नई दिल्ली/ भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश करते हुए बताया है कि उसने कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी सौप दी है। जिसके मुताबिक 2019 से 2024 तक 22,217 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए और पार्टियों ने 22,030 बॉन्ड्स का पैसा केश कराया, बाकी बॉन्डस को एसबीआई ने पीएम रिलीफ फंड में जमा करा दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार ने बुद्धवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट फाइल की है इसमें एसबीआई की तरफ से जानकारी दी गई कि सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च के निर्देश के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी उपलब्ध सभी जानकारी चुनाव आयोग को सौप दी हैं। SBI के चेयरमैन ने बताया कि हमने चुनाव आयोग को पैन ड्राइव में दो फायले दी है एक फाइल में बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल्स है दूसरी फाइल में बॉन्ड्स को इनकेश करने वाले राजनेतिक दलों की जानकारी है। लिफाफे में दो पीडीएफ फाइले भी है ये पीडीएफ फ़ायले पैर ड्राइव में रखी गई है इन्हें खोलने के लिए जो पास वर्ड है वह भी लिफाफे में दिया गया है।
SBI के हलफनामे के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 तक 22 हजार 217 इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे गए थे इनमें से 22,030 बॉन्ड का पैसा राजनेतिक पार्टियों ने केश करा लिया जबकि पार्टियों ने 15 दिन की वेलेडिटी अंदर 187 बॉन्ड को केश नही कराया,उनकी रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में ट्रांसफर कर दी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सहित 5 जजों की संविधान पीठ ने 11 मार्च को एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए SBI को आदेश दिया था कि SBI 12 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड्स का पूरा डेटा चुनाव आयोग को दे और चुनाव आयोग उस डेटा को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करें। जैसा कि एसबीआई ने चुनाव आयोग से इस काम के लिए 30 जून तक का समय मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा यदि अभी भी एसबीआई डेटा नही देता तो सुप्रीम कोर्ट उसके खिलाफ लीगल कार्यवाही करेगा।