकर भी परिवार में आए दिन विवाद होता रहता था। भानू ने बताया कि अजय ने करीब 8 दिन पहले भी घर आकर गाली गलौज की थी।