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नारी शक्ति को सलाम, कांग्रेस ने सागर की 8 विधानसभाओं में से 4 पर महिला प्रत्याशी खड़े किए

Congress
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  • नारी शक्ति को सलाम, कांग्रेस ने सागर की 8 विधानसभाओं में से 4 पर महिला प्रत्याशी खड़े किए,

  • दिग्गज मंत्रियों से मुकाबला, हैरत भरे रोचक प्रसंग आए सामने

सागर/ मध्यप्रदेश में सागर एक मात्र ऐसा जिला रहा है जहां 8 विधानसभाओं में से 4 प्रत्याशी महिलाएं है यहां सीधा सीधा 50 फीसदी सीटों पर नारी शक्ति को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है और यह काम किया है कांग्रेस पार्टी ने खास बात है इन महिलाओं का मुकाबला बीजेपी के जमे हुए धुरंधर नेताओं से है जिसमें से दो प्रभावी और दिग्गज मंत्री भी शामिल है अब देखना होगा कि जनता की अदालत में उन्हें कितना सपोर्ट और वोट मिलते है।

सागर जिले में विधानसभा की 8 सीटें है कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में महिलाओं को भरपूर मौका दिया है। और कुल 30 महिलाओं को टिकट दिया है लेकिन सागर जिले में कांग्रेस ने पहली बार 50% महिला प्रत्याशी उतारी है यानि 8 में से 4 विधानसभाओं में महिला प्रत्याशियों को मौका दिया है। और यह विधानसभाएं सागर जिले की सागर खुरई,रहली और बीना है।

निधी सुनील जैन VS शैलेंद्र जैन

Nidhi Jain
Nidhi Jain

सागर विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर लगातार तीन बार से जीत दर्ज कर चुके वर्तमान विधायक शैलेन्द्र जैन का मुकाबला अपने सगे छोटे भाई सुनील जैन जो देवरी से विधायक रह चुके है उनकी की पत्नी निधि जैन से होगा यानि भाजपा के प्रत्याशी शैलेंद्र जैन निधि जैन के खास जेठ है जिससे मुकाबला काफी रोचक होने की उम्मीद है निधि जैन पत्रकारिता से पोस्ट ग्रेजुएट है उन्होंने जूलॉजी से एमएससी किया है साथ ही पेशे से पत्रकार व एक दैनिक अखबार की मालिक है। खास बात है निधि जैन अभी हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में साग़र नगर निगम से कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी थी, जो भाजपा की प्रत्याशी से हार गई थी। लेकिन सागर विधानसभा में जैन समाज का अच्छा खासा वोट बैंक है लेकिन निधि जैन काफी सक्रिय रही और उनकी क्षेत्र में पकड़ के साथ महिलाओं पर खासा प्रभाव है।

गौरतलब है कि सागर विधानसभा में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही दल जैन समाज के व्यक्ति को टिकिट दे रहे है और पिछले 4 दशक से यहां लगातार जैन समाज से ही विधायक चुने जा रहे है। लेकिन इस बार एक ही परिवार के दो लोगों के चुनाव में खड़े होने से वोट बंटने के आसार जरूर पैदा हो गए है।

रक्षा राजपूत VS मंत्री भूपेंद्र सिंह 

Raksha Rajput
Raksha Rajput

वही खुरई विधानसभा से नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने रक्षा राजपूत को टिकिट दिया गया है। रक्षा राजपूत ने मालथोन से प्रारंभिक पढ़ाई की सागर के एक्सीलेंस कॉलेज से बीबीए और पीजीडीसीए करने के साथ हिस्ट्री में एमए किया और वर्तमान में एलएलबी कर रही है पुलिस और आरपीएफ की परीक्षा पास की लेकिन मेडिकल में पास नही हो पाई। रक्षा राजपूत ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के मंसूबे पर उस समय पानी फेरा था जब नगरीय निकाय चुनावों में नगरीय प्रशासन मंत्री रहते उन्होंने अपने विधानसभा में तीन नयी नगर पालिकाएँ सृजित करवाई थी दो में तो वह निर्विरोध जिता ले गए ,पर रक्षा राजपूत के गृह क्षेत्र मालथौन से रक्षा ने स्वयं व अपने परिवार जनों को पार्षद का चुनाव लड़वाकर मालथौन पालिका चुनाव को रोचक बना दिया था। गौरतलब है कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह के धुर विरोधी रहे दिग्गज नेता अरूणोदय चौबे की अभी हाल ही में कांग्रेस में वापिसी हुई है उन्हें प्रत्याशी माना जा रहा था पर व्यक्तिगत आरोपों के चलते उन्हें कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं बनाया और अब रक्षा राजपूत को उम्मीदवार बनाया गया है। लेकिन अरुणोदय चौबे पूरी तरह रक्षा के समर्थन के साथ सहयोग करेंगे साथ ही ललितपुर के गुड्डू राजा बुंदेला मदद के साथ हमेशा रक्षा के साथ खड़े रहेंगे उन्हें यह आश्वासन मिला है।

