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ग्वालियरमध्य प्रदेश

सेठ गोपालदास अग्रवाल स्मृति सेवा संस्थान का विभूति सम्मान समारोह सम्पन्न, हमारा लक्ष्य सेवा और कर्म होना चाहिए: सिंधिया

Scindia in program
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ग्वालियर/ सेठ गोपालदास अग्रवाल स्मृति सेवा संस्थान द्बारा विभूति सम्मान समारोह का आयोजन चेम्बर ऑफ कॉमर्स में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जस्टिस राकेश सक्सैना, कलेक्टर-श्रीमती रूचिका चौहान विशिष्ठ रूप से मौजूद रहे। कार्यक्रम में सामाजिक व्यावसायिक एवं धार्मिक क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाली विभूतियों को श्री सिंधिया ने सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सिंधिया ने कहा कि सेठ श्री गोपालदास जी की स्मृति में गठित किये गये सेवा संस्थान को मैं बधाई देना चाहता हॅूं कि यह संस्था एक ऐसे व्यक्ति की स्मृति को चिर स्थायी बना रही है जिनकी विगत पांच पीढियों ने सदैव सामाजिक सेवा, सामाजिक सोच और सामाजिक विचाधारा के आधार पर ग्वालियर को संगठित, सुरक्षित और शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान दिया है। जिंदगी में कुछ विरले ही ऐसे होते हैं, जो अपने समाज, क्षेत्र, राज्य, देश एवं सम्पूर्ण विश्व मे परिवर्तन लाने की क्षमता ही नहीं वरन उस परिवर्तन को साकार करने की क्षमता भी रखते हैं। उन्होंने कहा इसी श्रृंखला में हमारे देश को कई नवरत्न प्राप्त हुए, जिनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एवं महात्म्मा ज्योतिबा फुले जिनका सम्पूर्ण जीवन, एक शब्द में संघर्ष का परिचय, मानव जाति को देता है। यह नवरत्न हमारे पथ प्रदर्शक हैं। इन्हीं महानुभावों के पदचिन्हों पर चलकर ग्वालियर क्षेत्र के विकास एवं प्रगति में, व्यापारी वर्ग के बीच में समाज सेवा में सेठ गोपालदास जी ने अपनी महती भूमिका जीवन पर्यंत निभाई और वही लक्षण उन्होंने अपने परिवार को दिये हैं।

श्री सिंधिया ने कहा आज प्रतिस्पर्धा का दौर है, हर कोई एक दूसरे से आगे निकलना चाहता है लेकिन आज भी सबसे जरूरी आपके सिद्घांत और मूल्य हैं। हमारा देश मूल्यों और सिद्घांतों का भण्डार है, जिसकी सुरक्षा करना भी हमारी जिम्मेदारी है। आपने कहा कि हमारे शास्त्रों में लिखा है, कर्म करो फल की चिंता मत करो। इसका तात्पर्य है कि हमें अपना लक्ष्य निर्धारित करना है। लक्ष्य या तो कर्म हो सकता है या फल। आधुनिक काल में मानव जाति भूल चुकी है कि लक्ष्य क्या होना चाहिए और उसे प्राप्त करने का माध्यम क्या होना चाहिए ? लक्ष्य, फल, कुर्सी, उपाधि व पैसा बन गया है जबकि लक्ष्य सेवा और कर्म होना चाहिए। आज जिन विभूतियों को हमने सम्मानित किया है, उनका हमें धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए क्योंकि इन सारे विभूतियों ने अलग-2 क्षेत्रों में हमें रास्ता दिखाया है। मैं कहना चाहूंगा कि आज हमने अपने ग्वालियर के रत्नों का धन्यवाद अर्पित किया है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री सिंधिया ने लाल टिपारा गौशाला के स्वामी ऋषभ देवानंद, समर्पण चैरिटेबिल सोसयटी के प्रेरक सी.ए. जी.डी. लड्ढा, समाज सेवी-श्रीचंद वलेचा, जौरासी में महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण करवाने वाले श्री हनुमान मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष-एडवोकेट सुरेश चतुर्वेदी, एहसास संस्था प्रारंभ करने वाली सी.ए. गीता आलोक ढींगरा, सेन्ट्रल लायब्रेरी महाराज बाड़ा का रिनोवेशन करवाने वाले प्रबंधक-विवेक सोनी एवं नवज्योति फाउण्डेशन के विशाल जैन जिन्होंने कोरोना काल में मरीजों की सेवा से लेकर कमला राजा हॉस्पिटल में जनहसयोग से पीने के पानी की व्यवस्था तक कई सामाजिक कार्यों के लिए शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं मार्ल्यापण कर सम्मान किया गया।

इससे पूर्व जस्टिस राकेश सक्सैना ने सेठ गोपालदास जी के जीवन पर प्रकाश डाला और संस्थान के अध्यक्ष ग्वालदास अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे सेठ स्व. श्री गोपालदास जी अग्रवाल स्मृति सेवा संस्थान के सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने सम्मानित विभूतियों के उल्लेखनीय कार्यों से उपस्थितजनों को अवगत कराया।

कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह, डॉ. निहारिका जैन, डॉ, नेहल अग्रवाल एवं मानस अग्रवाल द्बारा प्रदान किये गये आभार संस्थान की उपाध्यक्ष श्रीमती साधना जैन ने किया।

कार्यक्रम में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त अध्यक्ष-हेमंत गुप्ता, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव पवन कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल सहित शहर के प्रबुद्घजन,व्यवसायीगण प्रमुखता से मौजूद रहे।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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