नई दिल्ली/ वामपंथी धारा के ध्वजवाहक और वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी नही रहे 72 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली, उनकी इच्छा के मुताबिक उनकी पार्थिव देह दान कर दी गई है। माकपा के वयोवृद्ध नेता स्वर्गीय हरकिशन सिंह सुरजीत की विचारधारा को आगे बड़ाने वाला एक सुदृढ़ वामपंथी नेता संसार को अलविदा कह गया।
जानकारी के मुताबिक सीताराम येचुरी को निमोनिया बुखार और श्वास लेने में दिक्कत के कारण गत 19 अगस्त को दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था,लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं आया और करीब 25 दिन बाद गुरुवार को उनका निधन हो गया। उनकी इच्छा के मुताबिक पार्टी और परिजनों ने उनकी पार्थिव देह को हॉस्पिटल को दान कर दिया।
सीताराम येचुरी का जन्म 1952 में हुआ था अपनी शिक्षा के दौरान युवावस्था में ही उन्होंने वामपंथ को अपनाया और एफएसआई से होते हुए 40 साल की उम्र में वह पोलित ब्यूरो के सदस्य बने वर्तमान में वह माकपा के महासचिव थे। वे राज्यसभा सांसद भी रहे।
सीपीआईएम नेता श्री येचुरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर कहा कि सीताराम येचुरी के निधन से दुख हुआ, वह वामपंथ के अग्रणी प्रकाश थे और राजनीतिक स्पेक्ट्रम से जुड़ने की अपनी क्षमता लिए जाने जाते थे उन्होंने एक प्रभावी सांसद के रूप में अपनी पहचान बनाई, इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपने शोक संदेश में एक्स पर कहा,सीताराम येचुरी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ पहले एक छात्र नेता और फिर राष्ट्रीय राजनीति में सांसद के रूप में उनकी एक प्रभावशाली पहचान थी। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सीताराम येचुरी के निधन पर गहरा शोक जताया है उन्होंने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि देश की गहरी समझ रखने वाले वे भारत के विचार के रक्षक थे, श्री येचुरी मेरे मित्रवत थे, मैं हमारे बीच हुई लंबी चर्चाओं को याद करूंगा,दुख की इस घड़ी में उनके परिवार दोस्तों और समर्थकों। के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। इसके अलावा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संवेदना प्रकट की हैं।