शहडोल, भोपाल/ मध्यप्रदेश में रेत माफिया बेलगाम हो चुके है पिछले कुछ सालों में एक आईपीएस अधिकारी सहित दर्जनों सरकारी अधिकारी कर्मचारी की रेत माफिया के इशारे पर हत्याएं और हमले हो चुके है लेकिन सरकार और उसका वरिष्ठ प्रशासन हाथ पर हाथ रखें बैठा है इससे साफ होता है कि इस करोड़ों के अवैध गोरखधंधे में कही ना कही सरकार और उसके बड़े हाथ हिस्सेदार है यदि ऐसा नहीं है तो सैकड़ों शिकायत और हत्या की वारदातों के बाद भी उसने कड़ी और ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की? अब प्रदेश के शहडोल में एक पटवारी की रेत माफिया के इशारे पर बलि ले ली गई जिसकी ट्रेकर से कुचलकर निर्ममता से हत्या कर दी गई।
शहडोल के ब्योहारी तहसील के खड्डा में पदस्थ पटवारी प्रसन्न सिंह सहित अन्य तीन चार पटवारी कर्मचारी शनिवार रविवार की दरमियानी रात सोन नदी से अवेध रेत खनन रोकने गोपालपुर क्षेत्र में पहुंचे थे इसी बीच उन्हें नदी के घाट पर एक रेत से भरी ट्रेक्टर ट्राली को देखा जब उन्होंने पूछताछ के लिए उसे रोकना चाहा तो ड्राइवर ने एकाएक ट्रेक्टर तेज गति से चलाते हुए जानबूझकर उसे सीधा पटवारी प्रसन्न सिंह पर चढ़ा दिया सिर कुचलने से उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई इस बीच ट्रेक्टर चालक वहां से फरार हो गया।
साथ में मोजूद अन्य पटवारियों ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस घटना की पूरी जानकारी दी। लेकिन असंवेदनहीनता देखिए रात में मौके पर कोई भी संबंधित प्रशासनिक अधिकारी या कर्मचारी नहीं आया और पटवारी का शव नदी के घाट पर रात भर पड़ा रहा। सुबह देवलोंद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और उसने कार्यवाही शुरू की और शव को पीएम के लिए रवाना किया।
घटना के बाद कलेक्टर वंदना वैध ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी साथ ही पीड़ित परिवार को सहायता राशि के साथ हरसंभव मदद दी जायेगी। जबकि एसपी कुमार प्रतीक ने बताया पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और सूचना मिलते ही एएसपी दिनेश चंद्र सागर ने फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 30 हजार का इनाम घोषित कर दिया था और आरोपी शुभम विश्वकर्मा को समीप के दूसरे जिले मैहर से गिरफ्तार कर लिया है साथ ही उसका ट्रैक्टर भी जब्त कर लिया गया है।
शहडोल में रेत और कोयले का अवैध उत्खनन का गोरखधंधा लंबे समय से लगातार जारी है तमाम शिकायतें भी की गई एक दिन पहले शनिवार को खनिज विभाग ने 250 घन मीटर रेता जब्त की थी सूत्रो के मुताबिक खनन माफिया के खिलाफ प्रशासन ने कोई कड़ी कार्यवाही नही की जिससे खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं जिसकी परिणीति में एक पटवारी को अपनी जान गंवाना पड़ी।
मध्यप्रदेश में यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी प्रशासन के कर्मचारी को अवैध खनन माफिया ने मौत के घाट उतारा हो इससे पहले ग्वालियर चंबल सहित प्रदेश के अनेक जिलों में रेत का अवेध कारोबार करने वाले यह माफिया आईपीएस डिप्टी कलेक्टर पुलिस ऑफीसर पुलिस कर्मचारी फॉरेस्ट रेजर वन कर्मचारी और खनिज कर्मचारी और प्रशासनिक कर्मचारियों को भी मौत की नींद सुला चुके है। मध्यप्रदेश के मुरैना भिंड श्योपुर ग्वालियर शिवपुरी गुना नर्मदापुरम (होशंगाबाद) सिंगरोली शहडोल उमरिया सीहोर सहित अनेक जिले अवेध रेत कारोबार के लिए कुख्यात है यहाँ बाहुवली रेत माफिया सक्रिय है जो भारी मात्रा में रेत और कोयले का अवेध उत्खनन करते है और उनके बीच जो भी रोड़ा बनता है उसे यह जान से खत्म करने से भी नही चूकते फिर चाहे वह कोई भी हो रेत माफियाओं के बुलंद हौंसले देखिए मुरैना के बानमोर में तो उन्होंने एक आईपीएस नरेंद्र कुमार को ट्रेक्टर से कुचलकर मार डाला था। उसके बाद क्या हुआ, क्या रेत के अवेध उत्खनन पर अंकुश लगा ? नहीं, आज भी ग्वालियर चंबल में यह अवेध कारोबार उसी तरह फल फूल रहा है।
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा कि, शहडोल में रेत माफिया द्वारा अवैध खनन रोकने गए पटवारी श्री प्रसन्न सिंह को ट्रैक्टर से कुचलकर मार देने की जघन्य वारदात सामने आई है। यह पहला मौका नहीं है जब मध्यप्रदेश में रेत माफिया ने इस तरह से किसी सरकारी व्यक्ति को कुचल कर मार दिया हो। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान पनपा भ्रष्टाचार और घोटालों के कारण यह स्थिति बनी है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। मैं प्रशासन से मांग करता हूं कि दिवंगत पटवारी के परिवार को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।ओम शांति।
इधर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने इस घटना के बाद भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए गंभीर आरोप लगाए है उन्होंने कहा है कि शिवराज के राज्य में प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है पटवारी, मायनिंग और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर लगातार जानलेवा हमले हो रहे है रेत माफिया पत्थर माफिया और शराब बेचने वाले खुलकर गुंडागर्दी कर रहे है सरकार का संरक्षण मिलने से ही उनकी हिम्मत बढ़ गई है।