- सीआईडी जांच में जिसे दोषमुक्त किया वही निकला कातिल,
- 13 साल बाद रवि निवास को सुनाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा
ग्वालियर- ग्वालियर जिला न्यायालय हत्या के एक मामले में 13 साल बाद फैसला सुनाते हुए असली आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। जबकि सीआईडी जांच में दोषी ठहराए गए, तीन लोगों को दोष मुक्त कर दिया हैं। खास बात यह है कि रसूखदार रवि निवास गुप्ता को पुलिस और सीआईडी जांच में क्लीन चिट मिल चुकी थी।
लेकिन इस मामले की परिजनों द्वारा हाईकोर्ट में अपील दायर की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को दोबारा जांच कर अधीनस्थ न्यायालय को विचारण के लिए भेजा विचारण न्यायालय ने आरोपी रवि निवास गुप्ता को दोषी मानते हुए उसे उम्र कैद की सजा और 32 हजार के जुर्माने से दंडित किया हैं। जबकि उसके सहयोगी रहे जीतेंद्र विवेक सिंह और आशिक बेग को दोषमुक्त करार दिया है। दरअसल 13 मार्च 2005 को गोली लगने से घायल हालत में दीपक गोयल को लेकर रवि निवास जयारोग्य अस्पताल पहुंचा था। उसने वहां बताया कि तीन अज्ञात आरोपियों में उन पर फायरिंग की हैं। जिसमें वह खुद घायल हुआ है और दीपक की बाजु को चीरती हुई गोली उसके सीने में घुस गई। जब बाद में घरवालों ने रवि पर शक जाहिर किया तो पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की पूछताछ में रवि ने 15 मार्च 2005 को हत्या में प्रयुक्त हुआ कट्टा भी बरामद करा दिया। रवि का कहना था कि उसकी बहन से मृतक दीपक गोयल ने नजदीकी बढ़ा ली थी।
जो उसे नागवार गुजरी उसने दीपक को सबक सिखाने उसकी हत्या की प्लानिंग की और पोरसा में रहने वाले रवि ने बहला-फुसलाकर अपनी कार में बिठा लिया और इंदरगंज इलाके में उसे गोली मार दी रवि निवास ने अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए मामले की सीआईडी जांच कराने के आदेश करा लिए और उसने खुद को निर्दोष भी साबित करा लिया। लेकिन न्यायालय में उसका झूठ ज्यादा नहीं टिक सका।