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ग्वालियरमध्य प्रदेश

चाय वाले का बेटा बना पहले अटैम्प्ट में सीए

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ग्वालियर – कहते है कि यदि मन में कोई प्रण कर लिया जाय और उसके लियें मन से मेहनत की जाय तो मंजिल खुद व खुद नजदीक आ जा ती है। कुछ ऐसा ही किया है ग्वालियर के सत्यम अरोरा नें । उन्होने अपने पहले ही प्रयास में सीए जैसी कठिन परीक्षा पास कर शहर के साथ अपनें परिवार का नाम रोशन किया है।खास बात यह है कि सत्यम के पिता संदीप अरोरा चाय की छोटी सी दुकान चलाते है।

सत्यम ने 11वीं पास करते ही सीए बनने का सपना देख लिया था और इस सपनें को पूरा करने के लिये सत्यम नें दिन रात एक कर पहली बार में ही सीए बननें का अपना सपना पहले ही प्रयास में पूरा कर लिया सत्यम ने सीपीटी को एक बार में 146 मार्क्स के साथ पास किया। इसी तरह आईपीसीसी में 700 में से 420 माक्र्स और सीए फाइनल में 800 में से 411 माक्र्स के साथ सफलता हासिल की। सत्यम के पिता चाय की दुकान चलाते हैं।

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पूरे परिवार की खर्च इसी एक दुकान से चलता है। हलांकि सत्यम का सपना डाक्टर बननें का था मगर परिवार की स्थिति और पिता की चाय की दुकान देखकर सत्यम में अपने कैरियर के लियें चार्टर्ड अकाउंटेंट की राह पकड़ ली। दरअसल सत्यम के पिता की एक चाय की दुकान है। जों विरासत में मिली है। बस उसी चाय की दुकान से आज भी परिवार का गुजारा चलता है। ऐसे सभी के लियें चैकनें वाली बात है कि चाय वाले का लड़के नें पहली बार में ही सीए का एक्जाम क्लियर कर लिया। अपने सपने को पूरा करने के एसा नही है कि सत्यम नें पढाई के साथ सोशल मिडिया का पूरा इस्तेमाल किया ।

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फिर चाहे पढाई के दौरान मूड फ्रेश करने के लिये गेम खेलना हों या फिर अपने नोटस के लिये विशेषज्ञों की राय । सीपीटी क्लियर करने के बाद आईपीसीसी क्लियर किया, और रेगुलर स्टडी पर फोकस करते हुए 3 साल की आर्टिकलशिप में बहुत कम छुट्टी लीं, जिससे थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल सीखने में मदद मिली। नतीजतन ठीक 4 साल में चाय वाले का बेटा सत्यम सीए बन गया। बेटे के सीए बनतें ही चाय की दुकान चलानें वालें पिता के चेहरे पर खुशी साफ देखी जा सकती है।​

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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