ग्वालियर/ मध्यप्रदेश सहित ग्वालियर में लगातार बारिश जारी है जिसके चलते ग्वालियर का ऐतिहासिक तिघरा बांध भी पूरी तरह से भर गया और वह खतरे के निशान पर जा पहुंचा यह देखकर प्रशासन के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग ने इस बांध के 7 गेट खोल दिए। लेकिन उससे पूर्व तिघरा जलाशय के आसपास के करीब एक दर्जन गांवो में अलर्ट जारी किया गया, और ग्रामीणों से सावधान रहने की मुनादी कराई गई। जानकारी मिलने पर तेज वर्षा के बावजूद ग्वालियर शहर से भारी तादाद में लोग तिघरा पहुंचे और जब तेज घनघोर गर्जना के साथ पानी की धवल मोटी धारा डेम के गेट से प्रवाहित हुई तो लोग रोमांचित हो गए और इस पल का भरपूर आनंद उठाया।
इस अवसर पर नगर निगम की महापौर शोभासिंह सिकरवार, सभापति मनोज सिंह तोमर, नेता प्रतिपक्ष हरीपाल ,कलेक्टर रुचिका चौहान, निगम आयुक्त शुभमन वैष्णव, एसडीएम अतुल सिंह तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।

सिंधिया राज्यकाल में माधौराव सिंधिया द्वारा मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के तकनीकी मार्गदर्शन में 100 साल से भी पहले तिघरा जलाशय का निर्माण कराया गया था। तभी से यह जलाशय ग्वालियर शहर की प्यास बुझा रहा है। इसीलिए तिघरा जलाशय को ग्वालियर की लाइफ लाइन कहा जाता है ।तिघरा जलाशय साँक नदी पर स्थित एक मीठे पानी का जलाशय है, जो ग्वालियर से 23 किमी दूर स्थित है। इस जलाशय को इसकी वर्तमान स्थिति के कारण 722 फुट तक ही भरा जाता है और जब यह बांध इस माप से ऊपर पहुंचता है तो अतरिक्त पानी निकालने के लिए इसके गेट खोल दिए जाते हैं यह बांध ग्वालियर वासियों की पीने के पानी की समस्या का निदान करता हैं।
तिघरा की डाउन स्ट्रीम में बसे गाँवों को सतर्क कर दिया गया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम लगातार निचले इलाके में बसे गाँवों में पैट्रोलिंग कर रहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने एहितयात बतौर एसडीआरएफ टीम को भी सतर्क कर दिया है। उन्होंने तिघरा जलाशय पर पिकनिक मनाने के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए हैं।
तिघरा जलाशय के प्रभाव क्षेत्र में कई गाँव शामिल है जिनमें ग्राम तिघरा, कैथा, तालपुरा ,महिदपुर, प्रथ्वीपुर, कुलैथ, अगरा भटपुरा, दुगनावली, तिलघना और ग्राम जखौदा शामिल है जबकि मुरैना जिले के गाँव पहाड़ी और बामौर भी इसके प्रभाव क्षेत्र में आते है।