ना खुदा मिला ना विशाले सनम सिंधिया समर्थको के सब्र का बांध टूटा
अगले तीन दिनों में बन सकता है शिवराज मंत्रिमंडल
भोपाल– मध्यप्रदेश में बीजेपी ने सत्ता तो हासिल कर ली और जल्दबाजी में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री भी बन गये लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते आज तक उनका मंत्रिमंडल नही बन सका, लेकिन अब मंत्रिमंडल बनने की सुगबुगाहट शुरू हो गई हैं।
इसको लेकर सिंधिया खेमे में काफी घबराहट की स्थिति देखी जा रही हैं क्योकि 14 अप्रेल को पहले लॉक डाउन के बाद उन्हें लग रहा था कि मंत्रिमंडल बनेगा लेकिन दूसरे लॉक डाउन की घोषणा ने उनकी इच्छाओं पर तुसारपात कर दिया लेकिन अब कामचलाऊ मंत्रिमंडल के बनने की खबर ने सिंधिया समर्थकों की नींद फिर उड़ा दी है। जो खबरे मिल रही है उन्हें माना जाये तो दो तीन दिन में शिवराज मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है।
बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने पाले में लाकर कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी और कमलनाथ के 20 मार्च को इस्तीफा देने के साथ सूबे में कांग्रेस सरकार गिर गई थी लेकिन और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी सम्हाल ली थी लेकिन कोरोना का हवाला देते हुए उस समय मंत्रिमंडल बनाने का मामला टाल दिया गया था लेकिन मध्यप्रदेश में कोरोना का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
मुख्यमंत्री भी अब सम्हाल नाही पा रहे और अकेले पड़ते नजर आ रहे है इधर मुख्यमंत्री और बीजेपी स्वास्थ्य मंत्री नही होने से कांग्रेस के निशाने पर हैं। नीतिगत फैसले नही हो पा रहे अधिकारियों के काम की मॉनिटरिंग नही हो पा रही । इसके चलते जो खबरे आ रही है उससे लगता हैं जल्द ही कम सदस्यों वाला कामचलाऊ मंत्रिमंडल बन जायेगा।
फिलहाल पहली सूची में स्वास्थ्य मंत्री गृहमंत्री वित्तमंत्री खाद्द एवं आपूर्ति मंत्री सहित करीब 10 लोगों को शपथ दिलाई जा सकती हैं बीजेपी की सूची में डॉ नरोत्तम मिश्रा भूपेंद्र सिंह, गोपाल भार्गव यशोधराराजे सिंधिया या ऊषा ठाकुर अरविंद भदोरिया सीताशरण शर्मा, विजय शाह, गौरी शंकर बिसेन रामपाल सिंह मंत्री बन सकते हैं।इनमें से एक विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी सम्हालेगा।
लेकिन छोटा मंत्रीमंडल बनने से सिंधिया समर्थकों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि पहले उन्हें लग रहा था कि विधायकी गई तो क्या हुआ बैंगलुरू से लौटते ही वे मंत्री की कुर्सी पर आसीन हो जायेंगे लेकिन कोरोना ने धमाल मचाकर उनकी राह में रोड़ा अटकाया।
उन्हें आशा बंधी 14 अप्रेल के बाद मंत्रिमंडल बन जायेगा लेकिन फिर दूसरे लॉक डाउन के ऐलान से उनकी हसरतें दिल मे ही दफ़्न हो गई उनकी चिंता का बड़ा कारण है कि 6 महिने में उन्हें चुनाव भी लड़ना हैं लेकिन जितना समय खिचेगा जो लग भी रहा है।
इससे उनके चुनाव जीतने की संभावनाएं भी उतनी ही कम होती जायेंगी। जैसी खबरें आ रही है फिलहाल 10 -12 सदस्यीय मंत्रिमंडल घोषित हो सकता है और दो तीन दिन में कुछ भी हो सकता है सूत्र कहते है वह भी 20 अप्रेल के आसपास यह छोटे स्वरूप का प्रदेश सरकार का मंत्रिमंडल घोषित होगा क्योंकि कोरोना को लेकर केंद्र की जो गाइड लाइन आई है।
उसकी पहले समीक्षा होना है लेकिन इस देरी से सिंधिया समर्थकों का सब्र का बांध टूटता नजर आ रहा है तो दिन का चैन रात की नींद भी हराम हो गई है मालूम पड़ा है फिलहाल सिंधिया खेमे से दो लोगो को मंत्री बनाना है उसमें जो नाम सामने आये है उनमें तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत के नाम प्रमुख है लेकिन सिंधिया खेमे की ग्वालियर चंबल में अधिकांश सीट आई थी इसे तरजीह मिलती है तो प्रधुम्न सिंह तोमर भी मंत्री बन सकते है।
बाकी इमरती देवी प्रभुराम चौधरी महेंद्र सिंह सिसोदिया के मंत्री बनने का सपना छोटे मंत्रिमंडल बनने पर तो पूरा होते नही दिख रहा।
वही बीजेपी के साथ खड़े नजर आ रहे निर्दलीय सपा बसपा के विधायक भी आस लगाये बैठे है लेकिन छोटे मंत्रिमंडल बनने पर तो उनकी हसरतें पूरी होते नही दिखती।