लेकिन रक्षा राजपूत ने एक बयान में खुलासा किया कि मेरे पिता सरकारी स्कूल के शिक्षक थे 2017 की बात है कुछ नेता उन्हें परेशान कर रहे थे घर पर कब्जा करने की फिराक में घर का सामान फैंक रहे थे, पापा मंत्री के पास गए लेकिन मदद नहीं मिली आखिर उन्होंने सुसाइड कर लिया सुसाइड नोट लिखकर गए थे लेकिन उसपर भी कोई एक्शन नहीं हुआ,यह कहना है मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ खड़ी हुई रक्षा राजपूत का,वह राजनीति में आने की वजह बताते हुए कहती है कि मंत्री का आतंक है वह किसी को कुछ समझते ही नही है किसे किसके साथ जाना है किसके साथ रहना है जो भी होगा हमारे हिसाब से होगा सारी चीजें उन्होंने पॉलिटिक्स के इर्द गिर्द लाकर रख दी है उन्होंने कहा राजनीति में उनकी एंट्री अचानक नही हुई मेरे पापा को राजनीति में ऐसा फंसाया कि उन्हें सुसाइड करना पड़ा आरोपियों पर तो कोई कार्यवाही नही हुई उल्टा हमें फंसाने की कोशिश शुरू हो गई और माहोल देखकर उन्हें राजनीति में आना पड़ा।

उन्होंने एक वाकये का जिक्र करते हुए बताया कि मालथोंन से उन्होंने 2022 में पार्षद का चुनाव लड़ा उनकी प्रस्तावक कुसुमरानी सिसोदिया थी लेकिन एकाएक कुसुम रानी ने एआरओ को शिकायत करदी कि प्रस्तावक पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए है एआरओ ने जांच अधिकारी को रिपोर्ट दी उसके बाद थाने में उनके खिलाफ धारा 420, 468 और 471 के तहत केस दर्ज कराया गया रक्षा वह चुनाव हार गई लेकिन केस अभी भी चल रहा है। यह कैसे और किस के इशारे पर हुआ समझा जा सकता है।

खास बात है रक्षा की कहानी से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी प्रभावित हुई कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक उनके कहने पर ही रक्षा राजपूत को टिकट दिया गया है प्रियंका उनके प्रचार के लिए यहां रैली भी करेंगी।

 

ज्योति पटेल (कुर्मी) VS गोपाल भार्गव 

Jyoti Patel
Jyoti Patel

सागर की रहली विधानसभा से 8 बार से लगातार जीतते आ रहे पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के खिलाफ कांग्रेस ने इंजीनियर ज्योति कुर्मी पटेल को उतारा है। जिन्होंने कंप्यूटर साइंस से एमटेक किया है यह इलाका कुर्मी बाहुल्य है और यहां इस जातिवर्ग के 40 हजार वोटर्स है साफ है जिसके चलते ज्योति पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है साथ ही उनके पिता पलटूराम पटेल समाज में खुद अच्छा खासा दखल रखते है जबकि ज्योति पटेल दो बार से जिला पंचायत की सदस्य भी है और वह कांग्रेस में लगातार सक्रिय भी रही हैं।

ज्योति पटेल का साफ कहना है कि वह दहशत की राजनीति के विरोध में है गोपाल भार्गव यहां डरा धमकाकर लगातार चुनाव जीतते आए रहे है मैं चाहती हूं कि यहां सब लोग स्वतंत्र होकर अपना निर्णय लें। ज्योति का आरोप है कि गोपाल भार्गव खुद तो करोड़पति हो गए लेकिन क्षेत्र का विकास नहीं हुआ किसान कर्ज में डूबा है रोजगार के कोई साधन नहीं है।

निर्मला सप्रे VS महेश राय

Nirmala Sapre
Nirmala Sapre

वर्तमान में कांग्रेस की जिला अध्यक्ष है निर्मला सप्रे जो 2009 में सरकारी शिक्षक की नोकरी छोड़कर राजनीति में आई, उन्हें पार्टी ने 2013 में बीना विधानसभा से उम्मीदवार बनाया था उन्होंने अच्छी फाइट की लेकिन वे उस समय भाजपा के धरमू राय से चुनाव हार गई थी। जबकि 2018 में उन्हे टिकट नहीं मिला और शशि केथोरिया उम्मीदवार थे जो काफी बड़े अंतर से चुनाव हार गए थे और केथोरिया बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे लेकिन निर्मला लगातार सक्रिय रही और अध्यक्ष बनने के बाद उनका बर्चस्व और पकड़ क्षेत्र में और बढ़ गई चूकि बीना विधानसभा में खटीक जातिवर्ग का काफी बड़ा वोट बैंक है। इस बार कांग्रेस की निर्मला सप्रे का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी महेश राय से हैं।

Alkendra Sahay

The author Alkendra Sahay

A Senior Reporter

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