बेरोजगारी का युवाओं पर असर 57 पदों के लिए आए साठ हजार आवेदन
ग्वालियर- सूबे की सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चैहान भले ही प्रदेश में रोजगार बढाने के लिये युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करनें और सरकार के खर्चे से आत्मनिर्भर बनाने के लिये कई योजनाओं को अमली जामा पहनाने की भरकश कोशिश में जुटे हो। मगर प्रदेश के युवाओं में शासकीय नौकरी का मोह किस कदर हावी है। इसकी एक बानगी उस समय दिखाई दी।
जब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ग्वालियर में फोर्थ क्लास की 57 वैकेंसी के लिये करीब 60 हजार से ज्यादा युवाओं नें एप्लाई किया। हलांकि मिडिल पास की शर्त रखी गई थी। मगर जिसमें ग्रेज्युेट, के साथ पीएचडी होल्डर,और इंजीनियर की डिग्री धारक भी है। प्रदेश में बेरोजगारी का असर युवाओं पर साफ तौर से देखा जा सकता है, हाल ही में जिला न्यायालय ग्वालियर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 57 पदों को लेकर जो स्थिति बनी है वह वाकई हैरान करने वाली है क्योंकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास रखी गई है लेकिन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनने के लिए ग्रेजुएट पोस्ट ग्रेजुएट और एमबीए छात्रों बड़ी संख्या में आवेदन किए हैं 31 दिसंबर तक अंतिम तिथि थी दौरान इस दौरान साठ हजार आवेदन आ चुके थे इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने से न्यायालयीन अधिकारी भी अचंभित हैं उनका कहना है कि बेरोजगारी के कारण लोग पढ़े लिखे होने के बावजूद चपरासी बनने तक के लिए तैयार हैं अब 28 जनवरी को इन आवेदनों की स्क्रीनिंग होगी उसके बाद फरवरी में आवेदन करने वालों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा वही युवाओं का कहना है कि पढ़े लिखे होने के बावजूद उनके लिए रोजगार के साधन या नौकरियां नहीं है इसलिए वह चपरासी बनने के लिए भी तैयार हैं, ये हालात केवल ग्वालियर जिले के है। प्रदेश के बाकी शहरों में हालात क्या होगें आप अंदाजा लगा सकते है।
दरअसल मध्यप्रदेश में चतुर्थ श्रेणी जिसमें स्वीपर, माली, प्यून, चैकीदार, जलवाहक के पद पर प्रदेश में सबसे ज्यादा 57 पेास्ट ग्वालियर में ही ।जिसमें शैक्षणिक योग्यता मात्र आठवीं पास थी मगर बेरोजगारी के आलम में पीएचडी होल्डर तक के लोगो नें आवेदन किया है। इस पर युवाओं का अपना अलग तर्क है।